अस्थमा से जुडी हुई जड़ी-बूटियां और औषधियां | Daily Health Tip | 7 March 2020 | AAYU App

“शिमला मिर्च में विटामिन-सी, विटामिन-ए और बीटा केरोटीन अच्छी मात्रा में पाया जाता है। यह शरीर को हार्ट अटैक, ओस्टीपुरोसिस, अस्थमा से लड़ने में मदद करता है। ”
” Capsicum contains Vitamin-C, Vitamin-A and Beeta Kerotin in plenty amount. It also helps body in fighting Heart Attack, Osteporosis, Asthma related issues.”
Health Tips for Aayu App
अस्थमा और एलर्जी पीड़ितों के लिए बदलता मौसम बड़ा खतरनाक होता है। क्योंकि मौसम बदलने के बाद जो धूल उड़ती है उससे कीटाणुओं को फैलने-पनपने का मौका मिल जाता है। बदलती जीवनशैली और प्रदूषण के कारण भी अस्थमा और एलर्जी के मरीज बढ़ रहे है।
क्या होता है अस्थमा:
श्वास नलियों में सूजन से चिपचिपा बलगम इकट्ठा होने, नलियों की पेशियों के सख्त हो जाने के कारण मरीज को सांस लेने में तकलीफ होती है। इसे ही अस्थमा कहते है।
अस्थमा के लक्षण:
- बार-बार खांसी होना
- सांस लेते समय सीटी की आवाज आना
- छाती में जकड़न होना
- दम फूलना
- खांसी के साथ कफ ना निकल पाना
- बेचैनी होना

अस्थमा से बचने के उपाय:
- धूल, मिट्टी, धुआं, प्रदूषण होने पर मुंह और नाक पर कपड़ा ढकें। सिगरेट के धुएं से भी बचें।
- ताजा पेन्ट, कीटनाशक, स्प्रे, अगरबत्ती, मच्छर भगाने की कॉइल का धुआं, खुशबूदार इत्र आदि से बचें।
- रंगयुक्त व फ्लेवर, एसेंस, प्रिजर्वेटिव मिले हुए खाद्य पदार्थों, कोल्ड ड्रिंक्स आदि से बचें।
अस्थमा में प्रचलित आयुर्वेदिक औषधियां:
- कंटकारी अवलेह
- वासावलेह
- सितोपलादि चूर्ण
- कनकासव
- अगत्स्यहरीतिकी अवलेह
अस्थमा में मददगार जड़ी-बूटियां
वासा: यह सिकुड़ी हुई श्वसन नलियों को चौड़ा करने का काम करती है।
कंटकारी: यह गले और फेफड़ों में जमे हुए चिपचिपे पदार्थों को साफ करने का काम करती है।
पुष्करमूल: एंटीहिस्टामिन की तरह काम करने के साथ एंटीबैक्टीरियल गुण से भरपूर औषधि।
यष्टिमधु: यह भी गले को साफ करने का काम करती है।
फ्री हैल्थ टिप्स अपने मोबाइल पर पाने के लिए अभी आयु ऐप डाऊनलोड करें । क्लिक करें