इमली के फायदे, उपयोग और नुकसान | Tamarind (Imli) Benefits and side effects

इमली Tamarind (Imli) का उपयोग काफी लंबे समय से किया जाता है। इसका उपयोग हम कई तरह से कर सकते है। यह कई गंभीर बिमारियों से भी हमें बचाता है। आइये जानते है इमली (Tamarind (Imli)के फायदों के बारे में।
इमली के फायदे: Benefits of Tamarind (Imli)
इमली के फायदे कई तरह के है। different benefits of Tamarind (Imli)
वजन घटाने में मददगार: वजन घटाने (Weight Loss) में इमली के बीज की बहुत महत्ता है। इमली के बीज में ट्रिप्सिन इन्हिबिटर गुण (प्रोटीन को बढ़ाने और नियंत्रित करने) पाया जाता है। इमली के बीज में पाया जाने वाला यह गुण मेटाबॉलिक सिंड्रोम (हाई ब्लड शुगर, हाई-कोलेस्ट्रॉल, उच्च बीपी (High bloodprssure), हाई ट्राइग्लिसराइड्स और मोटापा संबंधी समस्याएं) को दूर करने की क्षमता रखता है साथ ही यह भूख को कम कर सकता है, जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है। इमली के बीज के अलावा, इमली के गूदे का अर्क (Extract) भी मोटापा कम करने में मददगार होता है। इमली के गूदे के जलीय अर्क में एंटी-ओबेसिटी (मोटापा रोधी) गुण पाया जाता है।
पाचन प्रक्रिया में फायदेमंद: इमली में कुछ पोषक तत्व पाए जाते है, जो पाचन में सहायता करने वाले डाइजेस्टिव जूस (बाइल एसिड) को प्रेरित करने का काम करते है। जिस वजह से पाचन क्रिया पहले से बेहतर तरीके से काम कर सकती है। इसलिए इमली के औषधीय गुण पाचन संबंधी समस्याओं से छुटकारा दिलाने में मददगार होता है।
हृदय के लिए फायदेमंद: कोरोनरी हार्ट डिजीज यानि हृदय संबंधी बीमारियों के लिए फ्री रेडिकल्स को जिम्मेदार माना जाता है। इमली में शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते है, जो फ्री रेडिकल्स के हानिकारक प्रभाव से ह्रदय की रक्षा करते है। इमली के अर्क (Extract) का सेवन आर्टरी वाल्स में फैट और प्लाक जमने की क्रिया (एथेरोस्क्लेरोसिस) में बाधा डाल सकता है, जिससे एथेरोस्क्लेरोसिस से जुड़े हृदय रोग का जोखिम कम हो सकता है। इमली के हाइपोकोलेस्टेरोलेमिक प्रभाव का जिक्र मिलता है यानि यह कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करते है। कोलेस्ट्रॉल को हृदय रोगों का जोखिम वाला माना जाता है। इसलिए, इमली के फायदे ह्रदय रोगों से बचाते है।
डायबिटीज में फायदेमंद: इमली के बीज के अर्क (Tamarind seed extract) में उच्च स्तर पर पॉलीफेनोल और फ्लेवोनोइड पाए जाते है। इमली के बीज के अर्क में एंटी-डायबिटिक गुण पाए जाते है, जिससे ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
तंत्रिका तंत्र के लिए फायदेमंद: इमली के गुणों में तंत्रिका तंत्र में सुधार कर दिल की धड़कन को नियंत्रित किया जा सकता है। इमली में कैल्शियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। कैल्शियम, तंत्रिका तंत्र की कार्यप्रणाली में सुधार करने में मदद करता है इसलिए, ऐसा माना जाता है कि इमली का उपयोग करने से बिगड़ी तंत्रिका क्रिया (Neural activity) में सुधार आता है।
प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए: इमली में कुछ मात्रा में विटामिन-सी (एस्कार्बिक एसिड) पाया जाता है, जो प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए पोषक तत्व मौजूद है इसलिए, इमली के फायदे प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है साथ ही इमली के बीज में पॉलीसैकेराइड तत्व पाए जाते है, जो शरीर में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते है। पॉलीसैकेराइड में इम्यूनोमॉड्यूलेटरी गतिविधियां पाई जाती है, जो शरीर को रोगों से लड़ने की क्षमता देती है।
