हेपेटाइटिस बी कारण, लक्षण और उपाय
हेपेटाइटिस बी काफी खतरनाक बीमारी होती है. यह एक संक्रामक बीमारी होती है. इस बीमारी के कारण लीवर में सूजन और जलन होता है. हेपेटाइटिस के जितने भी वायरस होते है, उनमें सबसे खतरनाक वायरस बी को माना जाता है. यह वायरस संक्रमित सूई और असुरक्षित यौन संबंधों के कारण भी फैल सकता है. इसके वायरस पूरी तरह से शरीर से खत्म भी नहीं होते है, लेकिन दवाइयों की मदद से उनपे नियंत्रण किया जा सकता है. आइए जानते है इस बीमारी के कारण, लक्षण और इलाज के बारे में…
हेपेटाइटिस बी के कारण | Hepatitis B causes
हेपेटाइटिस बी और HIV के संक्रमण के कारण लगभग समान्य होते हैं. यह संक्रमण खून के संपर्क में आने या असुरक्षित यौन संबंध के माध्यम से होता है.लंबे समय तक किडनी डायलिसिस होता रहे तो भी यह संक्रमण लग जाता है. शरीर पर टैटू बनवाना या एक्यूपंक्चर की सुई भी इस संक्रमण की वजह बन सकती है. मां संक्रमित है तो बच्चा जन्म के साथ यह संक्रमण लेकर आ सकता है.
- हेपेटाइटिस ए, बी, सी और ई वायरस हैं, जो लिवर को नुकसान पहुंचाते हैं.
- ये वायरस दूषित खाद्य व पेय पदार्थों के जरिए शरीर में पहुंचते हैं.
- शराब के अत्यधिक सेवन भी इस रोग का कारण होता है.
- कुछ दवाएं लिवर को नुकसान पहुंचाती हैं. इस कारण भी हेपेटाइटिस हो सकता है.
- ड्रग्स लेने की आदत भी इसके कारण बनते हैं.
हेपेटाइटिस बी के लक्षण | Hepatitis B Symptom
हेपेटाइटिस बी से संक्रमित होने के तुरंत बाद आमतौर पर कोई लक्षण सामने नहीं आता है. इसका संक्रमण 6 महीने तक लक्षण विहीन रह सकता है. हेपेटाइटिस बी के शुरुआती लक्षणों में भूख की कमी पहला लक्षण होता है.
- थकावट का एहसास होना
- हल्का बुखार आते रहना
- मांसपेशियों एवं जोड़ों में दर्द होना
- मितली और उल्टी
- त्वचा का पीला पड़ जाना
- पेशाब का रंग काला होने लगना
- आंखें और शरीर का रंग पीला पड़ना
- सफेद या काली दस्त होना
- भूख नहीं लगना
- पेट में दर्द व पेट में सूजन होना
- चिड़चिड़ापन बढ़ना
हेपेटाइटिस बी से कैसे करें बचाव
अगर यह पता चल जाए कि अभी तक आपको यह संक्रमण नहीं हुआ है तो इस संक्रमण के भय से पूरी तरह से निश्चिंत हुआ जा सकता है. बचाव के लिए पहले तो स्क्रीनिंग जरूरी है. एक साधारण खून की जांच से यह पता चल जाए कि आप इस संक्रमण से बचे हुए हैं तो कोई देरी किए बगैर टीका ले लें. खुद ही नहीं, परिवार के हर सदस्य, बच्चों, बूढ़े, जवान सब को टीका लगवा दें, अगर वे सभी संक्रमण से बचे हुए हैं.
हेपेटाइटिस बी में क्या खाएं
कॉफी
- हेपेटाइटिस बी में कॉफी बहुत ही लाभदायक होता है.
- मरीज को दिन में दो से तीन बार कॉफी पीनी चाहिए.
- शरीर में कॉफी की मौजूदगी से हेपेटाइटिस बी के वायरस का विकास नहीं होता है.
आंवला
- हेपेटाइटिस बी से छुटकारा पाने के लिए आप आंवला के रस में शहद मिलाकर दिन में कई बार इसका सेवन करें.
- इसके अलावा आंवले के रस को पानी में मिलाकर इसका सेवन करें.
- सूखे आंवला पावडर में गुड़ मिलाकर एक महीने तक दिन में दो बार खाएं.
चुकंदर
- इसमें पर्याप्त मात्रा में आयरन, पोटैशियम, फॉलिक एसिड, मैग्नीशियम, कैल्शियम और कॉपर के अलावा विटामिन ए, बी और सी पाया जाता है.
- ये सभी मिनरल्स लीवर में डैमेज सेल्स को दोबारा जोड़कर सूजन और दर्द से राहत दिलाते हैं.
- दो गिलास चुकंदर का जूस रोजाना पीने से जल्दी आराम मिलता है.
अदरक
- अदरक की चाय नियमित पीने से हेपेटाइसिस बी से निजात पाया जा सकता है.
- खाना खाने के बाद अदरक के रस का सेवन करने से जल्दी फायदा होता है.
लहसुन
- लहसुन में मेटाबोलाइट्स और अमीनो एसिड भरपूर मात्रा में पाया जाता है.
- जो हेपेटाइटिस बी के वायरस को तेजी से खत्म करने में मदद करता है.
- कच्चे लहसुन की कलियां चबाने से लीवर की बीमारी से छुटकारा मिलती है.
मुलेठी
- इसमें एंटी वायरल और एंटी ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं .
- जो हेपेटाइटिस बी के वायरस को खत्म कर देता है.
- पीलिया से बचने के लिए मुलेठी के टुकड़े को दिन में दो से दिन बार चबाएं.
- आप चाहे तो इसका काढ़ा बनाकर भी पी सकते हैं.
क्या नहीं खाएं
- जंकफूड खाने से बचें क्योंकि उनमें नमक और तेल ज्यादा होता है, जिसे पचाना मुश्किल हो जाता है. ये लीवर पर टॉक्सिक लोड भी बढ़ा देता है.
- हेपेटाइटिस का इलाज चल रहा हो तो तेल-मसाल वाला खाना नहीं खाना चाहिए. ये आपके लीवर को सही प्रकार काम नहीं करने देते और इस दौरान आपका लीवर पहले ही काफी कमज़ोर हो चुका होता है.
- अगर आप अल्कोहल का सेवन करते हैं तो जब तक आप ठीक नहीं हो जाते तबतक इसे भी बंद चाहिए, क्योंकि अल्कोहल आपके लीवर को ठीक से काम नहीं करने देता.
Aayu आपका सहायक
अगर आपके घर का कोई सदस्य लंबे समय से बीमार है या उसकी बीमारी घरेलू उपायों से कुछ समय के लिए ठीक हो जाती है, लेकिन पीछा नहीं छोड़ती है तो आपको तत्काल उसे डॉक्टर से दिखाना चाहिए. क्योंकि कई बार छोटी बीमारी भी विकराल रूप धारण कर लेती है. अभी घर बैठे स्पेशलिस्ट डॉक्टर से “Aayu” ऐप पर परामर्श लें . Aayu ऐप डाउनलोड करने के लिए नीचे दी गई बटन पर क्लिक करें.
Bhut hi achi jankari h ase hi dete rho thanks you
Vari good