Happy hypoxia: कोरोना के युवा मरीजों का साइलेंट किलर ‘हैप्पी हाइपोक्सिया’, जानें क्यों है ये खतरनाक?
Happy hypoxia: कोरोना के युवा मरीजों में कोरोना के सबसे घातक होने की वजह हैप्पी हाइपोक्सिया है । इसमें युवाओं को शरीर में ऑक्सीजन कम होने के कोई लक्षण महसूस नहीं होते हैं और पता चलने में बहुत देर हो जाती है तब ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत पड़ती है। इसे हैपी हाइपोक्सिया या साइलेंट हाइपोक्सिया (Happy hypoxia) कहा जाता है।
1. क्या है हैप्पी हाइपोक्सिया? What is Happy hypoxia
हैप्पी हाइपोक्सिया में कोरोना इंफेक्शन के बाद मरीज के खून में ऑक्सीजन का स्तर बहुत कम हो जाता है। एक स्वस्थ व्यक्ति के खून में ऑक्सीजन सेचुरेशन 95% या इससे ज्यादा होता है। पर कोरोना मरीजों में ऑक्सीजन सेचुरेशन घटकर 50% तक पहुंच रहा है। हाइपोक्सिया (Happy hypoxia) की वजह से किडनी, दिमाग, दिल और अन्य प्रमुख अंग काम करना बंद कर सकते हैं। कोरोना मरीजों में शुरुआती स्तर पर कोई लक्षण नहीं दिखता। वह ठीक और ‘हैप्पी’ ही नजर आता है।
2.युवाओं में अचानक क्यों कम हो जाता है ऑक्सीजन लेवल?
जब हम सांस लेते हैं तो खून के साथ ऑक्सीजन शरीर के कोने-कोने में पहुंच जाती है. ऑक्सीजन को खून में पहुंचाने का काम फेफड़ों से शुरू होता है. फेफड़े के ऊपर महीन ब्लड वेसल्स यानी रक्त वाहिनियों का जाल होता है। यह एक नेट की तरह होता है। जब हम सांस लेते हैं तो ऑक्सीजन फेफड़ों में जाती है। इस ऑक्सीजन को ही उन रक्त वाहिनियों में एक खास प्रक्रिया द्वारा सोख लिया जाता है। उसके बाद ऑक्सीजन खून के साथ शरीर के हर अंग में पहुंच जाती है।
कोरोना का इंफेक्शन होने पर फेफड़ों पर बुरा असर पड़ता है और भरपूर ऑक्सीजन रक्त में घुल नहीं पाती। इससे शरीर के दूसरे अंग ऑक्सीजन के अभाव में काम करना बंद कर देते हैं।
3. हैप्पी हाइपोक्सिया के लक्षण symptoms of Happy hypoxia
हैप्पी हाइपोक्सिया में होठों का रंग बदलने लगता है। वह हल्का नीला होने लगता है। त्वचा भी लाल/बैंगनी होने लगती है। गर्मी में न होने या कसरत न करने के बाद भी लगातार पसीना आता है। यह खून में ऑक्सीजन कम होने के लक्षण हैं। लक्षणों पर नजर रखने से जरूरत पड़ने पर तत्काल अस्पताल में भर्ती किया जा सकता है।
4. कोरोना के युवा मरीजों में ही क्यों आ रहे हैं हैप्पी हाइपोक्सिया के लक्षण Why Happy hypoxia attacking young corona patients
डॉक्टरों का कहना है कि युवाओं की इम्यूनिटी मजबूत होती है और बर्दाश्त करने की क्षमता भी अन्य वर्ग से अधिक होती है। क्योंकि युवाओं में कोरोना के माइल्ड लक्षण ही देखे जाते हैं इसलिए युवा अस्पताल जाने में देरी करते हैं, और तब तक हालत कंट्रोल से बाहर जा चुकी होती है।युवाओं को 80% ऑक्सीजन सेचुरेशन पर भी लक्षण महसूस नहीं होते। वे कुछ हद तक हाइपोक्सिया को बर्दाश्त कर जाते हैं।
5. हैप्पी हाइपोक्सिया से बचने का उपाय Prevention of Happy hypoxia
सभी एक्सपर्ट्स और डॉक्टर इस बात को लेकर एकमत हैं कि कम या मॉडरेट लक्षण वाले कोरोना मरीजों को भी उतना ही अलर्ट रहने की जरूरत है जितना गंभीर स्थिति वालों को। जितने दिन कोरोना पॉजिटिव रहें ऑक्सीमीटर से लगातार ऑक्सीजन सेचुरेशन लेवल की जांच करते रहें। इसके अलावा बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी दवा को लेने से बचें।
डिस्क्लेमर
दोस्तों इस लेख में आपने कोरोने के सबसे खतरनाक लक्षण हैप्पी हाइपोक्सिया (Happy hypoxia) के बारे में जाना, जो इस कोरोना की दूसरी लहर में युवाओं के लिए साइलेंट किलर साबित हो रहा है। ऐसे में आप सभी सतर्क रहें और सरकार द्वारा जारी कोरोना गाइडलाइन का पालन करें। कोई भी स्वास्थ्य समस्या होने पर संक्रमण के खतरे से बचने के लिए जरूरी है कि आप घर बैठे ही डॉक्टर से परामर्श करें। घर बैठे डॉक्टर से परामर्श और दवाईयां मंगवाने के लिए आयु ऐप डाउनलोड करें।
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