World Hemophilia Day: हीमोफीलिया रोग के कारण, लक्षण और रोकथाम के उपाय
World Hemophilia Day : हीमोफीलिया (Hemophilia) एक ऐसी बीमारी है, जिसमें कटने या खंरोच आने के खून बहना बंद नहीं होता बल्कि इसमें जान जाने का भी ख़तरा रहता है। यह एक आनुवंशिक रोग है। जिसमें रक्त का ठीक से थक्का नहीं बना पाता है।
नतीजतन, व्यक्ति आसानी से पीड़ित होता है और चोट लगने पर लंबे समय तक खून बहता रहता है। आइए जानते हैं, हीमोफीलिया के कारण, लक्षण और इलाज (Hemophilia causes, symptoms & Treatment)
जिन लोगों को हीमोफीलिया होता है उनमें थक्के बनाने वाले घटक बहुत कम होते हैं। इसका मतलब है कि उनका ख़ून ज़्यादा समय तक बहता रहता है। हीमोफीलिया दो तरह का होता है। हीमोफीलिया ‘ए’ में फैक्टर 8 की कमी होती और हीमोफीलिया ‘बी’ में घटक 9 की कमी होती है। दोनों ही ख़ून में थक्का बनाने के लिए ज़रूरी हैं।
(1) हीमोफीलिया के लक्षण Symptoms of Hemophilia in Hindi
- – शरीर में नीले निशान बन जाते हैं।
- – आंख के अंदर खून का निकलना और नाक से अचानक खून का बहना।
- – जोड़ों में सूजन आना और रक्तस्राव होना।
- – ऐंठन का होना।
- – अचानक कमजोरी आना और चलने में तकलीफ होना।
- – मस्तिष्क में रक्तस्राव का होना।
- – किसी जख्म से खून कुछ देर के लिए बंद होने के बाद दोबारा बहने लगना।
- – मुंह के भीतर कटने या दांत उखड़ने की वजह से रक्त का बहना।
- शरीर में आंतरिक रक्तस्राव के कारण जोड़ों में दर्द होता है।
विशेषज्ञ डॉक्टरों के मुताबिक, कई बार हीमोफीलिया (Hemophilia) में सिर के अंदर भी रक्तस्राव होता है। इसमें बहुत तेज़ सिरदर्द, गर्दन में अकड़न होती उल्टी आती है। इसके अलावा धुंधला दिखना, बेहोशी और चेहरे पर लकवा होने जैसे लक्षण भी होते हैं। हालांकि, ऐसा बहुत कम मामलों में होता है।
किसी भी बीमारी के लिए घर बैठे विशषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श करने के लिए क्लिक करें-👇
(2) हीमोफीलिया का कारण Causes of Hemophilia in Hindi
- जिन लोगों को हीमोफीलिया (Hemophilia) होता है उनमें थक्के बनाने वाले घटक बहुत कम होते हैं। इसका मतलब है कि उनका ख़ून ज़्यादा समय तक बहता रहता है।
- इसके मरीजों में फैक्टर 8 की कमी होती है, जिससे शरीर में कटने या खरोंच लगने पर रक्त लगातार बहता है। शरीर में इस फैक्टर की कमी होने पर जोड़ों में तेज दर्द होता है। दर्द असहनीय होने पर बच्चे चिल्लाने लगते हैं और बेचैनी बढ़ जाती है।
- बतादें, फैक्टर 8 एक आवश्यक रक्त-थक्का बनाने वाला प्रोटीन है, जिसे एंटी-हीमोफिलिक कारक के रूप में भी जाना जाता है।
(3) हीमोफिलिया के प्रकार Types of Hemophilia in Hindi
हीमोफीलिया रोग दो प्रकार का होता है। हीमोफीलिया ए और हीमोफीलिया बी।
हीमोफीलिया ए में फैक्टर 8 की कमी होती है। हीमोफीलिया बी में फैक्टर 9 की कमी होती है। यानी रक्त का थक्का या क्लॉट जमाने के लिए आवश्यक तत्व को फैक्टर कहा जाता है।
हीमोफीलिया ए (Hemophilia A) और हीमोफीलिया बी (Hemophilia B) हेमोफिलिया ए एक ऐसा आनुवंशिक विकार है जो फैक्टर 8 प्रोटीन की कमी के कारण होता है और हीमोफीलिया बी, फैक्टर 9 की कमी से होता है। लगभग एक तिहाई मामलों में यह सहज-आनुवंशिक उत्परिवर्तन (spontaneous genetic mutation) के कारण होता है। रक्त विकार सभी जातीय समूहों को समान रूप से प्रभावित करता है।
(ii) हीमोफीलिया सी (Hemophilia C)
हीमोफीलिया सी भी एक अनुवांशिक विकार है जो फैक्टर 11 क्लोटिंग प्रोटीन के कारण होता है। इस रोग को पहली बार 1953 में उन रोगियों में पहचाना गया था जिनके दांत निकलने पर गंभीर खून बह रहा था। सामान्य जनसंख्या में हर 100,000 लोगों में हीमोफीलिया सी की बिमारी पाई जाती है।
इसका कारण यह है कि फैक्टर 11 की कमी एक आटोसॉमल अप्रभावी अनुवांशिक पैटर्न (autosomal recessive pattern) से होती है, जिसका अर्थ है कि माता-पिता दोनों में ऐसा जीन होगा जो बच्चे में इस बिमारी को पैदा करेगा जो कि हीमोफीलिया ए और बी के विपरीत है।
(4) हीमोफीलिया का इलाज?Hemophilia Treatment
* एक समय पहले हीमोफीलिया का इलाज मुश्किल था, लेकिन अब घटकों की कमी होने पर इन्हें बाहर से इंजेक्शन के ज़रिये डाला जा सकता है। अगर बीमारी की गंभीरता कम है तो दवाइयों से भी इलाज हो सकता है।
* अगर माता या पिता को ये बीमारी तो उनसे बच्चे में आने की संभावना होती है। ऐसे में पहले ही इसकी जांच कर ली जाती है। समय पर इसका पता चल जाने पर इंजेक्शन देकर इलाज हो सकता है।
* पर्याप्त शारीरिक गतिविधि शरीर के वजन को बनाए रखने और मांसपेशियों और हड्डियों की शक्ति में सुधार करने में मदद कर सकती है। हालांकि, ऐसी किसी भी शारीरिक गतिविधि से बचें, जो चोट और परिणामी रक्तस्राव का कारण बन सकती हैं।
* ब्लड-थिनिंग दवा जैसे कि वार्फरिन और हेपरिन से बचें। एस्पिरिन और इबुप्रोफेन जैसी ओवर-द-काउंटर दवाओं से बचना भी बेहतर है।
* अपने दांतों और मसूड़ों को अच्छी तरह से सफाई करें। अपने दंत चिकित्सक से सलाह लें कि मसूड़ों से खून बहने को कैसे रोका जाए।
अस्वीकरण- सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए अभी डाउनलोड करें ‘आयु ऐप’ और घर बैठे डॉक्टर से परामर्श लें।