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बाल झड़ना किस हॉर्मोन की कमी से होता है , कैसे करें झड़ते बालों का इलाज, जानें घरेलू उपचार

बाल झड़ना किस हॉर्मोन की कमी से होता है , कैसे करें झड़ते बालों का इलाज, जानें घरेलू उपचार

कई कारणों की वजह से पुरुषों और महिलाओं में बाल झड़ते है। बाल झड़ना बढ़ती उम्र, खराब खानपान, तनाव, हार्मोन, आनुवांशिक गड़बड़ी की वजह से होता है। हार्मोनल बदलाव की वजह से महिलाओं में बाल झड़ते है।

हॉर्मोन्स जिनकी कमी बाल झड़ने के लिए जिम्मेदार है:

  1. प्रोलैक्टिन: यह हार्मोन पिट्यूटरी ग्लैंड से उत्पादित होता है, जो मुख्य रूप से ब्रेन के बेस पर स्थित होता है। यह हार्मोन सेंट्रल नर्वस सिस्टम, इम्यून सिस्टम, स्किन यूट्रस और मैमरी द्वारा उत्पादित होता है। महिलाओं में पीरियड्स साइकिल के अनुसार प्रोलैक्टिन का लेवल 2 से 0.025 मिलीग्राम / एमएल होता है लेकिन प्रोलैक्टिन लेवल 0.2 मिलीग्राम /एमएल होना हाइपरप्रोलैक्टिनेमिया रोग के रूप में जाना जाता है। कई अध्ययनों के अनुसार हाइपरप्रोलैक्टिनेमिया बाल झड़ने और पुरुषों में गंजापन (एंड्रोजेनिक एलोपेसिया) का कारण बनता है। एक अध्ययन के अनुसार, हाइपोथायरायडिज्म के साथ हाइपरप्रोलैक्टिनेमिया महिलाओं में एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया यानि गंजेपन का कारण बनता है। 0.4 मिलीग्राम / मिलीलीटर प्रोलैक्टिन हेयर शाफ्ट यानि बालों को स्किन से अलग होने से रोकता है और प्रीमैच्युर केटाजन विकास को बढ़ाता है, जिससे बालों का बढ़ना रुक जाता है और बालों की जड़ें स्किन छोड़ना शुरू कर देती हैं जिसका परिणाम बालों के झड़ने के रूप में आता है। 
  2. कोर्टिसोलतनाव के कारण बाल झड़ते हैं। तनाव के कारण बालों के रोम प्रभावित होते हैं जिससे बालों का विकास नहीं हो पाता। तनाव की स्थिति में दो से चार महीने बाद बाल झड़ने शुरू हो जाते हैं। कोर्टिसोल हार्मोन एड्रेनल ग्लैंड द्वारा उत्पादित होता है। यानि लंबे समय तक तनाव में रहने से कोर्टिसोल उत्पादन होता है। पुराने दर्द से परेशान, बेरोजगार, शिफ्ट में काम करने वाले और हृदय की समस्याओं से पीड़ित लोगों में कोर्टिसोल का लेवल अधिक होने की समस्याएं ज्यादा होती हैं जिस वजह से उनके बाल झड़ने की अधिक संभावनाएं होती हैं। हेयर ग्रोथ के लिए प्रोटेयोग्लाईकैन्स और ह्यालूरोनन हेयर ग्रोथ के लिए महत्वपूर्ण स्किन एल्मेंट्स हैं। कोर्टिसोल का लेवल बढ़ना दोनों स्किन एल्मेंट्स को लगभग 40 फीसदी कम कर सकता है जिससे बाल बढ़ने का चक्र छोटा हो सकता है।
  3. डीएचटी: डीएचटी यानि डिहाइड्रोटेस्टोस्टेरॉन हार्मोन आनुवांशिक गड़बड़ी के साथ-साथ पुरुषों में गंजेपन का कारण बनता है। मेल पैटर्न बाल्डनेस में टेस्टोस्टेरोन नामक हॉर्मोन जो कि पुरुषों में अधिक मात्रा में मौजूद होता है और पुरुषों के प्रजनन अंगों की बढ़ोतरी और विकास के लिए जिम्मेदार होता है।
  4. एस्ट्रोजन- महिलाओं में बाल झड़ने के लिए एस्ट्रोजन हार्मोन की अहम भूमिका है। इसका लेवल बढ़ने से पुरुषों में हेयर ग्रोथ कम होती है। टेस्टोस्टेरोन और एस्ट्रोजन दोनों बालों के विकास में बाधा डाल सकता है। बच्चें के जन्म के बाद बाल झड़ने की समस्या हो सकती है क्योंकि गर्भावस्था के दौरान और उसके बाद एस्ट्रोजन का लेवल बढ़ जाता है।
  5. इंसुलिन: शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया कि गंजेपन का शिकार 35 साल से कम उम्र के लोगों में इंसुलिन का लेवल बढ़ा हुआ पाया गया था, जो मोटापे, हाई बीपी और हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारियों के साथ जुड़ा हुआ है। खराब जीवनशैली और आनुवांशिक गड़बड़ी के कारण शरीर में इंसुलिन का लेवल बढ़ सकता है। इंसुलिन रेसिस्टेंट के कारण अग्न्याशय अधिक इंसुलिन का उत्पादन करने लगता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है। ब्लड शुगर लेवल बढ़ने से कोर्टिसोल का लेवल बढ़ता है जिसे बालों के झड़ने के साथ जोड़कर देखा जाता है। 35 साल से कम उम्र के लोगों में इंसुलिन का लेवल ज्यादा पाया जाता है जिससे मोटापा, हाई बीपी और हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारियां हो सकती है। खराब जीवनशैली और गड़बड़ी की वजह से शरीर में इंसुलिन का लेवल बढ़ जाता है। इंसुलिन रेसिस्टेंट के कारण ज्यादा इंसुलिन का उत्पादन करने लगता है। ब्लड शुगर का लेवल कोर्टिसोल के लेवल बढ़ने से बढ़ता है, जो बालों के झड़ने से संबंधित है।
  6. थायराइड: बालों का झड़ना हाइपोथायरायडिज्म का एक लक्षण है। थायराइड हार्मोन हेयर फॉलिकल के सेल्स के साथ-साथ बॉडी के सेल्स को प्रभाव डालता हैं। बॉडी में कैलोरी बर्निंग रेट, बॉडी टेम्परेचर, हार्टबीट और मसल्स कॉन्ट्रेक्शन जैसे कामों को रेगुलेट करता है। थायराइड हार्मोन बाल विकास चक्र के चरण लंबा और बाल विकास के बाकी चरण को रोक देते हैं। थायराइड हार्मोन का लेवल बढ़ना और कम होना बालों के झड़ने का कारण बन सकता है। थायराइड विकार के उपचार के बाद बालों का विकास शुरू हो जाता है। जिंक की कमी हाइपोथायरायडिज्म की वजह से है। जिस वजह से थायराइड उपचार कराने के बाद बालों का विकास नहीं होता।

