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khasra disease: खसरा रोग को कैसे पहचानें? खसरा से बचने के 5 आसान उपाय

khasra disease: खसरा रोग को कैसे पहचानें? खसरा से बचने के 5 आसान उपाय

खसरा (khasra disease) या मीज़ल्स संक्रामक वायरल बीमारी है। यह और भी कई गंभीर परेशानियों का कारण बन सकती है। इसका टीका लगवाकर आप इससे बच सकते है लेकिन अगर आप इसका टीका नहीं लगवाते तो आपको खसरा होने की संभावनाएं रहती है। ऐसा देखा जाता है कि यह युवाओं में ज्यादा आम है।

खसरा रोग को कैसे पहचानें (How to recognize measles):

अब आपके मन में यह सवाल आता होगा कि आप खसरा रोग (khasra disease) को कैसे पहचानें? तो आपको बताते है अगर आपको बुखार, सूखी खांसी, नाक बहना, गले में खराश रहना, सूजी हुई आँखें जैसे लक्षण दिखें तो यह खसरा रोग की पहचान है।

खसरा से बचने के 5 उपाय (5 Ways to prevent measles) 

नीम के पत्ते है खसरा रोग (khasra disease) में फायदेमंद:

नीम कई गुणों से भरपूर है जिनमें एंटीवायरल और एंटीसेप्टिक भी शामिल है जो बीमारी से बचाता है। नीम के पत्तों को पानी में उबालें और फिर इस पानी से नहाने से रोगी को फायदा होता है। इसके अलावा मरीज के बिस्तर में भी नीम की पत्तियां रखने से शरीर की खुजली और रैशेज से आराम मिलता है।

मुलेठी का इस्तेमाल करें:

मुलेठी के सेवन से इस रोग में फायदा होता है। आप इसके लिए मुलेठी की जड़ का पाउडर बनाएं और इसे 5-6 बार आधा चम्मच शहद के साथ लें।

इमली के बीज और हल्दी है फायदेमंद:

सबसे पहले इमली के बीज का पाउडर बनाएं फिर इसमें समान मात्रा में हल्दी मिलाएं।

रोजाना मरीज को 350 से 450 ग्राम यह मिश्रण खिलाएं।

लहसुन और शहद का इस्तेमाल करें:

खसरा रोग (khasra disease) से जल्दी राहत पाने के लिए लहसुन से लाभ मिलता है। लहसुन को शहद के साथ पीसें और इसे नियमित रूप से रोगी को खिलाएं।

नींबू पानी है फायदेमंद:

अगर खसरा रोग (khasra disease) से पीड़ित रोगी को प्यास लगें, तो आप उन्हें नींबू पानी दें। इसके अलावा, अगर सर्दी-जुकाम की समस्या हो, तो नींबू और शहद की चाय लें। 12 महीने से छोटे बच्चे को शहद न दें और 12 माह से ज्यादा उम्र के बच्चे को यह मिश्रण देने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए। कई बच्चों को खसरा रोग (khasra disease) के दौरान विटामिन-ए की आवश्यकता होती है। वहीं, नींबू में विटामिन-ए होता है, जो रोगी के लिए लाभकारी होता है साथ ही इसमें विटामिन-सी भी होता है, जो रोगी की रोग-प्रतिरोधक क्षमता में सुधार करने में मदद करता है।

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल:

(A) खसरा रोग कैसे होता है?

खसरा (khasra disease) को मीज़ल्स के नाम से भी जाना जाता है। यह श्वसन के माध्यम से फैलता है (संक्रमित व्यक्ति के मुँह और नाक से बहते द्रव के माध्यम से संपर्क में आने से) और बहुत संक्रामक है तथा 90% लोग जिनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता नहीं है और जो संक्रमित व्यक्ति के साथ एक ही घर में रहते हैं उन्हें यह हो सकता है।

(B) खसरा में क्या खाना चाहिए?

बिना मसाले वाला सूप व सम्पूर्ण आहार वाला दलिया भोजन में देना चाहिए।

अधिक से अधिक तरल पदार्थ लें।

(C) खसरा रूबेला वैक्सीन क्या है?

रूबेला (खसरा) वैक्सीन रूबेला (खसरा) वैक्सीन, रूबेला से बचाव में इस्तेमाल की जाने वाली दवा है। रुबेला एक अत्यधिक संक्रामक रोग है जो वायरस के कारण होता है। यह टीका बच्चों को बीमारी से बचाने के लिए दिया जाता है।

(D) रूबेला वैक्सीन कीमत क्या है?

इस टीके की कीमत एक हजार के आसपास है। पर, सरकार की ओर से मुफ्त में दिए जा रहे हैं। इसके तहत खसरा रोग के सफाया और रूबेला को नियंत्रित करने के लिए नौ माह से 15 वर्ष तक के बच्चों को टीका लगवाना आवश्यक है।

 

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