Measles Symptoms and Treatment: खसरा रोग के कारण, लक्षण और इलाज के बारे में जानें
Measles Symptoms and Treatment: खसरा एक संक्रामक रोग है, जो संक्रमित बलगम और लार के संपर्क के कारण फैलता है। खसरा को रूबेला भी कहा जाता है, कई विकासशील देशों में बच्चों की मृत्यु का एक सबसे प्रमुख कारण खसरा रोग (measles) भी है। पिछले लगभग 2 दशक पहले यह बहुत आम बीमारी थी, हालांकि अब खसरा वायरस को रोकने के लिए वैक्सीन आ चुकी है।
बता दें कि संक्रमित व्यक्ति जब खांसते या छींकते हैं, तो संक्रमण हवा में फैल जाता है। यह बचपन में होने वाला एक संक्रमण रोग है। मौसम परिवर्तन के साथ-साथ वायरल इंफेक्शन का खतरा भी बढ़ जाता है। अगर समय पर खसरा की पहचान की जाए तो इलाज करना आसान रहता है, अन्यथा यह गंभीर भी हो सकता है। इसलिए आज हम आपको इस लेख में बता रहे हैं खसरा क्या है, खसरा का कारण, लक्षण और खसरा का इलाज के बारे में, इसे पढ़कर आपके लिए खसरा का निदान करना आसान रहेगा।
(1) खसरा रोग क्या है? (What is Measles )
दरअसल, खसरा एक तरह की संक्रमण बीमारी है, जो रूबेला रेस्पिरेटरी वायरस के संपर्क में आने से फैलती है। खसरा (measles) से संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने के कारण यह संक्रमण हवा में जल्दी फैल जाता है और दूसरे व्यक्ति को भी प्रभावित कर सकता है।
खसरा रोग संक्रामक वायरस के कारण होता है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैलता है। इसमें पूरे शरीर पर लाल चकत्ते उभर आते हैं। ये लाल दाने अक्सर पहले सिर पर होते हैं और फिर धीरे-धीरे पूरे शरीर पर फैल जाते हैं। खसरा रोग को रूबेला (rubeola) भी कहा जाता है
एक बार खसरे होने के बाद शरीर इम्यूनिटी विकसित कर लेता है। इसलिए इस बीमारी के दूसरी बार होने की संभवाना बहुत कम होती है।
(2) खसरा के लक्षण (Measles (Rubeola) Symptoms)
आमतौर पर वायरस के संपर्क में आने के 10 से 14 दिनों बाद खसरा के लक्षण दिखाई देते हैं। खसरे के लक्षणों में शामिल कुछ मुख्य इस प्रकार हैं-
- खांसी
- बुखार
- मांसपेशियों में दर्द
- नाक बहना
- आंखों का लाल पड़ना
- प्रकाश के प्रति संवेदनशील
- गले में खराश
- मुँह के अंदर सफेद धब्बे पड़ना
(3) खसरा रोग के कारण (causes of measles)
खसरा (measles)बच्चों और युवाओं की नाक और गले में अपनी एक प्रतिकृति बनाता है। अगर खसरा से संक्रमित व्यक्ति व्यक्ति खांसता, छींकता या बोलता है तो संक्रमित हुई-हुई छोटी बूंदे हवा में फैल जाती हैं, और सांस के जरिए दूसरे व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर जाता है।
- शारीरिक रूप से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने पर।
- संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने पर उनके पास रहना।
- ऐसी सतह को छूना, जिस पर संक्रमित म्युकस की बूंदें पड़ी हो। इन्हें छूने के बाद उंगलियों को मुँह में डालना या नाक या आँखों को रगड़ना।
- यह वायरस किसी भी वस्तु पर 2 घंटे तक जीवित रह सकता है।
(4) खसरा से बचाव के उपाय
खसरा रोग अधिकतर बच्चों को होता है ऐसे में खसरा वायरस का टीका अवश्य लगवाएँ।
इसके अलावा वे लोग जो खसरा रोग से संक्रमित हैं, इस अवधि के दौरान किसी भी व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें।
जो लोग प्रतिरक्षित नहीं होते हैं (उदाहरण के लिए-भाई या बहन), उन्हें संक्रमित व्यक्ति से दूर रहना चाहिए।
(5) खसरा का इलाज (measles treatment)
खसरा (measles) एक वायरस जनित रोग है, इसलिए इस रोग में एंटीबायोटिक्स काम नहीं करती हैं, ऐसे में इस दौरान मरीज का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। इन बातों का रखें ध्यान –
- भरपूर आराम करें
- बुखार या शरीर में दर्द कम होने की दवा का सेवन करें।
- रोगी को अलग कमरे में रखें
- कुछ बच्चों को विटामिन ए के सप्लीमेंट की जरूरत होती है।
- कुछ मरीजों को एंटीऑक्सीडेंट दिए जाते हैं।
(6) खसरा रोग में क्या खाना चाहिए?