बाल झड़ना है आम जाने इसे रोकने के घरेलू उपाय:

  1.  दही और नींबू: दही और नींबू का मेल आपके बालों का झड़ना रोककर एक प्राकृतिक मॉश्चराइज़र के तौर पर काम करता है। यह सिर की त्वचा के रुखेपन को दूर करता है और डैंड्रफ को कम करता है। इसे तैयार करने के लिए दही में नींबू के रस की कुछ बूंदें मिलाकर बालों पर लगाएं। सूखने के बाद इसे धोएं।
  2. गर्म तेल से मालिश: बालों की चमक और मजबूती के लिए गर्म तेल से मालिश करें। यह बालों को पोषण देता है और सर्दियों की ठंडी, रूखी हवाओं से सिर की त्वचा की रक्षा करता है।
  3. तेल और कपूर: अपने सिर और बालों को ठंडा रखने के लिए थोड़ी मात्रा में कपूर और तेल मिलाएं। फिर बालों पर लगाएं। यह डैंड्रफ और खुजली को दूर करने में मदद करता है।
  4. भाप: यह प्राकृतिक नमी को लौटाने और बालों को मजबूत बनाने में मददगार है। यह स्कैल्प में मौजूद छेदों को खोलता है, ताकि वह ज्यादा नमी सोख सकें ऐसे भाप लेने से बालों का झड़ना रुक सकता है।
  5. नीम और नारियल का तेल: यह सिर की त्वचा में खुजली और लालिमा पैदा करने वाली फफूंद के खिलाफ एंटी-फंगल तेल के तौर पर काम करता है। नीम और नारियल का तेल साथ मिलकर डैंड्रफ और सिर की त्वचा की खुजली के खिलाफ एक एंटीसेप्टिक का काम करता है।
  6. नीम का पेस्ट और दही: नीम की पत्तियों के पेस्ट को दही के साथ मिलाकर सिर की त्वचा पर लगाने से बालों का झड़ना कम होता है। इसके अलावा इससे सफेद बालों की समस्या कम होती है और बाल लंबे और खूबसूरत होते हैं।

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए आज ही अपने फोन में आयु ऐप डाउनलोड कर घर बैठे विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श करें। स्वास्थ संबंधी जानकारी के लिए आप हमारे हेल्पलाइन नंबर 781-681-11-11 पर कॉल करके भी अपनी समस्या दर्ज करा सकते हैं। आयु ऐप हमेशा आपके बेहतर स्वास्थ के लिए कार्यरत है।

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