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कोरोना वायरस से लड़ने में कारगर हो सकती हैं ये दवाएँ, WHO ने दी परीक्षण की अनुमति

कोरोना वायरस से लड़ने में कारगर हो सकती हैं ये दवाएँ, WHO ने दी परीक्षण की अनुमति

लगभग आधा विश्व कोरोना वायरस के संक्रमण के डर से घरों में कैद हो गया है। कारण है कि यह वायरस एक-दूसरे के संपर्क में आने से अधिक फैलता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना वायरस को महामारी घोषित करने के बाद इसी तरह की पूर्व में आई महामारियों पर लागू की गई दवाओं के परीक्षण की अनुमति दे दी है। इन्हीं दवाइयों से अब तक लोग कोरोना वायरस के संक्रमण से ठीक होते आए हैं। 

आइए जानते हैं कौन सी हैं ये दवाइयां 

  1. रेमडेसिवीर–  इसे जिलीड साइंसेज ने इबोला के इलाज के लिए बनाया था।  रेमडेसिवीर किसी भी वायरस के RNA को तोड़ देता है।  इससे वायरस इंसान के शरीर में घुसकर नए वायरस पैदा नहीं कर पाता। ‘द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसीन’ में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका के पहले कोविड-19 कोरोना वायरस के मरीज को सबसे पहले रेमडेसिवीर दवा दी गई थी। इसके अगले दिन ही उसकी तबियत ठीक हो गई। 

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2. क्लोरोक्विन और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस दवा की वकालत करते हुए कहा था कि ये दवा गेम चेंजर हो सकती है। WHO की वैज्ञानिक समिति ने पहले इस दवा को खारिज कर दिया था. 13 मार्च 2020 को जेनेवा में हुई WHO की वैज्ञानिक समिति की बैठक में क्लोरोक्विन और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन को महा-परीक्षण पर भेजने की बात कही गई।

क्योंकि इस दवा को लेकर वैश्विक स्तर पर मांग आई थी.  क्लोरोक्विन और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन दवा से इंसान के शरीर की उस कोशिका का अंदरूनी हिस्सा खत्म हो जाता है, जिसपर वायरस हमला करता है। इससे कोरोना वायरस के बाहरी सतह पर मौजूद प्रोटीन के कांटे बेकार हो जाते हैं। वायरस कमजोर हो जाता है।   

3. रिटोनावीर/लोपिनावीर – इन्हें कालेट्रा नाम से भी जाना जाता है। इसका उपयोग साल 2000 में अमेरिका में सबसे ज्यादा HIV को रोकने के लिए किया गया था।  ये दवा शरीर में बहुत तेजी से घुलती है। हल्के स्तर के संक्रमण के लिए रिटोनावीर का उपयोग किया जाता है, जबकि अधिक संक्रमण हो तो लोपिनावीर का उपयोग होता है।ये दवाएं शरीर में वायरस के हमले वाले स्थान पर जाकर वायरस और इंसानी कोशिका के संबंध को तोड़ देती हैं। 15 मार्च 2020 को  द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित हुई रिपोर्ट के अनुसार,  रिटोनावीर/लोपिनावीर का कोरोना वायरस पर पहला ट्रायल चीन के वुहान में ही किया गया था। 

4. रिटोनावीर/लोपिनावीर और इंटरफेरॉन-बीटा का मिश्रण-  इस दवा का उपयोग सऊदी अरब में मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (MERS) महामारी के दौरान संक्रमित मरीजों पर किया गया था। इससे शरीर के ऊतक यानी टिश्यू को नुकसान पहुंचता है लेकिन वायरस का प्रभाव खत्म होने लगता है. WHO के कहने पर कई देश इन दवाओं के परीक्षण में जुट गए हैं।  (Source- Sciencemag.org)

जयपुर SMS अस्पताल में सफल कोरोना का इलाज

बीबीसी हिंदी में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, राजस्थान के जयपुर में सवाई मानसिंह अस्पताल में 3 कोरोना पॉजिटिव मरीजों को रेट्रोवायरल ड्रग के ज़रिए ठीक किया गया है। जो इस समय चर्चा में बना हुआ है। एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक डीएस मीणा का दावा है कि इस इलाज के बाद उन्हें उन्हें पाकिस्तान, बांगलादेश और इटली तक से इस नई इलाज तकनीक के विषय में फोन आए हैं। इसके आलावा महाराष्ट्र में भी कुछ मरीज़ों पर भी इसकी अनुमति अब दी जा चुकी है।

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नया ड्रग कैसे काम करता है?

कोरोना वायरस और एचआईवी वायरस का एक जैसा मॉलिक्यूलर स्ट्रक्चर होने के कारण मरीज़ों को ये एंटी ड्रग दिए गए हैं। सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के डीन डॉक्टर सुधीर के मुताबिक़, “SARS के मरीज़ों में भी इस ड्रग का इस्तेमाल पहले किया जा चुका है। कोरोना वायरस भी एक वायरस से फैलने वाली बीमारी है। कोरोना का वायरस इसी परिवार का वायरस है जो म्यूटेशन से बना है। “इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने इसके लिए बाक़ायदा गाइडलाइन जारी कर कहा है कि किन मरीज़ों पर इस ड्रग का इस्तेमाल किया जा सकता है

कोरना के मरीजों पर रेट्रोवायरल का ट्रायल

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से रेट्रोवायरल ड्रग के इस्तेमाल पर राज्यसभा में सवाल पूछा गया। जवाब में उन्होंने कहा, “आईसीएमआर के वैज्ञानिक विश्वभर में कोरोना के इलाज को लेकर जो भी काम हो रहा है, उस पर नज़र बनाए हुए हैं। विशेषज्ञों की जांच के बाद कुछ मरीज़ों पर रेट्रोवायरल दवाइयां दी जा रही है। “

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प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में लोगों को संकल्प लेने को कहा है कि वे केंद्र और राज्य सरकारों के परामर्श का अनुपालन करेंगे। मोदी ने लोगों से अनुरोध किया कि वे नियमित जांच के लिए अस्पताल जाने से बचें ताकि स्वास्थ्यकर्मियों पर दबाव कम हो। ऐसे में आयु ऐप आपको कोरोना या किसी भी अन्य बीमारी से लड़ने और उसकी संपूर्ण जानकारी विशेषज्ञ डॉक्टरों के द्वारा आपको घर बैठे निशुल्क उपलब्ध करवा रहा है। आप इस ऐप के माध्यम से विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श और इलाज की सुविधा ले सकते हैं इसके लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।


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COMMENTS

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    Chintu kumar 5 years

    Sir mujhe khasi hai or abhi Aram hai but kamjori mehsus ho Raha hai Maine sarkari doct se jach karwaya hai wo bole hai sab thik hai but kamjori mehsus hota hai kya karu sir

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