पीलिया और लिवर स्वास्थ्य में फायदेमंद: इमली में हेप्टोप्रोटेक्टिव यानि लिवर को सुरक्षा देने वाला प्रभाव पाया जाता है, इसलिए इमली को लिवर के लिए एक कारगर खाद्य पदार्थ माना जाता है। इमली की पत्तियों में हेप्टोप्रोटेक्टिव गुण मौजूद होते है, जो हानिकारक तत्वों से लिवर की सुरक्षा करते है।
सूजन से बचाए: सूजन कई रोगों का कारण बन सकती है, जिससे बचने के लिए इमली का उपयोग किया जाता है। इमली के गूदे, पत्तियों, बीजों, तने की छाल और जड़ों के अर्क में सूजन कम करने वाले और दर्द निवारक गुण पाए जाते है। इमली में मौजूद एल्कोलाइड्स, फ्लेवोनोइड्स, टैनिन, फिनोल, सैपोनिन और स्टेरॉयड जैसे यौगिक एंटीइन्फ्लामेट्री प्रभाव का कारण हो सकते है। जिसके चलते इमली का प्रयोग गठिया के लक्षण और शरीर में होने वाले दर्द को कम करने में किया जाता है।
हाई बीपी के लिए फायदेमंद: ब्लड प्रेशर सही रखने के लिए कोलेस्ट्राल (खून में फैट की मात्रा) का सही होना जरूरी है। इमली में ऐसे पोषक तत्व पाए जाते है, जो कोलेस्ट्रोल की मात्रा को नियंत्रित करने का काम करते है। कोलेस्ट्रोल की अधिकता हाई बीपी के जोखिमों को बढ़ाते है। इमली का सेवन डायास्टोलिक ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करता है। 20 ग्राम इमली का प्रतिदिन सेवन करने पर ब्लड प्रेशर, मोटापा, कमर की माप और सीरम लिपिड और ब्लड ग्लूकोज में खास फर्क नहीं पाया जाता।
पेट दर्द और कब्ज से राहत दिलाए: इमली का सेवन लैक्सेटिव प्रभाव दिखा सकता है, जिससे कब्ज से राहत मिलती है साथ ही यह पेट दर्द से राहत देने में भी कारगर है। इमली के गूदे का अर्क कब्ज की समस्या से राहत देता है। यह लैक्सेटिव गुणों के लिए जानी जाती है। इसका सेवन करने से मलत्याग में आसानी होती है।
बालों के लिए फायदेमंद: इमली के गुण बालों के स्वास्थ्य के लिए काम आते है। इमली में विटामिन-सी, राइबोफ्लेविन और जिंक काफी मात्रा में पाए जाते है। इन तीनों तत्वों की कमी के कारण बालों से संबंधित समस्याएं जैसे बालों की जड़ों का कमजोर होना और बालों का झड़ना आदि का सामना करना पड़ता है।
इमली का उपयोग:
- इमली को खाने में अगर आप खटास लाना चाहते है तो इसे भिगोकर, इसका गूदा निकाल कर उपयोग में लाया जाता है।
- चटनी बनाने में इमली का उपयोग किया जा सकता है।
- इमली का आचार या मुरब्बा खाने में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
- इमली से कैंडी भी बनाई जा सकती है।
- इमली के पानी का उपयोग आप फेसपैक बनाने में कर सकते है। इसके लिए इमली को 2 घंटे भिगो कर रखें और फिर उस पानी को छान लें।
इमली के नुकसान:
किसी भी चीज की अधिकता नुकसानदेह होती है। ऐसा इमली के साथ भी है।
- इमली का उपयोग करते समय एक बात का ध्यान रखें कि इसमें टैनिन और अन्य यौगिक होते है, जो पाचन को मुश्किल बनाते है। इसलिए, यह सुझाव दिया जाता है कि पानी में उबालने या भिगोकर रखने के बाद ही इसका सेवन करें।
- नियमित रूप से इमली का उपयोग करने पर दांतों को नुकसान पहुँचता है, क्योंकि इमली में एसिडिक तत्व होते है। दांतों की सतह को नुकसान पहुँचा सकते है।
- एस्पिरिन (दर्द निवारक दवा) आइबूप्रोफेन (नॉन स्टेरॉयडल एंटी इंफ्लेमेटरी ड्रग) का सेवन कर रहे है, तो इमली का उपयोग बिल्कुल ना करें।
- गर्भवती या स्तनपान करवाने वाली महिलाओं को इमली के अधिक सेवन से बचना चाहिए, नहीं तो इसके दुष्प्रभाव भी देखने को मिल सकते है। कच्ची इमली का सेवन शरीर में गर्मी पैदा कर सकता है।
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