विटामिन-डी की कमी दूर करने वाले फूड्स | Foods to Overcome Vitamin-D deficiency in Hindi:
हमारे शरीर के स्वास्थ्य के लिए विटामिन-डी बहुत महत्वपूर्ण होता है। लेकिन क्या आप जानते है विटामिन-डी की अधिकता भी खतरनाक होता है। आइये जानते है विटामिन-डी की कमी दूर करने वाले फूड्स और ज्यादा सेवन से कौन-कौन सी परेशानियाँ हो सकती है।
विटामिन-डी हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है। वैसे तो धूप से ही शरीर को पर्याप्त मात्रा में विटामिन-डी मिल जाता है लेकिन कई बार धूप ना ले पाने की वजह से विटामिन-डी की कमी हो सकती है। ऐसे में विटामिन-डी युक्त आहार लेना बहुत जरूरी है। कमजोर हड्डियाँ और मांसपेशियाँ विटामिन-डी की कमी की ओर इशारा करते है। विटामिन-डी की कमी कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है जैसे, बच्चों में अस्थमा, बुजुर्गों की पहचानने की क्षमता में कमी, ग्लूकोज इन्टॉलरेंस आदि।
विटामिन-डी की कमी दूर करने वाले फूड्स: Foods to Overcome Vitamin-D deficiency in Hindi:
अगर हम डाइट में नियमित रूप से कुछ चीजों को शामिल करते है जो विटामिन-डी से भरपूर हों तो ना केवल शरीर स्वस्थ रहता है बल्कि हमारी प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत होती है। विटामिन-डी का स्तर बनाए रखने के लिए हम इन चीजों को अपने भोजन में शामिल कर सकते है।
दूध पिएँ: दूध विटामिन-डी और कैल्शियम का बेहतरीन स्रोत है। हर रोज एक गिलास दूध पीने से हमें दिन भर के लिए जरूरी विटामिन-डी की एक चौथाई मात्रा मिल जाती है।
अंडे खाएं: अंडे का सफेद हिस्सा विटामिन-डी से भरपूर होता है। अंडे खाने से हमें अपने लिए आवश्यक विटामिन- डी मिल सकता है। ये उन लोगों के लिए अच्छा विकल्प है जो किन्हीं कारणों से दूध नहीं पी सकते।
सैमन मछली: जो लोग मछली खा सकते हैं उनके लिए सैमन मछली विटामिन-डी का अच्छा स्रोत है। भोजन में एक बार सैमन मछली खाकर दिनभर की विटामिन-डी की जरूरतों की पूर्ति हो जाती है।
मशरुम: मशरूम में भी पर्याप्त मात्रा में विटमिन डी होता है। अलग-अलग किस्म के मशरूम में विटामिन-डी की अलग-अलग मात्रा होती है। मशरूम में सबसे ज्यादा विटामिन-डी होता है।
सोया फूड: सोया फूड जैसे टोफू और सोयाबीन की बड़ियां खाने से भी विटामिन-डी की कमी पूरी होती है। ये चीजें आसानी से सुपरमार्केट में मिल जाती है। जिन लोगों को दूध से एलर्जी होती है उनके लिए सोया से बने उत्पाद अच्छा विकल्प है।
लेकिन विटामिन-डी की अधिकता भी कई तरह की परेशानियों को जन्म देती है। इसलिए विटामिन-डी को सही मात्रा में ही लें।
आइये जानते है विटामिन-डी की अधिकता से होने वाली परेशानियाँ।
विटामिन-डी की अधिकता से होने वाली परेशानियाँ: Problems Caused by Vitamin-D deficiency in Hindi:
आपके मांसपेशियों, हृदय, फेफड़े और मस्तिष्क के कुशल कार्य (Skilled Work) के लिए विटामिन-डी महत्वपूर्ण पोषक तत्व है। यह विटामिन शरीर के खनिजों को अवशोषित करने में मदद करता है। खाद्य पदार्थों या सप्लीमेंट्स के जरिए विटामिन-डी लेने से स्वास्थ्य को फायदा होता है। ऐसे में कई लोग ज्यादा मात्रा में विटामिन-डी का सेवन करने लगते है हालांकि हम आपको बता दें कि विटामिन-डी का अधिक सेवन हानिकारक हो सकता है। विटामिन- डी की अत्यधिक मात्रा हाइपरकेलेसीमिया का कारण बन सकती है। दरअसल, इस स्थिति में खून में कैल्शियम का स्तर सामान्य से ऊपर हो जाता है। विटामिन-डी का उच्च स्तर कैल्शियम की वृद्धि की ओर जाता है, जिसे आपका शरीर अवशोषित करता है और यह कई जटिलताओं का कारण बन सकता है, जैसे कि भूख ना लगना, भ्रम और उच्च रक्तचाप।
दिल की धड़कन की अनियमितता: विटामिन-डी के अत्यधिक सेवन से हाइपरकेलेसीमिया होता है और यह हृदय की कोशिकाओं के उचित कामों को बदल सकता है। इससे दिल की धड़कन की अनियमितता बढ़ जाती है। कैल्शियम का उच्च स्तर हृदय की धमनियों (Arteries) में कैल्शियम के जमाव का कारण बनता है, जिससे दिल के दौरे का खतरा बढ़ सकता है। इसके लक्षण सीने में दर्द, थकावट और चक्कर जैसे दिखते है।
किडनी प्रभावित हो सकती है: विटामिन-डी की उच्च मात्रा होने से किडनी खराब हो सकती है। विटामिन-डी की अधिक मात्रा शरीर में कैल्शियम का स्तर बढ़ा देती है, जिससे गुर्दे की क्षति होती है। एक अध्ययन के मुताबिक, विटामिन-डी की विषाक्तता से गुर्दे को गंभीर नुकसान पहुँच सकता है। इसके लक्षण बुखार, उल्टी और पेट दर्द जैसे दिखते है।
फेफड़ों में क्षति पहुँचाएं: विटामिन-डी का उच्च स्तर खून में कैल्शियम और फॉस्फेट के स्तर को बढ़ा देता है, जो एक साथ मिलकर क्रिस्टल बनाते है। ये क्रिस्टल फेफड़ों में जमा होने की अधिक संभावना रखते है, जो इसके कार्य को बाधित कर सकते है। इससे फेफड़ों को नुकसान हो सकता है। 20 से नीचे और 70 से ऊपर होने पर मामला गंभीर होता है। विटामिन-डी ज्यादा हो जाने से यह धमनियों में जमा हो जाता है, जिससे हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा हो सकता है।
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