खसरा होने जल्दी ठीक होने के लिए खाने-पीने का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इस दौरान मरीज अधिक से अधिक फलों का सेवन करें। खासतौर पर नींबू, संतरा, विटामिन सी और फाइबर युक्त फलों का सेवन करना चाहिए।
रोगी को दूध, दलिया, बिना मसाले वाला आहार आदि देना चाहिए।
इसके अलावा खसरा होने पर अधिक से अधिक तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
(7) खसरा रोग में कब और कौन सा टीका लगाया जाता है। ?
खसरा का टीका कई प्रकार से उपलब्ध हैं-जानें
– खसरा, गलसुआ, और रुबेला (MMR) टीका
– खसरा, गलसुआ, रुबेला, और छोटी चेचक (चिकनपॉक्स) (MMRV) टीका
– खसरा-रुबेला (MR) टीका
– केवल-खसरा टीका
बच्चों में खसरा का टीका 12 महीने की उम्र में लगता है, और जिन देशों में खसरा अधिक फैलता है वहां 9 माह के बच्चे को खसरे का टीका लगाया जाता है। खसरा टीके की दूसरी खुराक देश के आधार पर अनेक महीनों या अनेक वर्षों बाद दी जा सकती है।
डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग किसी भी प्रकार से दवाई या डॉक्टर से लिया गया इलाज का विकल्प नहीं है। किसी भी समस्या के लिए डॉक्टर से www.aayu.app पर परामर्श लें ।
ये भी पढ़ें:
- क्यों होता है बुखार, जानें इसके लक्षण और उपाए | Fever
- इन 5 घरेलू तरीके से करें मांसपेशियों में तनाव का उपचार
- खांसी के प्रकार , लक्षण और उपाय
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल:
(A) खसरा में क्या खाना चाहिए?
खासकर नींबू व संतरे; जिनमें विटामिन सी और फाइबर होता है, सबसे ज्यादा फायदेमंद होते हैं। रोगी को मुलायम या नरम आहार पर रखें। फल जैसे, खरबूजा, चकोतरा व अंगूर बहुत फायदेमंद हैं। – बिना मसाले वाला सूप व सम्पूर्ण आहार वाला दलिया भोजन में देना चाहिए।
(B) खसरा रोग का कारक क्या है?
खसरा (measles) श्वसन प्रणाली में वायरस, विशेष रूप से मोर्बिलीवायरस के जीन्स पैरामिक्सोवायरस के संक्रमण से होता है। मोर्बिलीवायरस भी अन्य पैरामिक्सोवायरसों की तरह ही एकल, नकारात्मक भावना वाले आरएनए वायरसों द्वारा घिरे होते हैं।
(C) खसरे का टीका कब लगता है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन, दुनिया के उन क्षेत्रों में इसे नौ माह की उम्र देने की अनुशंसा करता है जहाँ पर यह रोग आम है। जिन क्षेत्रों में यह रोग आम नहीं है वहाँ इनको बारह माह की उम्र तक दिया दिया जाना भी ठीक है।
(D) खसरा रूबेला वैक्सीन क्या है?
रूबेला (खसरा) वैक्सीन रूबेला (खसरा) वैक्सीन, रूबेला से बचाव में इस्तेमाल की जाने वाली दवा है। रुबेला एक अत्यधिक संक्रामक रोग है जो वायरस के कारण होता है। यह टीका बच्चों को बीमारी से बचाने के लिए दिया जाता है।