Heart Failure Higher cancer risk: दिल के मरीज को हार्ट अटैक के साथ कैंसर का भी खतरा!
Heart Failure Patients May Have Higher Cancer Risk: दिल की बीमारी (Heart Failure) के साथ जीना आसान नहीं है वहीं, एक ताजा रिपोर्ट ने इन मरीजों की चिंता और भी ज्यादा बढ़ा दी है, जिसमें दावा किया गया है कि दिल के मरीजों में कैंसर का खतरा (Higher cancer risk) सबसे ज्यादा होता है। आज दुनियाभर के करीब 6 करोड़ 50 लाख लोगों को दिल से जुड़ी बीमारियों ने अपनी जद में ले रखा है।
पिछले 10 सालों में एक लाख से ज्यादा हार्ट पेशेंट और इतने ही ऐसे लोगों पर अध्ययन किया गया जिनको दिल से जुड़ी कोई बीमारी नहीं थी। सर्वे उन लोगों का किया गया जिनकी औसत आयु करीब 72 साल थी और अध्ययन की शुरुआत में उनमें से किसी में भी कैंसर की पुष्टि नहीं हुई थी।
1. क्या कहते हैं सर्वे के आंकड़े? Heart Failure Patients May Have Higher Cancer Risk- study
इस सर्वे के नतीजों में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। दिल की बीमारी (Heart Failure) के 25.7 फीसदी मरीजों में कैंसर भी पाया गया। तो वहीं, 16.2 फीसदी ऐसे लोगों में कैंसर पाया गया जो कि दिल की बीमारी (Heart Failure) के मरीज नहीं है।
इसमें भी लिंग की बात की जाए तो 28.6 फीसदी हार्ट पेशेंट महिलाओं में कैंसर की पुष्टि हुई। तो 18.8 फीसदी ऐसी महिलाओं में कैंसर मिला जिन्हें दिल की बीमारी नहीं थी।
वहीं 23.2 फीसदी हार्ट पेशेंट पुरुषों में कैंसर पाया गया तो वहीं 13.8 फीसदी उन पुरुषों में कैंसर की पुष्टि हुई जो कि हार्ट पेशेंट नहीं थे। इस रिपोर्ट को यूरोपियन सोसाइटी ऑफ कॉर्डियोलॉजी की बैठक में पेश किया गया है साथ ही ESC Heart Failure पत्रिका में प्रकाशित भी किया गया है।
इस पूरे अध्ययन को अंजाम देने वाले मार्क लुएडे का मानना है कि अध्ययन का परिणाम यह साबित नहीं करता कि दिल की बीमारी (Heart Failure) कैंसर की वजह बनती है। हालांकि अध्ययन के नतीजे यह भी बताते हैं कि दिल के मरीजों को इन दवाओं के चलते कैंसर से बचाव का फायदा मिल सकता है।
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2. हार्ट फेलियर और कैंसर दोनों ही बीमारियों का मुख्य कारण मोटापा और हाई शुगर
सर्वे को लेकर लुएडे ने कहा कि हार्ट फेलियर और कैंसर दोनों ही बीमारियों के मुख्य कारणों में मोटापा और हाई शुगर शुमार है ऐसे में हमने दोनों अपने अध्ययन में शामिल किया। लेकिन हमारी टीम के पास धूम्रपान, शराब के सेवन या शारीरिक गतिविधियों की पर्याप्त जानकारी नहीं थी, इसलिए अध्ययन में इन पहुलओं को शामिल नहीं किया गया। नतीजों से सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि हार्ट फेलियर और कैंसर के बढ़ते मामलों के बीच कुछ तो संबंध हो सकता है।
इस बात के प्रमाण भी मिले हैं कि दिल की बीमारी के कारक ट्यूमर के बढ़ने का कारण बन सकते हैं। साथ ही यह भी सिद्ध हो रहा है कि मरीज कैंसर के उपचार के कारण दिल की बीमारियों से भी घिर रहे है। ऐसे में हार्ट फेलियर और कैंसर दोनों बीमारियों की मार झेल रहे मरीजों को कैंसर रोग विशेषज्ञों और ह्दय रोग विशेषज्ञों दोनों के साझे प्रयासों की दरकार है। हालांकि इस विषय पर इतना शोध नहीं हुआ है कि दिल की बीमारी कैंसर के विकास से संबंधित है।
Statement-2 – While the findings don’t prove heart failure directly causes cancer, “the findings do suggest that heart failure patients may benefit from cancer prevention measures,” said Dr. Mark Luedde
Statement-2 – “Our results allow us to speculate that there may be a causal relationship between heart failure and an increased rate of cancer,” Dr. Luedde said.
3. हाई ब्लड प्रेशर के कारण हार्ट फेलियर
-जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या रहती है, उनके हार्ट को शरीर में रक्त की सप्लाई के लिए सामान्य लोगों के हार्ट की तुलना में अधिक काम करना पड़ता है। जब यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहती है तो इन लोगों के हार्ट की मांसपेशियां मोटी हो जाती हैं।
बढ़ी हुई मोटाई के कारण मांसपेशियां सख्त एवं कमजोर होने लगती हैं और इस कारण ये पंप करने का काम ठीक से नहीं कर पाती हैं। ऐसा होना हार्ट फेलियर की स्थिति दर्शाता है।
4. हार्ट हार्ट फेलियर के लक्षण (Heart Failure symptoms)
**- दिल की धड़कनें अचानक से बढ़ जाना
**-गर्दन की नसों में उभार आना।
** -लगातार खांसी रहना
** -पेट में सूजन आना
**-सांस लेने में दिक्कत
**-भूख ना लगना
**-बहुत अधिक थकान होना
**-पैरों में सूजन
**-पल्स रेट का अनियमित रहना
**-अचानक मोटापा बढ़ना
डिस्क्लेमर
इस लेख में वैज्ञानिकों द्वारा दिल के मरीजों पर हार्ट फेलियर (Heart failure) पर किए गए अध्ययन के बारे में बताया गया है। हार्ट अटैक (Heart Attack) के मरीज को कैंसर का खतरा अधिक हो सकता है। यह केवल सामान्य जानकारी है ये किसी भी तरह से योग्य चिकित्सक का विकल्प नहीं है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए चिकित्सक की सलाह अनुसार इलाज लें। घर बैठे विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श करने और 2 घंटे से भी कम समय में दवाईयां पाने के लिए आयु ऐप डाउनलोड करें।
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