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Infertility in women: महिलाओं में बांझपन का कारण, लक्षण और बचाव के उपाय

Infertility in women: महिलाओं में बांझपन का कारण, लक्षण और बचाव के उपाय

Infertility in women: भारत में लगातार महिलाओं में बांझपन (Infertility) की समस्या बढ़ती जा रही है। हाल ही में जारी विश्‍व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में बांझपन से ग्रस्त महिलाओं की संख्या 9% से 16.8% के बीच है।महिलाओं में बांझपन यानी इनफर्टिलिटी की समस्या का कारण आजकल की आधुनिक जीवनशैली और अन्य कारणों की वजह से बढ़ रही है। आइए जानते हैं बांझपन (इनफर्टिलिटी) के कारण क्या है Causes of Infertility in Hindi, बांझपन (प्रजनन क्षमता की कमी) के लक्षण क्या है(Symptoms of Infertility in Hindi) और बांझपन (प्रजनन क्षमता की कमी) से बचाव ? (Prevention of Infertility in Hindi) के बारे में….

1. बांझपन (इनफर्टिलिटी) के कारण क्या है Causes of Infertility in Hindi

  1. बांझपन (Infertility in women) का मुख्य कारण तनाव होता है।
  2. महिलाओं के शरीर में हार्मोन्स असंतुलन होने कारण गर्भधारण नहीं कर पाती है।
  3. गर्भाशय की असामन्य संरचना के कारण बांझपन (Infertility in women) हो सकता है।

आजकल महिलाओं में पीसीओएस की बीमारी होने के कारण बांझपन की समस्या बढ़ गई है। इस बीमारी में फैलोपियन ट्यूब में सिस्ट बन जाते हैं इस वजह से महिला गर्भधारण नहीं कर पाती है।

फैलोपियन ट्यूब अंडे को अंडाशय से गर्भाशय तक पहुंचाने कार्य करती है ताकि भ्रूण का विकास हो सके। लेकिन किसी सर्जरी या पेल्विक संक्रमण होने से फैलोपियन ट्यूब को नुकसान पहुंचता है। इस वजह से महिला बांझपन की स्थिति में आ जाती है।

महिलाओं के शरीर में हार्मोनल असंतुलन होने के कारण भी इनफर्टिलिटी (Infertility in women) हो सकती है। शरीर में सामान्‍य हार्मोनल परिवर्तन ना हो पाने की स्थिति में अंडाशय से अंडे नहीं निकल पाते हैं।

पीरियड्स में अत्याधिक दर्द होना-  जिन महिलाओं को पीरियड्स के दौरान बहुत अधिक दर्द होता है, वह भी बांझपन का शिकार हो सकती हैं। इस स्थिति को एंडोमेट्रियोसिस कहा जाता है। इसके अलावा अनियमित पीरियड्स और मोटापा भी प्रजनन की क्षमता को कम कर देता है। ऐसे में अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव करके इनफर्टिलिटी की इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।

2. बांझपन (इनफर्टिलिटी) के लक्षण क्या है ? (Symptoms of Infertility in Hindi)

  1. लंबे समय से गर्भधारण न कर पाना।
  2. 21 दिनों से पहले पीरियड्स आना।
  3. पीरियड्स की अवधि 32 दिन से अधिक होना।
  4. बालों का झड़ना।
  5. चेहरे पर बिना कारण बाल आना। 

ये सभी संकेत महिलाओं में बांझपन(इनफर्टिलिटी) (Infertility in women) की ओर इशारा करते हैं। इसलिए इसका सही समय पर गायनोकोलोजिस्ट से परामर्श करना चाहिए।यह सब लक्षण बांझपन होने का संकेत करते है, जिसके लिए सही समय पर उपचार की जरूरत होती है।

3. बांझपन (इनफर्टिलिटी) से बचाव ? (Prevention of Infertility in Hindi)

बांझपन (इनफर्टिलिटी) की समस्या (Infertility in women) से बचने के लिए नियमित रूप से संतुलित आहार का सेवन करें। नीचे दी गई जानकारी को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। 

