नाखूनों में फंगल इंफेक्शन क्यों होता है, जानिए कारण और इलाज
हाथ-पैर की खूबसूरती बढ़ाने वाले नाखून बीमार भी कर सकते है। इन नाखूनों को कोई भी रोग पकड़ सकते है और समय पर इसका इलाज करवाना भी उतना ही जरूरी है, जितना दूसरी बीमारियों का। नाखूनों को भी रोग घेर सकते है, जिसमें फंगल इंफेक्शन, जीवाणु (Bacteria) का असर, ट्यूमर रोग आदि शामिल है। अगर आप नाखून रोग से ग्रसित हो गए है तो आप संक्रमित हो सकते है। इनमें दर्द हो सकता है और विशेष प्रकार की गंध भी छोड़ते है।फंगल इंफेक्शन फंगस की वजह से होता है। यह जीवाणुओं (Bacteria) के कारण पैदा होने वाली फफूंद है जो रोग का कारण बनती है।
फंगस नाखूनों के लिए बिल्कुल सही नहीं:
नाखूनों को प्रभावित करने वाला फंगस इंफेक्शन ओनिकोमाइकोसिस के रूप में जाना जाता है और यह नाखून के रोग में आम है। फंगल इंफेक्शन का शिकार होने की आशंका तब बढ़ जाती है, जब व्यक्ति को मधुमेह (डायबिटीज) हो, उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) कमजोर हो, साथ ही 60 साल या उससे ज्यादा की उम्र हो। वह लोग इससे पीड़ित हो सकते है जिन्होंने आर्टिफिशियल नेल्स (कृत्रिम नाखून) पहने हो। नाखून को संक्रमित करने वाले फंगस में सबसे आम है कैंडिडा जिसके कारण नाखून हरे, काले या पीले हो सकते है साथ ही नाखून की मोटाई भी बढ़ सकती है।
नाखून कवक (Fungi) एक सामान्य स्थिति है, जो हाथ या पैर के नाखून की नोक के नीचे एक सफेद या पीले रंग के स्पॉट के रूप में शुरू होती है जैसे ही फंगल संक्रमण गहरा हो जाता है, कवक (Fungi) नाखून को बदरंग, मोटा और किनारे से उखाड़ना शुरू कर देता है।
इसके इलाज के लिए डॉक्टर से तुरंत संपर्क करने की आवश्यकता होती है। डॉक्टर इस प्रक्रिया में नाखून से एक स्क्रैप लेते है और इसे फंगस के संकेतों के लिए माइक्रोस्कोप से देखकर डायग्नोस करते है। डॉक्टर से बिना बात किए ली गई दवाईयाँ विश्वसनीय परिणाम नहीं देतीं। ओरल एंटीफंगल दवाएं फायदेमंद हो सकती है। उँगलियों के नाखूनों की अपेक्षा पैर के अंगूठों के इलाज में ज्यादा समय लगता है।
नाखूनों में बैक्टीरियल इंफेक्शन हो जाना:
नाखूनों से जुड़े इन रोगों में बैक्टीरियल इंफेक्शन खत्म करने के लिए क्रीम, जेल या मलहम इस्तेमाल किए जाते है, लेकिन जहाँ मामला गंभीर हो रहा है वहाँ विशेष थेरेपी करवानी पड़ती है। एक दूसरे इलाज में इन फंगस को मारने में लेजर ट्रीटमेंट फायदेमंद होता है। लेजर नेल थेरेपी एक उंगली के फंगल इंफेक्शन का इलाज करती है। इसमें ज्यादा शक्ति वाली बीम का इस्तेमाल होता है। जिसके जरिए फंगस को खत्म किया जाता है जो किसी नाखून या टिश्यू को क्षति पहुँचाता है। कभी-कभी बहुत ज्यादा बढ़े संक्रमण से बचने के लिए नाखून को निकालना ही एकमात्र विकल्प दिखता है।
इंफेक्शन से नाखूनों को कैसे बचाएं:
नाखूनों के संक्रमण का इलाज लंबा समय ले सकता है। इसलिए बेहतर होगा कि इसके बचाव से पहले ही जरूरी कदम उठा लें।
नाखूनों के संक्रमण से बचने के लिए हमेशा अपने नाखूनों और आसपास की त्वचा को साफ व सूखी रखने की कोशिश करें। अपने शरीर के किसी दूसरे फंगल इंफेक्शन के संपर्क में आने के बाद अच्छे से धोएं। मेनिक्योर और पेडिक्योर टूल्स शेयर करने से बचें। अपने नाखूनों और त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए उसे पर्याप्त समय दें। नाखून के इस इंफेक्शन के लिए वैकल्पिक उपचार में नारियल के तेल से बने खाद्य पदार्थ, लहसून का सेवन, दही, एपल साइडर विनेगर से बने खाद्य पदार्थ उपयोगी है। यह खाद्य पदार्थ फंगल इंफेक्शन को बार-बार होने से रोक देते है।
फंगल इंफेक्शन के अलावा और भी बीमारियाँ नाखूनों को घेर सकती है। अगर नाखूनों में भूरे या काले धब्बे दिखें तो यह साधारण से दिखने वाले निशान एक प्रकार के कैंसर मेलानोमा के कारण हो सकते हैं। भूरे काले धब्बे बढ़ते जा रहे हों या त्वचा का रंग नाखूनों के आसपास बदल रहा हो तो दिक्कत हो सकती है। नाखूनों में पीले रंग का पस भर रहा हो तो यह परेशानी का कारण बन सकता है।
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