कोरोना वायरस (CoronaVirus) से बचाव के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने होम क्वॉरेंटाइन के सिलसिले में एक एडवाइजरी जारी की है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने ट्वीट कर होम क्वॉरेंटाइन के बारे में बताया है। कोरोना का अब तक कोई इलाज नहीं खोजा जा सका है, ऐसे में इससे बचाव ही एक मात्र रास्ता है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, होम क्वॉरेंटाइन के जरिए ही आप खुद को और अपनी फैमिली को कोरोना के संक्रमण से बचा सकते हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय की नई गाइडलाइन इस तरह है…
होम क्वारंटाइन में इन बातों का रखें ध्यान-
- अपने ही घर में ऐसे कमरे में रहें जो हवादार हो और जिसमें टॉयलेट की सुविधा भी मौजूद हो।
- यदि किसी अन्य सदस्य को उसी कमरे में रहना पड़े तो 1 मीटर की दूरी जरूर बनाएं।
- दोनों शख्स घर के अन्य बुज़ुर्गों, गर्भवती महिलाओं और बच्चों से दूरी बनाकर रखें।
- संदिग्ध व्यक्ति किसी भी शादी- समारोह या भीड़-भाड़ वाली जगह ना जाए |
- साबुन से हाथ धोएं और अल्कोहाल बेस्ड हैंड सैनेटाइज़र का इस्तेमाल करें |
- घर में खुद से पानी, बर्तन, तौलिए और अन्य किसी चीज को न छुएं।
- कोरोना वायरस से बचाव के लिए सर्जिकल मास्क लगाकर रहें. हर 6-8 घंटे में मास्क बदलें। मास्क को तय समय के बाद फेंक दें।
- अगर आपको कोरोना वायरस के कुछ लक्षण जैसे- खांसी, बुखार, सांस में तकलीफ़ जैसे लक्षण दिखाई देते हैं तो हेल्थ सेंटर 011-23978046 पर कॉल करें।
होम क्वॉरेंटाइन लोगों के परिवार वालों के लिए निर्देश:
- जो व्यक्ति होम क्वॉरेंटाइन है उसकी देखभाल के लिए घर का कोई एक सदस्य ही हो। होम क्वॉरेंटाइन व्यक्ति की त्वचा से सीधे संपर्क से परहेज करें।
- होम क्वॉरेंटाइन व्यक्ति के कमरे की साफ-सफाई करने से पहले हाथों में दस्ताने पहनें। जब दस्ताने उतारें तब हाथों को अच्छे से धोएं और सैनेटाइज करें।
- .अगर आपके घर में कोई ऐसा व्यक्ति है जो होम क्वॉरेंटाइन हो तो बाहरी लोगों और मेहमानों को घर में न बुलाएं। कम से कम 14 दिनों तक तो ऐसा करें ही जब तक कि रिपोर्ट्स नेगेटिव न आ जाए।
आइसोलेशन और क्वॉरेंटाइन में क्या अंतर होता है?
आइसोलेशन उस व्यक्ति को किया जाता है जो कोरोना वायरस संक्रमित हो जाता है और उसके संक्रमण होने की पुष्टि डॉक्टर द्वारा कर ली जाती है। आइसोलेशन के दौरान उन्हें पूरी तरह की सुविधा दी जाती है उनका ख्याल रखा जाता है और साथ ही उन्हें सभी प्रकार की दवाइयाँ देकर स्वस्थ करने की प्रक्रिया 14 दिन तक अपनाई जाती है। आइसोलेशन वार्ड घर से दूर किसी एकांत स्थान पर होते हैं।
क्वॉरेंटाइन उन व्यक्तियों को किया जाता है जो किसी प्रकार की विदेश यात्रा करके आए हो या किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आये हो। क्वॉरेंटाइन के दौरान संदिग्ध व्यक्ति को भी 14 दिन तक देखभाल में रखा जाता है और साथ ही उसे भी आवश्यक उपचार व दवाइयाँ डॉक्टर की सलाह से दी जाती हैं। क्वॉरेंटाइन होने के लिए कोई व्यक्ति अपने घर का एक कमरे का चुनाव भी कर सकता है ताकि वह स्वस्थ लोगों से दूर रह सके।
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