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हर्निया क्या है? यह कैसे होता है, हर्निया के लक्षण, इलाज और परहेज

हर्निया क्या है? यह कैसे होता है, हर्निया के लक्षण, इलाज और परहेज

Hernia Cause Symptoms Treatment In Hindi

Hernia – हर्निया ज्यादातर पेट में होता है। जब एक अंग मांसपेशियों या ऊतक शरीर से उभरकर धक्का देता है तो इसे हर्निया कहते है। हर्निया खासतौर पर पेट में होता है, लेकिन यह ऊपरी जांघ, पेट की नाभि, और नीचे के क्षेत्रों में भी दिखाई दे सकता है। हालांकि कई प्रकार के हर्निया घरेलु इलाज से ठीक हो सकता है। इस लेख में जानेंगे हर्निया क्या होता है, हर्निया के लक्षण, हर्निया के कारण, हर्निया का उपचार, हर्निया का इलाज, हर्निया में परहेज,हर्निया की दवा, हर्निया का परीक्षण, हर्निया में क्या खाना चाहिए, आदि के बारें में। 

कितने प्रकार का होता है हर्निया – Common Hernia Types in Hindi

  1. इनगुनल हर्निया – Inguinal Hernia in Hindi
  2. हाइटल हर्निया – Hiatal Hernia in Hindi
  3. अम्बिलिकल हर्निया – Umbilical Hernia in Hindi
  4. इंसिज़नल हर्निया – Incisional Hernia in Hindi
  5. हर्निया के कारण – Hernia causes in Hindi

हर्निया के कारण – Causes of Hernia in Hindi

  • गर्भवती होने के कारण, जिससे आपके पेट पर दबाव पढता है
  • कब्ज, जिससे आपको आंत्र आंदोलन होने पर तनाव महसूस हो सकता है
  • भारी वजन उठाना
  • पेट में द्रव, या जलोदर
  • अचानक वजन बढ़ जाना 
  • लगातार खांसी या छींकते रहना।

हर्निया के लक्षण – Hernia symptoms in Hindi

इसका सबसे सामान्य लक्षण प्रभावित क्षेत्र में एक तरल या गांठ का होना होता है। वहीं inguinal hernia, के मामले में, आप अपनी जांघ हड्डी के दोनों ओर एक गांठ देख सकते हैं, जहां आपके पेट और जांघ के मिलते हैं। जब आप खड़े होते हैं, झुकते हैं, या खांसते हैं, तो स्पर्श के माध्यम से आपको अपने हर्निया को महसूस होने की अधिक संभावना होती है।

3. प्रमुख कारण- 3 Important Reason of Hernia

इनगुइनल हर्निया- 

यह हर्निया का सबसे साधारण प्रकार है, जिसे वेक्षण हर्निया (inguinal hernia) के नाम से भी जाना जाता है। यह मुख्य रूप से जांघों के जोड़ में होता है। और अंडाकोष में सूजन हो जाती है।

फेमोरल हर्निया-

 फेमोरल हर्निया (Femoral hernia) मुख्य रूप पेट के अंगों का जांघ से पैर से जाने वाली धमनी से बाहर निकल जाने की स्थिति में होता है। इस हर्निया से पुरूष अधिक प्रभावित होते हैं।

अम्बिलिकल (नाभि) हर्निया- 

इसे नाभि हर्निया (Umbilical Hernia) के नाम से भी जाना जाता है। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि हर्निया का यह प्रकार मुख्य रूप से नाभि से संबंधित है, जो पेट की सबसे कमजोर मांसपेशियों के नाभि से बाहर निकलने की स्थिति में उत्पन्न होता है।

पुरुषों में हर्निया के लक्षण कौन-कौन से होते हैं? (Symptoms of Hernia in Hindi)फेमोरल हर्निया-

फेमोरल हर्निया (Femoral hernia) मुख्य रूप पेट के अंगों का जांघ से पैर से जाने वाली धमनी से बाहर निकल जाने की स्थिति में होता है। इस हर्निया से पुरूष अधिक प्रभावित होते हैं।

