प्रेगनेंसी में सांस लेने में तकलीफ से कैसे राहत पाएं?

प्रेगनेंसी का समय बढ़ने के साथ-साथ महिलाओं को सीढ़ियां चढ़ने जैसे काम करते समय सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। कई महिलाएं गर्भावस्था के दौरान सांस लेने में दिक्कत या सांस फूलने की शिकायत करती है।
एक स्टडी में पाया गया है कि 60 से 70 फीसदी महिलाओं को गर्भावस्था में सांस लेने में तकलीफ होती है। अक्सर इसका संबंध गर्भ में बढ़ रहे शिशु के फेफड़ों पर पड़ने वाले दबाव से बताते है, जिस वजह से सांस लेने में दिक्कत होती है।
आइये हम आपको बताते है प्रेगनेंसी में सांस लेने में तकलीफ के कारण, प्रेगनेंसी में सांस लेने में तकलीफ से कैसे राहत पाएं?, और गर्भवती महिलाऐं इससे कैसे बचें?
क्या सांस लेने में तकलीफ होना सामान्य बात है?
सांस लेने में तकलीफ खासतौर पर प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही में होना सामान्य है और गर्भावस्था के शुरुआती समय में भी ऐसा होता है। कुछ महिलाओं को गर्भावस्था की पहली तिमाही से सांस लेने में दिक्कत महसूस हो सकती है।
अगर सीढ़ी चढ़ने जैसे काम करने पर सांस फूल ररही है तो ये सामान्य बात है, लेकिन अगर आपको अस्थमा जैसी कोई सांस की बीमारी है तो इसकी वजह से आपको परेशानी हो सकती है।
सांस लेने में तकलीफ होने का शिशु पर प्रभाव: Effect of Shortness of Breath on Foetus in Hindi
अगर सांस फूलने के साथ-साथ कोई अन्य लक्षण नहीं दिख रहा है तो आपको चिंता करने की जरूरत नहींं है और शिशु को प्लेसेंटा से पर्याप्त ऑक्सीजन मिल रहा है इसलिए शिशु को कोई नुकसान नहीं होता। गहरी सांस लेने से भ्रूण ऑक्सीजन युक्त खून मिलेगा।
प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में सांस फूलने के कारण इस समय भ्रूण ज्यादा बड़ा नहीं हुआ होता कि उसकी वजह से सांस लेने में दिक्कत आए।
पेट से फेफड़ों और दिल को अलग करने वाला ऊतक (टिश्यू) का मस्कुलर बैंड डायफ्राम 4 प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में 4 सेमी तक बढ़ जाता है। डायफ्राम की मूवमेंट से फेफड़ों में हवा भरने में मदद मिलती है।
डायफ्राम में बदलाव के साथ-साथ प्रेगनेंट महिला को अक्सर प्रोजेस्टेरोन हार्मोन बढ़ने की वजह से तेज सांसें आने लगती है।
गर्भावस्था की दूसरी तिमाही में:
दूसरी तिमाही में गर्भवती महिला को सांस फूलने की दिक्कत ज्यादा सही से महसूस हो सकती है। गर्भ में बढ़ रहे भ्रूण की वजह से इस समय सांस फूल सकती है हालांकि, दिल के काम करने के तरीके में कुछ बदलाव आने के कारण भी ऐसा हो सकता है।
प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में खून की मात्रा तेजी से बढ़ने लगती है। इस खून को पूरे शरीर और प्लेसेंटा में पहुँचाने के लिए दिल को ज्यादा काम करना पड़ता है। दिल के ज्यादा काम करने की वजह से प्रेगनेंट महिला को सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।
गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में:
प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही में शिशु के सिर की पोजीशन की वजह से सांस लेने में आसानी या ज्यादा दिक्कत हो सकती है। शिशु के घूमने और पेल्विस की तरफ आने से पहले उसका सिर पसलियों के अंदर और डायफ्राम पर दबाव महसूस हो सकता है जिससे सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।
प्रेगनेंसी में सांस लेने में तकलीफ क्यों होती है?: Why there is the problem of shortness of breath during Pregnancy in Hindi
गर्भावस्था के दौरान सांस लेने में तकलीफ इसलिए होती है क्योंकि गर्भ में शिशु को पालने की तैयारी में आपके शरीर में कई प्राकृतिक बदलाव आते है।
गर्भावस्था के हॉर्मोन आपके शरीर को तरल प्रतिधारित (Retain) करने के लिए प्रेरित करते है और आपका शरीर अतिरिक्त रक्त बनाता है। गहरी सांस लेने से आपके दिल को बढ़ी हुई रक्त आपूर्ति को संभालने में मदद मिलती है साथ ही यह आपके शरीर की शिशु की विकसित हो रही शारीरिक क्रियाओं (मेटाबॉलिज्म) का सामना करने में भी मदद करता है।
आप अब भी उसी दर से सांस ले रही है, जैसे कि आप गर्भधारण करने से पहले करती थी मगर अब हर बार बहुत गहरी सांस लेनी पड़ सकती है, ताकि आप अधिक कुशलता से ऑक्सीजन अंदर ले सकें और कार्बनडाइऑक्साइड बाहर छोड़ सकें। इसलिए बढ़ा हुआ पेट दिखाई देने से पहले ही सांस लेने में तकलीफ महसूस करना शुरु कर सकती है।
