कोरोना वायरस के चलते जानिए सुखी खांसी और गीली खांसी में फर्क
भारत में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे है। जिसकी वजह से पुरे देश में सामजिक दूरी बनाए रखने की अपील की जा रही है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक कोरोना वायरस आम फ्लू के मुकाबले ज़्यादा खतरनाक है। आपको आपकी जानकारी के लिए बता दे कि कोरोना वायरस के लक्षण धीरे-धीरे दिखाई देते है।
इसमें से एक लक्षण सूखी खांसी है जिससे पता चल जाता है कि आपको सामान्य फ्लू है या कोरोना वायरस।
क्या है सूखी-खांसी और गीली खांसी में फर्क?
खांसी तब होती है जब बलगम, पोलन, धूल या एलर्जी करने वाले तत्वों के खिलाफ शरीर अपनी प्राकर्तिक रक्षात्मक कार्यवाई करता है। ज़्यादातर मरीजों में सूखी खांसी के लक्षण दिखते है इसलिए किसी को खांसी होती है तो उससे दूरी बनाने की सलाह दी जाती है।
सूखी-खांसी:
सूखी-खांसी में खांसते समय बलगम नहीं आता। जिससे आपके गले में गुदगुदी होती है जबकि गीली खांसी के दौरान आपके फेफड़ों, नाक और गले में जमा बलगम खांसने पर बाहर आता है। सूखी-खांसी आपके श्वसन तंत्र (Respiratory System) अक्सर बैक्टीरिया या वायरस की वजह से यह होता है।
गीली-खांसी:
गीली-खांसी में बलगम (Mucus) बाहर आता है या आपको गले में महसूस होता है। कई बार इसके साथ नाक बहना, थकान होना जैसे लक्षण भी महसूस हो सकते है। कई बार इसके साथ खून भी आ सकता है। सूखी और गीली खांसी में दर्द और शोर की तीव्रता का फर्क भी देखा गया है। सूखी और गीली खांसी में अलग-अलग तरह की ध्वनि पैदा हो सकती है। सूखी-खांसी में जुकाम या फ्लू ठीक होने में कई हफ्ते लग जाते है। इससे ठीक होना भी मुश्किल होता है।
लेकिन यह कहना गलत होगा कि सूखी-खांसी का मतलब कोरोना वायरस ही है। यह एलर्जी, साइनसाइटिस, अस्थमा, धूल या धुंए की वजह से भी हो सकती है।
सूखी-खांसी होने पर क्या करना चाहिए?
अगर आपको लगता है कि आपकी सूखी-खांसी कोरोना वायरस का लक्षण हो सकती है तो इसके और लक्षणों पर भी गौर करें जैसे कि तेज बुखार स्वाद का ना आना, सूंघने में परेशानी आदि लक्षणों का भी ध्यान रखें। अगर यह सब लक्षण नहीं है तो आप कफ सिरप या दवाई लें।
इसके लिए एक घरेलू उपाय भी है जो सूखी-खांसी में काफी फायदेमंद होता है। इसके लिए आप नमक के पानी से गरारे करें या अदरक के साथ शहद पिएँ। इससे आपको राहत मिलेगी।