fbpx

Measles Vaccine in Hindi: खसरे का टीका कब लगता है? जानें खसरा टीके के साइड इफेक्ट

Measles Vaccine in Hindi: खसरे का टीका कब लगता है? जानें खसरा टीके के साइड इफेक्ट

खसरा बच्चों में होने वाला रोग है। इसका टीका (Measles Vaccine) उपलब्ध है जिसे कई अध्ययनों का आकलन करने के बाद दिया जाता है। यह एक बहुत आसानी से फैलने वाला रोग है जिसके बच्चें आसानी से शिकार हो जाते है। वैसे आजकल यह व्यसकों में इतनी आम नहीं है लेकिन बच्चों में यह अभी भी बहुत ज्यादा देखी जाती है। और यह बच्चों के मरने का एक कारण भी बन गया है। 

आज हम आपको यहाँ खसरा का टीका (Measles Vaccine) कब लगाना चाहिए और इसके साइड इफेक्ट्स के बारे में बताएंगे। वैसे तो टीके के फायदे उनके साइड इफेक्ट्स से ज्यादा होते है लेकिन फिर भी आपको इनके साइड इफेक्ट्स के बारे में पता होना चाहिए जिससे आप किसी गंभीर स्थिति में ना आए। 

खसरे का टीका कब लगाना चाहिए? (when to take measles vaccine)

खसरा एक संक्रामक बिमारी है जिसका मतलब है कि यह एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलती है। यह बहुत आसानी से फैलने वाली बिमारी है। इसलिए बच्चें को समय पर टीका (measles vaccine) लगवाएं जिससे आप अपने बच्चें को इस बिमारी से बचा सकें और पूरे विश्व को इस महामारी से बचा सकें। 

खसरे का टीका क्यों लगाया जाता है? (why is it important to be vaccinated against measles)

यदि रोग होने के कुछ दिनों के अंदर दिया जाए तो यह उस रोग से लड़ने में मदद करता है। यह टीका एचआईवी संक्रमण से पीड़ित लोगों के साथ-साथ सभी के लिए सुरक्षित होता है। यह खसरे से शिशु को बचाता है। 

खसरे का टीका देने का तरीका (how to give measles vaccine) 

खसरे का टीका (measles vaccine) सूखे पाउडर के रूप में आता है तथा इसे त्वचा के नीचे या मांसपेशी में दिए जाने से पहले मिलाने की जरूरत होती है। यह टीका कितना प्रभावी होगा यह रक्त की जांच से पता चल पाता है। 

सावधानियाँ क्या-क्या रखें (what precautions to be taken during measles)

  • बच्चें को बुखार होने पर जब तक वो पूरी तरह स्वस्थ ना हो जाए तब तक उसे एम एम् आर (MMR Vaccine) का टीका नहीं देना चाहिए।
  • अगर आपके बच्चें को एलर्जिक रिएक्शन हो तो अपने बच्चें को यह टीका ना लगवाएं।

खसरे के टीके के साइड इफेक्ट्स (measles vaccine side effects)

एम एम आर का टिका (MMR vaccine) वैसे तो बहुत सुरक्षित और कारगर है। यह आपके शिशु को मम्प्स, खसरा, रूबेला की बीमारियोँ से बचाता है। लेकिन फिर भी जैसे हर दवाई के साइड इफ़ेक्ट होते है वैसे इसके भी कुछ हल्के फुल्के साइड इफेक्ट्स होते है। ये दुष्प्रभाव उतने गंभीर नहीं होते जितना अगर किसी बच्चें को इसका टीका ना मिलने पर स्थिति गंभीर हो जाती है। 

  • शरीर में उस जगह दर्द होना जहाँ टीका लगाया गया हो।
  • जहाँ टीका लगाया गया हो वहाँ त्वचा लाल पड़ना और सूजन आना
  • बुखार आना
  • हल्के लाल चकत्ते होना
  • जोड़ों में दर्द और जकड़न होना
  • गाल और गर्दन में सूजन होना

डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग किसी भी प्रकार से दवाई या डॉक्टर से लिया गया इलाज का विकल्प नहीं है। किसी भी समस्या के लिए डॉक्टर से  www.aayu.app पर परामर्श लें ।

 

ये भी पढ़ें:

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल:

(A) खसरा बीमारी कैसे होती है?

खसरा को मीज़ल्स भी कहा जाता है जो श्वसन के माध्यम से फैलता है (संक्रमित व्यक्ति के मुंह और नाक से बहते द्रव के सीधे या वायुविलय के माध्यम से संपर्क में आने से) और बहुत संक्रामक होता है तथा 90% लोग जिनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता नहीं है और जो संक्रमित व्यक्ति के साथ एक ही घर में रहते हैं उन्हें यह होने की संभावना ज्यादा पाई जाती है। 

(B) खसरा रूबेला वैक्सीन क्या है?

रूबेला वैक्सीन (measles vaccine) खसरा से बचाव के लिए इस्तेमाल की जाती है। यह एक अत्यधिक संक्रामक रोग है जो वायरस की वजह से होता है. यह टीका बच्चों को बीमारी से बचाता है। 

(C)रूबेला वैक्सीन कीमत क्या है?

इस टीके की कीमत एक हजार के आसपास होती है लेकिन सरकार इसे मुफ्त में देती है। इसके तहत मीज़ल्स को नियंत्रित करने के लिए नौ माह से 15 वर्ष तक के बच्चों को यह टीका लगाना जरूरी होता है। 

CATEGORIES
Share This

COMMENTS

Wordpress (0)
Disqus ( )