अबॉर्शन पिल्स क्या है, जानें इसे लेने का तरीका और नुकसान
Abortion Pills Side Effect: अबॉर्शन या गर्भपात न केवल शारीरिक रूप से बल्कि भावनात्मक तौर पर भी तोड़कर रख देता है। सर्जरी से बचने के लिए कुछ महिलाएं अबॉर्शन पिल्स (Abortion Pills)का इस्तेमाल करती हैं। हालांकि यह बहुत ही पीड़ादायक स्थिति है। वैसे तो अबॉर्शन या गर्भपात कराने वाली दवाएँ मेडिकल स्टोर पर आराम से मिल जाती हैं लेकिन बिना डॉक्टरी सलाह के इनका इस्तेमाल कभी न करें। अनचाहे गर्भ के बारे में पता चलते ही हर महिला के मन में कई सवाल उठते हैं जैसे कि क्या इस समय गर्भपात की गोली खाना सुरक्षित है? या फिर उन्हें मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ़ प्रेगनेंसी (MTP) कराने की जरुरत है? गर्भपात की गोली के साइड इफ़ेक्ट क्या हैं? (whats is Side Effect of Abortion Pills)
अबॉर्शन पिल्स् के नुकसान
- बुखार
- दस्त
- मतली उल्टी
- सरदर्द
- ठंड लगना
- अधिक ब्लीडिंग (खून) का जाना
बरतें सावधानी
अपनी योनि में टेम्पोंन और मासिक धर्म कप सहित वस्तुओं का उपयोग करने से बचे। गर्भपात (Abortion)के बाद गर्भाशय ग्रीवा की गर्दन आंशिक रूप से खुली रह सकती है जिससे मूत्र मार्ग में संक्रमण बढ़ सकता है।
भारी वस्तुओं का प्रयोग करना, ले जाना, धकेलना, या खींचना सामान्य से अधिक चलना या सीढियों पर चढ़ने से बचें।
कई बार गर्भपात (Abortion) के केस में तीन चार हफ्तों बाद ब्लीडिंग होती रहती है लेकिन यह जानना बहुत जरूरी है कि यदि आपको कई दिनों से सेनेटरी पैड की जरुरत पड़ रही है तो इसे सामान्य नहीं समझा जा सकता है। ऐसे में आपको डॉक्टर की जरुरत पड़ सकती है।
अबॉर्शन पिल्स क्या है? (What is Abortion pills)
गर्भपात की गोली (Abortion Pills) के रुप में मिफेप्रिस्टोन और मिसोप्रिस्टोल दवा का इस्तेमाल किया जाता है। ये दवाएँ 95 फ़ीसदी तक प्रभावी मानी गई है। अनचाहे गर्भ से छुटकारा पाने के लिए इन गोलियों का इस्तेमाल 10 हफ्तों के कम समय के गर्भ में किया जाता है। अबॉर्शन पिल्स (Abortion Pills) के प्रयोग करने के बाद आपको किसी तरह की सर्जरी या अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं होती।
अबॉर्शन पिल्स लेने का तरीका (Way to take Abortion pills)
- चिकित्सीय परामर्शानुसार मिफेप्रिस्टोन और मिसोप्रोस्टोल दवाओं का इस्तेमाल करें।
- अबॉर्शन के लिए यह पूरी किट आती है, जिसमें मिफेप्रिस्टोन और मिसोप्रोस्टोल की 4 गोली होनी चहिए।
- 8 मिसोप्रोस्टोल की गोलियां (4 अतिरिक्त) खरीद लें, ताकि जरुरत पर उनका उपयोग कर सकें।
- दोनों गोलियां 200-200 मिलीग्राम की होनी चाहिए।
गर्भपात के समय होने वाले प्रभाव (Side effect of Abortion pills )
- अधिक मात्रा में ब्लीडिंग
- पेट में अधिक दर्द और ऐंठन
- जी मिचलाना, दस्त
- सिरदर्द और चक्कर आना
- पूरी तरह से गर्भपात न होना
गर्भपात के बाद जरूरी ध्यान देने योग्य बातें
1- एमटीपी कराने के दो हफ़्तों के बाद गर्भपात ठीक से हुआ है या नहीं इसे सुनिश्चित करने के लिए अल्ट्रासाउंड जरुर करवाएं।
2- इस दवा के फेल हो जाने पर वैक्यूम एस्पिरेशन द्वारा एबॉर्शन के लिए तैयार रहें।
3- यदि एक घंटे में दो बार से ज्यादा पैड बदलना पड़ रहा है ज्यादा ब्लीडिंग के साथ बुखार और क्रैम्प की समस्या है तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।
4- गर्भपात के बाद बुखार संक्रमण को दर्शाता है ऐसे में डॉक्टर से तुरंत परामर्श करें।
5- सेक्स : जब तक ब्लीडिंग पूरी तरह से रुक ना जाए तब तक सेक्स से परहेज करें।
6- गर्भनिरोधक : जब यह सुनिश्चित हो जाए कि गर्भपात ठीक ढंग से हो गया है तो इसके बाद आप गर्भनिरोधक जैसे कि आईयूडी का इस्तेमाल कर सकते हैं। हालांकि संक्रमण मौजूद होने पर ऐसा न करें। गर्भपात के बाद जब महिलाएं सेक्सुअली सक्रिय हो जाएँ तो उस दौरान कंडोम का इस्तेमाल कर सकते हैं।
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