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प्रेगनेंसी में पेट के निचले हिस्से में दर्द | Lower Abdominal Pain during Pregnancy

प्रेगनेंसी में पेट के निचले हिस्से में दर्द | Lower Abdominal Pain during Pregnancy

गर्भावस्था में महिला को कई तरह के शारीरिक और हार्मोनल बदलावों से गुजरना पड़ता है। इस दौरान महिलाओं के पेट के निचले हिस्से में दर्द भी होता है। इस दौरान महिला की शारीरिक संरचना (Body Structure) में काफी बदलाव आता है। शरीर आंतरिक अंगों (Internal Organs) को समायोजित (adjust) कर बच्चे के लिए जगह बनाता है।

जिस वजह से दर्द होना सामान्य है लेकिन कुछ ऐसे दर्द भी होते है जो सामान्य नहीं होते। इससे आपको गंभीर समस्या भी हो सकते है। इसलिए इस तरह के दर्द को पहचानना बहुत जरूरी होता है। आइये जानते है गर्भावस्था के दौरान पैल्विक पेन (पेट के निचले हिस्से में दर्द) के पाँच कारण जिनको पहचानकर आप डॉक्टर से उचित परामर्श लेकर स्वस्थ प्रेगनेंसी में एक कदम आगे बढ़ा सकते है।

पेट के निचले हिस्से में दर्द के कारण: Causes of Lower Abdominal Pain during Pregnancy:

बच्चे का वजन बढ़ना: गर्भ में बच्चे का वजन बढ़ जाने की वजह से पैल्विक पर प्रेशर बढ़ता है। जिस वजह से नसों पर दबाव बढ़ता है जिससे चलने-फिरने में परेशानी हो सकती है। इसलिए ऐसे समय में ज्यादा से ज्यादा आराम करने की जरूरत होती है।

ब्रेक्सटन हिक्स संकुचन होना: ब्रेक्सटन हिक्स संकुचन गर्भाशय में होने वाला एक तरह का ऐंठन है जो सामान्य है। इससे किसी तरह का नुकसान नहीं होता लेकिन अगर इस वजह से होने वाला दर्द ज्यादा समय तक रहता है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। इस दौरान अधिक पानी का सेवन करने से इस दर्द से आराम मिलता है।

कब्ज होना: पेट के निचले हिस्से में दर्द के कारण में कब्ज होना भी शामिल है। प्रेग्नेंसी के दौरान कब्ज एक आम समस्या है। जिस वजह से पैल्विक में काफी दर्द होता है। इसके लिए आपको ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए। अगर आपको तब भी दर्द से राहत ना मिले तो डॉक्टर से संपर्क करें।

यूरिन संक्रमण होना: यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन की समस्या प्रेग्नेंसी के दौरान होना सामान्य है। बार-बार पेशाब जाना, पेशाब के दौरान सूजन या फिर पेशाब में खून आना आदि यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन के लक्षण होते हैं। यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन के कारण गर्भवती महिला को समय से पहले प्रसव पीड़ा हो सकती है इसलिए इसे नजरअंदाज ना करें और डॉक्टर से संपर्क करें।

अंडाशय में गांठ होना: प्रेग्नेंसी के दौरान अंडाशय में गांठ हो सकती है। इस वजह से आपके यूटेरस पर दबाव पड़ता है और आपको लगातार पैल्विक पेन हो सकता है। इसके अलावा अगर गांठ फूट जाती है तो यह दर्द और बढ़ जाता है। इसलिए ज्यादा दर्द होने पर डॉक्टर से मिलें।

पेट के निचले हिस्से में दर्द के लक्षण: Symptoms of Lower Abdominal Pain during Pregnancy:

राउंड लिगामेंट दर्द (पेट के निचले हिस्से में दर्द) आमतौर पर बाई तरफ की जगह दाई तरफ महसूस होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि जब आपका गर्भाशय बढ़कर श्रोणि क्षेत्र से बाहर ऊपर की तरफ चढ़ता है, तो यह थोड़ा दाई तरफ घूम जाता है। जिसकी वजह से दाई तरफ के लिगामेंट अधिक तनाव में आ जाते हैं।

कुछ महिलाओं में पेट के निचले हिस्से में दर्द ऊसन्धि (ग्रोइन) के भीतर शुरु होता है और ऊपर की तरफ जाते हुए बाहर से दोनों में से एक कूल्हे के ऊपरी सिरे तक पहुँच जाता है। यह दर्द अंदरूनी होता है, मगर यदि आप त्वचा को छूकर इसका पता लगाएँ तो यह बिकिनी लाइन (एक क्षेत्र का किनारा जहाँ से महिला के जघन बाल (Pubic Hair) बढ़ते है) तक महसूस होता है।

अचानक से हिलने-डुलने जैसे कि बिस्तर या कुर्सी से उठना, खाँसना, छींकना या ​बाथटब से उठने पर दर्द शुरु हो सकता है इसलिए जब आपको उठना हो, या फिर खाँसी या छींक आने वाली हो तो पहले इसके लिए खुद को थोड़ा तैयार करें।

यदि आप सोते हुए अचानक से करवट लेते है, तो राउंड लिगामेंट दर्द की वजह से आपकी नींद टूट सकती है। आपको व्यायाम करते हुए भी दर्द हो सकता है।

यदि आपने दिन में ज्यादा वॉक की हो या फिर शारीरिक गतिविधियाँ ज्यादा की हों, तो आपको हल्का दर्द महसूस हो सकता है।

पेट के निचले हिस्से में दर्द के उपाय:

जायफल और नींबू पेट के निचले हिस्से में दर्द के उपाय: जायफल को नींबू रस में मिलाकर शिशु को चटाने से पेट दर्द और गैस की समस्या ठीक होती है।

काला नमक पेट दर्द से राहत दिलाएं: काला नमक, सोंठ, हींग, अजवाइन इन सभी को समान भाग में मिलाकर चूर्ण (Powder) कर लें फिर 2-2 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम नाश्ते और रात के खाने के बाद गुनगुने पानी से दें। इसका सेवन करने से पेट के ऐंठन (Upset Stomach) में आराम मिलता है।

डिस्क्लेमर:पेट के निचले हिस्से में दर्द से होने वाली परेशानियों का निदान पाने के लिए आयु ऐप पर मौजूद विशेषज्ञ डॉक्टर से अभी संपर्क करें। आयु ऐप डाउनलोड करके आप अपने फोन पर रोज़ाना सेहत की बातें और टेलीमेडिसिन की सुविधा घर बैठे प्राप्त कर सकते हैं।

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