क्या है गेस्ट्राइटिस, कारण, लक्षण और उपाय
आज ज्यादा जंक फ़ूड के सेवन, शारीरिक श्रम में कमी और बढ़ते तनाव की वजह से कई तरह की बीमारियाँ हो सकती है। गैस्ट्रिक एक ऐसी ही समस्या है, जिससे किसी भी उम्र के व्यक्ति को परेशानी हो सकती है। आज, गेस्ट्राइटिस की बीमारी से कई लोग परेशान रहते है।
इसलिए जानना जरूरी है कि यह क्यों होता है और इससे कैसे बचा जा सकता है।
गेस्ट्राइटिस होने की वजह (Reason of Gastritis):
गेस्ट्राइटिस एक ऐसी अवस्था है, जिसमें पेट की परत में सूजन आ जाती है। यह सूजन पेट में अल्सर पैदा करने वाले बैक्टीरिया के संक्रमण से होता है।
इसके अलावा, यह म्यूकस का उत्पादन करता है, जो एसिड की समस्या से बचाता है। अगर यह एसिड, एंजाइम और म्यूकस के उत्पादन को प्रभावित करता है, तो गैस की समस्या होना आम है।
इस समस्या की शिकायत एस्पिरिन और इबुप्रोफेन जैसी कुछ दवाओं के ज्यादा प्रयोग की वजह से होती है साथ ही, ज्यादा शराब का सेवन भी समस्या को पैदा करता है। इससे प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है। क्योंकि, अगर आपका प्रतीक्षा तंत्र कमजोर रहता है तो आपको कई अलग-अलग तरह की बीमारियाँ हो सकती है।
इसी कड़ी में, ज्यादा तनाव इसके होने की संभावना बढाता है। इन कारणों के अलावा, एच पिलोरी बैक्टीरिया की उपस्थिति इसके खतरे को बढ़ाती है साथ ही, मधुमेह या गुर्दे की विफलता जैसी कुछ बीमारियाँ इसके होने का प्रमुख कारण है।
इस समस्या को समय पर पहचान कर हम इसके इलाज़ को शुरू कर सकते हैं। इसके होने की पहचान करने के लिए पहले हमे इसके लक्षणों को जानना पड़ेगा। इस समस्या के शुरू होने का एक लक्षण ऊपरी पेट में दर्द होना है।
इस दौरान, दर्द धीरे-धीरे बढ़ने लगता है। इस दौरान अपच की शिकायत भी हो सकती है। कुछ खाया-पिया पच नहींं पाता, जिसकी वजह से शरीर में बेचैनी होने लगती है।
इनके अलावा, पेट में सूजन, खाना ना पच पाने की वजह से उल्टी और दस्त की शिकायत होना साथ ही, एसिडिटी की वजह से डकार, भूख की कमी और लगातार वजन घटने लगता है।
उपचार से बेहतर है इलाज (Treatment is better than cure):
कुछ बचाव या सतर्कता बरतकर हम इस तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से बच सकते हैं। गैस्ट्राइटिस से बचने के लिए हमारी खाने की आदतों पर ध्यान देना जरूरी है। भोजन की मात्रा ज्यादा ना हो, इसके लिए हमे उपाय करने चाहिए।
अपने भोजन में तेल और स्टार्च के सेवन को कम से कम करना चाहिए साथ ही, कुछ विशेष खाद्य पदार्थों का सेवन ना करें जैसे अत्यधिक खाने से बचने के साथ-साथ टमाटर जैसी चीजों का भी सेवन ना करें।
इसके अलावा, दही, गाजर, नारियल के पानी, सेब, ताजा सब्जियाँ और फल से इस रोग को नियंत्रित कर सकते है।
आप अपनी बुरी आदतों को छोड़ दें जैसे कि शराब के सेवन, एलर्जी खाद्य पदार्थों, चाय, तेल वाले भोजन का कम से कम सेवन और ऐसे ही दूसरे खाद्य पदार्थों से परहेज करें साथ ही, ज्यादा तली और मिर्च मसाले वाली चीज़ का कम से कम उपयोग करें। उच्च फैट वाले खाद्य पदार्थों को खाने से बचें।
अगर आप सेहतमंद डाइट और योगासनों को अपनी जीवनशैली में अपनाएंगे तो आपको गैस्ट्रिक जैसी परेशानी नहीं होगी।
गेस्ट्राइटिस से होने वाली जटिलताएं (Complications by Gastritis):
ज्यादातर लोगों में गेस्ट्राइटिस ठीक हो जाता है। गेस्ट्राइटिस के लक्षण समय-समय पर सामने आते हैं, यह पेट की परत को प्रभावित करने वाले कई कारणों पर निर्भर करता है। गेस्ट्राइटिस एक सामान्य बीमारी है।
कभी-कभी, गेस्ट्राइटिस के कुछ दुर्लभ रूप भी नजर आते है जो आपके जीवन के लिए भी हानिकारक हो सकती है। गंभीर और लगातार दिख रहे लक्षण या आंतरिक रक्तस्राव के गंभीर आंतरिक कारणों का पता करने के लिए स्वास्थ्य प्रोफेशनल को सतर्क रहना चाहिए।
गेस्ट्राइटिस के इलाज के बावजूद भी अगर लक्षण और संकेतों में कोई सुधार नहीं है, तो डॉक्टर को इस बारे में बताएं।
गेस्ट्राइटिस में किन चीज़ों से परहेज करें (Things to avoid in Gastritis)?
फैट में उच्च खाद्य पदार्थ पेट की परत में सूजन को अधिक बढ़ा सकते हैं। कुछ अन्य खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए, जो पेट संबंधी समस्याएं पैदा कर सकती है।
- शराब
- कॉफी
- अम्लीय खाद्य पदार्थ
- फलों का रस
- फैट युक्त खाद्य पदार्थ
- तले हुए खाद्य पदार्थ
- कार्बोनेटेड ड्रिंक्स
- मसालेदार भोजन
गेस्ट्राइटिस में क्या खाएं (What to eat in Gastritis):
- उच्च फाइबर वाले खाद्य पदार्थ खाएं
- कम फैट वाले खाद्य पदार्थ
- कम एसिडिटी वाले खाद्य पदार्थ
- पेय पदार्थ जिनमें कार्बोनेटेड ना हो
- बिना कैफीन वाले पेय पदार्थ
- प्रोबायोटिक्स जैसे दही
अस्वीकरण: सलाह सहित इस लेख में सामान्य जानकारी दी गई है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है।अधिक जानकारी के लिए आज ही अपने फोन में आयु ऐप डाउनलोड कर घर बैठे विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श करें। स्वास्थ संबंधी जानकारी के लिए आप हमारे हेल्पलाइन नंबर 781-681-11-11 पर कॉल करके भी अपनी समस्या दर्ज करा सकते हैं। आयु ऐप हमेशा आपके बेहतर स्वास्थ के लिए कार्यरत है।