Corona Brief news : एन-95 मास्क को लेकर सरकार की चेतावनी, केवल ट्रिपल लेयर मास्क का ही करें इस्तेमाल
एन-95 मास्क को लेकर जारी की चेतावनी: केंद्र ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पत्र लिखकर लोगों के छिद्रयुक्त श्वासयंत्र लगे एन-95 मास्क पहनने के खिलाफ चेतावनी जारी की है।
सरकार ने भारत में छिद्रयुक्त श्वासयंत्र लगे एन 95 मास्क पहनने के खिलाफ राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों को चेतावनी जारी की है। सरकार का कहना है कि एन 95 मास्क कोविड-19 वायरस के प्रसार को रोकने में कारगर नहीं है।
स्वास्थ्य मंत्रालय में स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक राजीव गर्ग ने बताया कि छिद्रयुक्त श्वसनयंत्र लगा एन-95 मास्क कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए अपनाए गए कदमों के विपरीत है क्योंकि यह वायरस को मास्क के बाहर आने से नहीं रोकता। “इसके मद्देनजर मैं सभी सरकारों से आग्रह करता हूं कि सभी संबंधित लोगों को निर्देश दें कि वे फेस/माउथ कवर के इस्तेमाल का पालन करें और एन-95 मास्क के अनुचित इस्तेमाल को रोकें।”
2. COVID19:ऑक्सफोर्ड वैक्सीन से देसी टीके तक
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने एक COVID-19 वैक्सीन विकसित की है। 20 जुलाई को मेडिकल जर्नल ‘लांसेट’में इसके फेज I/II क्लिनिकल ट्रायल्स के नतीजे पब्लिश किए गए, जिनमें कहा गया कि यह वैक्सीन सुरक्षित है और शरीर के भीतर एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया (इम्युनिटी रिस्पॉन्स) को पैदा करती है।
शुरुआती क्लिनिकल ट्रायल के तहत अप्रैल और मई में ब्रिटेन के 5 अस्पतालों में 18 से 55 साल की उम्र के 1,077 स्वस्थ वयस्कों को वैक्सीन की डोज दी गई थी। इसके नतीजे बताते हैं कि वैक्सीन ने टीका करण के 14 दिनों के अंदर एक टी सेल प्रतिक्रिया को पैदा किया, और 28 दिनों के भीतर एक एंटीबॉडी प्रतिक्रिया पैदा की।
इन नतीजों को उम्मीद भरा माना जा रहा है कि लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह पता लगाना बहुत जल्दबाजी होगी कि क्या यह सुरक्षा प्रदान करने में पूरी तरह से सक्षम है क्योंकि बड़े स्तर पर अभी भी ट्रायल्स चल रहे हैं।
3. दुनिया की 3 बड़ी कोरोना वैक्सीन के ट्रायल का स्टेटस:
20 जुलाई को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में कोरोना की वैक्सीन ट्रायल के नतीजे जारी किए। ट्रायल में बेहतर नतीजे सामने आने के बाद दुनिया की दो और बड़ी वैक्सीन से उम्मीदें बढ़ गई हैं। इनके भी शुरुआती ट्रायल के नतीजे उम्मीदों के मुताबिक रहे हैं।
पहली वैक्सीन चीनी फार्मा कम्पनी कैनसिनो बायोलॉजिक्स की है जिसका अगले चरण का ट्रायल चल रहा है। कैनसिनो वेस्टर्न फार्मा को पीछे छोड़कर दुनिया की पहली वैक्सीन तैयार करने की कोशिश में है। तीसरी वैक्सीन जर्मन कम्पनी बायोएनटेक की है।
तीन बड़ी वैक्सीन के ट्रायल का स्टेटस
- पहली : पहले क्लीनिकल ट्रायल में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन सुरक्षित और असरदार साबित हुई
