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कोरोना मरीजों को हार्ट अटैक का खतरा, जानें, कैसे करें हार्ट अटैक के दर्द की पहचान?

कोरोना मरीजों को हार्ट अटैक का खतरा, जानें, कैसे करें हार्ट अटैक के दर्द की पहचान?

Post covid problems: कोरोना से रिकवरी के बाद भी मरीजों को कई तरह की समस्याएं हो रही हैं। अधिकतर जो आंकड़े सामने आ रहे हैं उनमें हार्ट अटैक की समस्या ज्यादा हो रही है। वैज्ञानिक इसके कई कारण मान रहे हैं। ऐसी स्थिति में यह कैसे जाना जाए कि किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक के कारण ही सीने में दर्द हो रहा है। आखिर कैसे करें हार्ट अटैक के दर्द की पहचान? और भारत में हार्ट अटैक के इलाज का खर्च कितना है, इन्हीं सब बातों को इस लेख में विस्तार से बताया जाएगा। 

1. क्या कोरोना मरीजों को हार्ट अटैक का खतरा है?

कोरोना की दूसरी लहर में लोगों को नए-नए लक्षण देखने को मिल रहे हैं। इस बीमारी से ठीक होने के बाद भी किसी ना किसी दूसरी बीमारी का खतरा बरकरार ही रहता है। खासतौर से दिल के मरीजों को कोरोना से ठीक होने के बाद भी कई तरह ही चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। कोरोना के मरीजों में लंबे समय तक हार्ट अटैक, क्लॉटिंग और हार्ट फेलियर का खतरा बरकरार रहता है। 

डॉक्टर्स का कहना है कि दिल के मामले में कोरोना के मरीजों को हमेशा सतर्क रहना चाहिए।  दिल से जुड़े किसी भी लक्षण को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। कोरोना से ठीक होने के बाद भी दिल की जांच कराना जरूरी है।

2. कोरोना से ठीक होने के बाद दिल का कैसे रखें ध्यान 

कुछ मरीजों में पोस्ट निमोनिया के लक्षण महसूस (post covid problems) हो सकते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि फेफड़ों को पूरी तरह ठीक होने में वक्त लगता है। डॉक्टर के अनुसार, अगर आप कोरोना से ठीक हो चुके हैं और आपका ऑक्सीजन लेवल 94 से ऊपर है तो आपको किसी भी तरह से परेशान होने की जरूरत नहीं है। 

अगर ठीक होने के कुछ दिनों बाद भी आपका ऑक्सीजन लेवल 94 (oxygen level) से कम हो रहा है तो आपको सावधान होने की जरूरत है। ये फेफड़ों में पोस्ट कोविड क्लॉटिंग का संकेत हो सकता है। इसकी वजह से मरीज को हार्ट अटैक भी आ सकता है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर अपने दिल की जांच करानी चाहिए।

Hear Attack pain

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अब बात करते हैं हार्ट अटैक के कारणों की – Causes of heart attack

3. हार्ट अटैक के रिस्क फैक्टर क्या हैं? Risk factors of hear attack

यदि आप डायबिटिक हैं या फिर आप किसी भी तौर पर तंबाकू का सेवन करते हैं (तंबाकू खाते हैं या सिगरेट-बीड़ी पीते हैं या तंबाकू का पेस्ट दांतों पर करते हैं) या फिर आपके परिवार में कभी कम उम्र में ही किसी को हार्ट अटैक हुआ हो या हार्ट अटैक से उसकी मृत्यु हुई है (मतलब 50 वर्ष के आसपास की उम्र में या उससे पहले), यदि आप बहुत मोटे हैं, आलसी हैं, यदि आपका कोलेस्ट्रॉल बहुत खराब रहता है, यदि आपको ब्लड प्रेशर की बीमारी है या किडनी की बीमारी है या कभी लकवा पड़ा है – इन सारी स्थितियों में आपको सतर्क रहने की आवश्यकता है। 

खासकर यदि आपकी डायबिटीज को दस साल से ज्यादा टाइम हो गया हो या आपको डायबिटिक रेटिनोपैथी हो, या फिर आपकी पेशाब में माइक्रो एल्ब्यूमिन की मात्रा बढ़ी हुई रहती हो तो आपको हार्ट अटैक होने की ज्यादा आशंका है। 

4. कैसे करें हार्ट अटैक के दर्द की पहचान? How to diagnose heart attack pain?