1. अनार में हैं पोषक तत्व
  • अनार के सेवन से महिलाओं में प्रजजन क्षमता बढ़ती है। यह गर्भाशय तक रक्त प्रवाह को बढ़ाता है और उसे मजबूती प्रदान करता है। यह गर्भधारण करने में मददगार होता है। साथ ही जिन महिलाओं को गर्भपात की समस्या (Infertility in women) हो, उसे भी यह ठीक करता है।
  • इसके सेवन से गर्भधारण के बाद भ्रूण का विकास सही तरीके से होता है। अनार के सेवन से पुरुषों में भी स्पर्म बढ़ता है और उसकी क्वालिटी में सुधार होता है। जिन महिलाओं या पुरुषों को इनफर्टिलिटी की समस्या हो, उन्हें नियमित अनार खाना चाहिए।
 2. इनफर्टिलिटी की समस्या से बचने के लिए करें सौंफ का सेवन

वजन अधिक होने की स्थिति में भी महिलाओं को गर्भधारण करने में दिक्कत होती है। अगर पुरुषों का वजन ज्यादा हो तो उनमें भी इनफर्टिलिटी की समस्या पैदा हो सकती है। ऐसे लोगों को नियमित सौंफ का सेवन करना चाहिए। 

3. अश्वगंधा इनफर्टिलिटी से बचाने में है कारगर

अश्वगंधा एक ऐसी जड़ी-बूटी है, जिसका इस्तेमाल बहुत लंबे समय से यौन समस्याओं को दूर करने के लिए किया जा रहा है। आयुर्वेद में इसे बहुत ज्यादा महत्व दि्या गया है। यह पुरुषों में स्पर्म को बढ़ाता है और औरतों में भी उन हार्मोन्स के स्तर को ठीक करता है, जो प्रजनन में सहायक होते हैं। यह शरीर की इम्यूनिटी को भी बढ़ाता है। मस्तिष्क पर भी इसका सकारात्मक असर होता है। इसका इस्तेमाल दिमाग के टॉनिक के रूप में भी किया जाता है। 

4. खजूर इनफर्टिलिटी का देशी इलाज desi ilaaj for Infertility in women

सर्दी के मौसम में रोज खजूर और दूध का सेवन महिला और पुरूष दोनों में बांझपन( इनफर्टिलिटी) की समस्या को दूर करने में मदद करता है। खजूर में विटामिन ए. विटामिन बी, विटामिन ई और कई मिनरल्स काफी मात्रा में पाए जाते हैं। खजूर के नियमित सेवन से गर्भधारण में मदद मिलती है। साथ ही, यह पुरुषों में भी शुक्राणु को बढ़ाता है।     

3. बांझपन (इनफर्टिलिटी) की समस्या से बचाव के लिए नियमित रूप से करें योगाभ्यास

अर्धचक्रासन: इस योगासन को करने से शरीर के सभी अंगों की मांसपेशियों में रक्त संचार बेहतर ढंग से हो पाता है और सभी ग्रंथियां भी हार्मोंस का स्राव बेहतर तरीके से कर पाती हैं।

बालासन: गर्भाशय के लिए बालासन बहुत फायदेमंद होता है। इस आसन में गर्भाशय पर दबाव पड़ता है जिससे उसकी अक्षमताएं दूर हो जाती हैं। 

नौकासन: इस आसन को अधिक वजन वाली महिलाएं भी कर सकती हैं। इस आसन से भी गर्भाशय पर दबाव पड़ता है जिससे गर्भधारण में आ रही समस्याएं दूर हो जाती हैं।

डिस्क्लेमर

दोस्तों उम्मीद है बांझपन (इनफर्टिलिटी) की समस्या के कारण, लक्षण और बचाव की जानकारी आपको पसंद आई होगी। इस लेख में (Infertility in women) केवल सामान्य जानकारी दी गई है यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सक का विकल्प नहीं है। आयु ऐप पर हर बीमारी के विशेषज्ञ डॉक्टर उपलब्ध है जिनसे आप घर बैठे परामर्श कर सकते हैं यहां तक की दवाईयां भी घर बैठे मंगवा सकते हैं। तो अभी अपने फोन में डाउनलोड करें आयु ऐप। 

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