अम्बिलिकल (नाभि) हर्निया-

इसे नाभि हर्निया (Umbilical Hernia) के नाम से भी जाना जाता है। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि हर्निया का यह प्रकार मुख्य रूप से नाभि से संबंधित है, जो पेट की सबसे कमजोर मांसपेशियों के नाभि से बाहर निकलने की स्थिति में उत्पन्न होता है।

पुरुषों में हर्निया के लक्षण कौन-कौन से होते हैं? (Symptoms of Hernia in Hindi)

  • पेट पर सूजन होना-
  • पेट का साफ न रहना-
  • मल में खून आना-
  • सीने में दर्द होना-
  • पेट के ऊपरी भाग में दर्द होना-
  • उल्टी होना-

इनगुइनल हर्निया के लक्षण – Inguinal Hernia Symptoms in Hindi

प्रभावित क्षेत्र में दर्द या बेचैनी (आमतौर पर निचले पेट), खासकर जब झुकते है, खांसी, या उठते समय पेट में कमजोरी, दबाव या भारीपन महसूस होना उभार के स्थल पर जलन, गड़बड़ाना, या उत्तेजना महसूस करना।

हाइटल हर्निया के लक्षण – Hiatal Hernia Symptoms in Hindi

एसिड रिफ्लक्स, यह तब होता है जब पेट में एसिड ग्रासनली में चला जाता हैं जिससे जलन होती है छाती में दर्द, निगलने में कठिनाई, हर्निया में कोई लक्षण नहीं होते हैं। हो सकता है कि आपको पता न हो कि आपको एक हर्निया है, जब तक इस समस्या के लिए नियमित शारीरिक या चिकित्सा जाँच नहीं करायी जाती है।

हर्निया से बचाव के तरीके – Hernia Preventing in Hindi

  1. धूम्रपान न करें
  2. लगातार खांसी से बचने के लिए जब आप बीमार होते हैं तो अपने डॉक्टर को दिखाएँ।
  3. एक स्वस्थ शरीर का वजन बनाए रखे और वजन कम रखे ताकि इसका दवाव पेट पर ना पड़े।
  4. आंत्र आंदोलनों या पेशाब के दौरान दवाव से बचे।
  5. वजन उठाने से बचें जो आपके लिए बहुत भारी हैं।

हर्निया के नुकसान ? (Side-Effects of Hernia Surgery in Hindi)

आंतों में दर्द होना– कई बार हर्निया की सर्जरी कराने के बाद व्यक्ति की आंतों (intestine) में दर्द होता है।

रक्तस्राव होना- इस सर्जरी के बाद रक्तस्राव होना एक अन्य जोखिम है।

संक्रमण होना- कुछ लोगों में इस सर्जरी के बाद संक्रमण भी हो जाता है।

पेट का खराब रहना- कई बार ऐसा भी देखा गया है कि कुछ लोगों में इस सर्जरी को कराने के बाद भी पेट खराब रहता है और ऐसी स्थिति में उसे इस सर्जरी को फिर से कराने की जरूरत पड़ती है।

दिल की धड़कनों का तेज़ होना- अक्सर ऐसा भी होता है कि हर्निया की सर्जरी के बाद व्यक्ति के दिल की धड़कनें काफी तेज़ हो जाती हैं।

हर्निया के इलाज में सर्जरी ही एकमात्र उपाय है। 

हर्निया का कोई घरेलू या फिर देसी इलाज नहीं होता हालांकि हम कुछ सावधानियां बरत कर इसको नियंत्रित रख सकते हैं, लेकिन इसको पूरी तरह खत्म करने के लिए सर्जरी करवानी पड़ती है। ऑपरेशन करके जिस जगह से हर्निया है उस जगह को बंद करके एक मैश यानि जाली लगानी पड़ती है। किसी भी प्रकार के हर्निया में सर्जरी ही एकमात्र उपाय है।

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