कुछ गर्भवती महिलाओं को यह बदलाव अधिक महसूस होता है और वह दूसरों की तुलना में ज्यादा सांस लेने में तकलीफ महसूस कर सकती है।
आपके शरीर का आकार बदल रहा है, जिसकी वजह से भी सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। गर्भावस्था की शुरुआत में, आप अपने पंजर (Ribcage) के आसपास से चौड़ी हो जाती है ऐसा इसलिए क्योंकि गर्भावस्था के दौरान आपका रिबकेज ऊपर और थोड़ा बाहर की तरफ हो जाता है, ताकि आपके फेफड़ों की क्षमता और अधिक बढ़ सकें। इस वजह से हो सकता है आपके टाइट फिटिंग वाले टॉप, ब्लाउज या कुर्ती से परेशानी हो सकती है।
तीसरी तिमाही के अंत में गर्भस्थ शिशु की साइज भी आपका सांस लेने में तकलीफ का कारण बन सकता है। इस चरण पर, आपका गर्भाशय ऊपर मांसपेशियों की तरफ होने लगता है। ये मांसपेशियां पंजर (डायाफ्राम) के नीचे की तरफ होती है। इससे आपके फेफड़ों पर दबाव पड़ता है।
अगर आपको पहले सांस लेने में तकलीफ महसूस नहीं हुई, तो इस चरण पर ऐसा हो सकता है, विशेषकर शिशु अगर ऊपर की तरफ है तो।
गर्भावस्था में सांस की कमी पहले से मौजूद स्वास्थ्य स्थितियों जैसे कि दमा, एनीमिया या उच्च रक्तचाप की वजह से और बढ़ सकती है। हालांकि, थोड़ी-सी सीढ़ियां चढ़ने पर भी हांफने लगना शायद आपको अच्छा ना लगे, मगर इसे लेकर चिंतित ना हों। इस तरह की सांस लेने में तकलीफ सामान्य और पूरी तरह सुरक्षित है।
प्रेगनेंसी में सांस लेने में तकलीफ से कैसे राहत पाएं?: How to Overcome Shortness of breath problem during pregnancy in Hindi:
जहाँ तक संभव हो सीधी अवस्था में रहने का प्रयास करें। इससे आपको पीठ दर्द से आराम मिलता है, इसलिए यह प्रयास करना सही रहेगा।
अपने फेफड़ों को थोड़ी और जगह देने के लिए आप सीधी अवस्था में खड़े होकर हाथों को सिर से उपर करते हुए गहरी सांस लें।
हल्के व्यायाम जैसे कि वॉकिंग या स्विमिंग करते हुए आपकी सांस फूल सकती है, मगर ये आपकी श्वासहीनता कम करने में मदद करते हैं। हल्के व्यायाम का मतलब है कि आप इन्हें करते समय किसी से आराम से बातचीत कर पा रही हों।
गर्भावस्था में सक्रिय व क्रियाशील रहना आपके लिए सुरक्षित और सेहतमंद है। व्यायाम करते समय आपके शिशु को पर्याप्त ऑक्सीजन मिलेगी। यदि आप व्यायाम करने से पहले या थोड़ी-बहुत क्रियाओं के बाद ही बहुत ज्यादा सांस लेने में तकलीफ महसूस करें, तो अपने डॉक्टर को बताएं। आप रात को सोते समय नीचे अतिरिक्त तकिये लगाकर सो सकती है।
सांस की कमी होने पर चिंताजनक स्थिति कब होती है?:
प्रेग्नेंसी के दौरान थोड़ी-बहुत सांस लेने में तकलीफ होना सामान्य है। हालांकि, यदि आपको कुछ अन्य लक्षण भी महसूस हों, तो तुंरत अपनी डॉक्टर से बात करें।
- दिल की धड़कन बहुत तेज, अनियमित महसूस हो या फिर धड़कन चूक रही हो
- गंभीर सांस लेने में तकलीफ, या ज्यादा कामकाज करने के बाद बेहोशी महसूस होना
- छाती में दर्द, खासकर यदि यह अत्यधिक थकान होने पर शुरु हो।
- लेटने पर या रात के समय सांस लेने में तकलीफ होना।
सांस में कमी, थकान आयरन स्तर के कम होने का भी संकेत हो सकता है। अगर आपको एनीमिया है, तो आपके शरीर को आपको और शिशु को पर्याप्त ऑक्सीजन प्रदान करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है। यदि डॉक्टर को लगे कि आपको एनीमिया है, और आपने अभी रक्त जाँच नहीं करवाई है, तो वे आपको खून की जाँच करवाने के लिए कह सकती है।
अगर आपको अस्थमा है, तो अपनी स्थिति के बारे में डॉक्टर से बात करें। गर्भावस्था के दौरान अस्थमा की दवाई लेने से होने वाला संभावित खतरा, अस्थमा को नियंत्रित ना कर पाने की वजह से आपको और शिशु को होने वाले जोखिम से काफी कम है।
यदि सांस संबंधी किसी बीमारी जैसे फ्लू आदि की वजह से आप सांस की कमी महसूस करें तो इस बारे में अपनी डॉक्टर को बताएं। जिन गर्भवती महिलाओं को सांस संबंधी बीमारी हो उनके लक्षण अक्सर काफी गंभीर होते है और उनके निमोनिया जैसी जटिलताएं होने की आशंका भी अधिक रहती है इसलिए जरुरी है कि फ्लू के सीजन में गर्भावस्था में फ्लू का टीका लगवाया जाए।
कभी-कभी सांस लेने में तकलीफ ऐसी स्वास्थ्य स्थिति के कारण भी हो सकती है जो गर्भावस्था से जुड़ी नहीं होती जैसे कि ह्रदय रोग या खून का थक्का जमना (पल्मनरी एम्बोलिज्म) आदि हालांकि, ऐसा होना दुर्लभ है। यदि आपको गर्भवती होने से पहले ही कोई दीर्घकालीन स्वास्थ्य समस्या थी, तो जरुरी है कि अब गर्भवती होने पर आप अपने स्वास्थ्य की देखभाल के बारे में डॉक्टर से बात करें।
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