गगहार्ट अटैक यानी दिल का दर्द दो तरह का होता है। 

  • एनजाइना 
  • हार्ट अटैक या मायोकार्डियल इन्फार्कशन 

इनके अंतर को समझने के लिए सबसे पहले आपको दिल तक खून पहुँचाने वाली रक्त नलिकाओं को जानना होगा।  दरअसल, दिल की तीन मुख्य नलियां होती हैं –  दो दिल के बाएं तरफ और एक दिल के दाएं तरफ। इन्हें हम कोरोनरी आर्टरीज कहते हैं – राइट कोरोनरी आर्टरी और लेफ्ट कोरोनरी आर्टरी। 

बढ़ती उम्र तथा अन्य कई कारणों से इन रक्त नलिकाओं में अंदर धीरे-धीरे रुकावट पैदा होने लगती है। जिससे  नली सिकुड़ जाती है। और रक्त का प्रवाह कम होने लगता है।

मान लें कि कोई नली 70% से ज्यादा बंद हो गई है तो आराम से बैठने पर तो कभी कोई तकलीफ नहीं होती परंतु हल्की सी मेहनत करने पर ही (पैदल चलने पर, खासकर कोई चढ़ाई चढ़ने पर या सीढ़ियां चढ़ने पर, वजन लेकर चलने पर) आदमी को दिल में दर्द महसूस होता है। इससे हार्ट को असहजता को अहसास होता है। हालांकि ये हार्ट अटैक नहीं है यह हार्ट अटैक से पहले की स्थिति है जिसका हमारा शरीर संकेत इस तरह से दे देता है। ये एनजाइना कहलाता है। यदि इस चेतावनी को समझ लिया जाए और इसका बराबर इलाज हो जाए तो आदमी हार्ट अटैक से बच जा सकता है।

Watch Video|| कैसे बचें हार्ट अटैक से | How to Prevent Heart Attack | Dr. Rakesh Jindal

(ii) हार्ट अटैक का दर्द

इसमें हमारे शरीर को बिना कुछ काम किए ही थकान और सीने में दर्द होने लगता है। हार्ट अटैक का दर्द प्राय: तेज दर्द होता है और छाती के मध्य में होता है। यह ऐसा दर्द होगा जिसे आप एक जगह पिन पॉइंट नहीं कर सकेंगे। यह ऐसा तेज दर्द होगा जैसे छाती पर कोई भारी चट्टान रख दी गई हो। एक बोझ का एहसास या छाती के फटने की फीलिंग और साथ में दम सा घुटने का एहसास भी। अगर ये सब हो तो यह हार्ट अटैक का दर्द है।

वैसे और लोगों को भी बहुत तेज दर्द के बिना हार्ट अटैक हो सकता है या बहुत हल्के दर्द के साथ भी हार्ट अटैक हो सकता है और कई बार दर्द छाती में ना होकर केवल बाहों में, केवल कंधे में, केवल जबड़े या गर्दन में, या केवल पेट के ऊपरी हिस्से में हो सकता है। पेट के मामले में मरीज को लगता है कि आज गैस बहुत बन रही है, पेट फूला जा रहा है जैसा उसका कभी पहले फूला ही नहीं.

ये सब हार्ट अटैक के असामान्य प्रेजेंटेशन हैं जो आमतौर पर नहीं होते पर किसी-किसी में कुछ अलग हटकर भी हार्ट अटैक हो सकता है। ऐसी स्थिति में बिना देरी के तुरंत विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।

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डिस्क्लेमर

इस लेख में केवल सामान्य जानकारी दी गई है। यह किसी भी प्रकार से विशेषज्ञ डॉक्टर का विकल्प नहीं हो सकता। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए घर बैठे विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श करने और दवाईयां मंगवाने के लिए डाउनलोड करें आयु ऐप। अगर आपको कैसे करें हार्ट अटैक के दर्द की पहचान? पर यह जानकारी अच्छी लगी तो इसे अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को भी जरूर शेयर करें। 

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