- दूसरी : चीनी आर्मी और फार्मा कम्पनी कैनसिनो की वैक्सीन के ट्रायल में एंटीबॉडी के साथ टी-सेल भी विकसित हुईं।
- तीसरी : जर्मनी की बायोएनटेक फर्म ने अमेरिकी ड्रग कम्पनी फिजर के साथ मिलकर तैयार की वैक्सीन, इसमें बड़े स्तर पर टी-सेल्स का रिस्पॉन्स बढ़ा।
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- ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी की ओर से किए गए ट्वीट में भी कहा गया है कि AZD1222 नाम की इस वैक्सीन को लगाने से अच्छा इम्यून रिस्पांस मिला है। वैक्सीन ट्रायल में लगी टीम और ऑक्सफ़ोर्ड के निगरानी समूह को इस वैक्सीन में सुरक्षा को लेकर कोई चिंता वाली बात नजर नहीं आई और इससे ताक़तवर रिस्पांस पैदा हुआ है।
4. कोरोना का कम्युनिटी ट्रांसमिशन, दावा आधिकारिक नहीं : IMA
देशभर में फैले कोरोनावायरस (Coronavirus) को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के चेयरमैन डॉक्टर वीके मोंगा (Doctor VK Monga) ने हाल ही में एक बयान जारी कर कहा कि अब कोरोनावायरस कम्युनिटी ट्रांसमिशन (Coronavirus Community Transmission) की स्टेज पर पहुंच गया है।
इसके बाद अब सोमवार को आईएमए द्वारा एक बयान जारी किया गया है। अपने इस बयान में आईएमए ने यह स्पष्ट किया है कि कथित तौर पर कम्युनिटी ट्रांसमिशन पर दिया गया बयान आईएमए के हेड क्वाटर द्वारा जारी नहीं किया गया था बल्कि यह व्यक्ति की अपनी राय थी।
आईएमए के मुताबिक, डेटा से पता चलता है कि महामारी मुख्य रूप से महानगरों में फैली हुई है और ग्रामीण इलाके काफी हद तक सुरक्षित हैं। गौरतलब है कि सोमवार सुबह तक देशभर में कोरोनावायरस के कुल मामलों की संख्या 11,18,043 पहुंच गई है. पिछले 24 घंटों में कोरोना के 40,425 नए मामले सामने आए हैं।
5. ट्रिपल लेयर मास्क का ही करें इस्तेमाल
वर्ल्ड हेल्थ आर्गनाइजेश की एडवाइजरी के बाद भारत सरकार ने लोगों को सलाह दी है कि त्रिपल लेयर मास्क का ही इस्तेमाल करें। हम आपको बताते हैं कि तीन परतों के ये मास्क असल में क्या होते हैं और कैसे आपको लग सकता है कि ये असली और असरदार हैं और आपको कोरोना वायरस से बचा सकते हैं-
कैसे जानें ट्रिपल लेयर मास्क के बारे में-
जैसे ही आप मास्क खोलेंगे, इसमें आपको तीन परतें दिखेंगी। इन तीनों परतों में बाहर हाइड्रोफोबिक बगैर बुनी होती है। बीच की परत सफेद मेल्ट ब्लोन लेयर होती है और सबसे अंदर की परत मुलायम, शोषक यानी आब्जर्बेंट गैर बुनी होती है।
अगर आपके ट्रिपल लेयर मास्क में ये परतें नहीं हैं तो इसका मतलब ये हुआ कि ये असली ट्रिपल लेयर मास्क नहीं है।
ट्रिपल लेयर मास्क की सबसे अंदरूनी सतह ऐसी होती है कि वो हर तरह की नमी यानी सेलिवा, कप और छींक ड्रॉपलेट्स को सोख ले।
यानी मास्क से ड्रॉपलेट्स बाहर निकल ही नहीं पाएं। अंदर ही रहें। अगर आपकी अंदरूनी सतह पानी को नहीं सोख रही है तो ये उचित ट्रिपल लेयर मास्क नहीं है।
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