फूड पॉइजनिंग कारण लक्षण और उपाय
बासी या दूषित खाना किसी को भी बीमार कर सकता है. बासी भोजन की वजह से आप फूड पॉइजनिंग का शिकार हो सकते है. इस बीमारी के चपेट में आते ही आपको मितली, पेट दर्द, उलटी, सिर दर्द और दस्त हो जाता है.यह बीमारी छोटे बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक को होता है. आइए जानते है फूड पॉइजनिंग के कारण, लक्षण और घरेलू उपाय के बारे में …
फूड पॉइजनिंग के कारण | Food poisoning Causes in Hindi
- आमतैर पर फूड पॉइजनिंग दूषित भोजन के कारण होता है.
- इस बीमारी को उत्पन्न करने में सूक्ष्म जीव जिम्मेदार होते हैं.
- इस बीमारी के कारण बहुत से लोगों की मौत भी हो जाती है.
- बैक्टीरिया के कारण सबसे अधिक फूड पॉइजनिंग की समस्या होती है.
- इस बीमारी को उत्पन्न करने में ई. कोलाई,लिस्टेरिया और सालमोनेला नाम के विभिन्न बैक्टीरिया जिम्मेदार होते हैं.
- इनमें से सालमोनेला बैक्टीरिया के कारण सबसे गंभीर फूड पॉइजनिंग की समस्या होती है.
- टोक्सोप्लाज्मा परजीवी के जरिए सबसे यह बीमारी होती है.
- ये हमारे इम्यून सिस्टम को कमजोर बना देते हैं.
- फूड पॉइजनिंग की समस्या वायरस के कारण भी होती है.
फूड पॉइजनिंग लक्षण | Food poisoning Symptoms
- पेट में मरोड़
- डायरिया
- उल्टी
- भूख न लगना
- हल्का बुखार
- कमजोरी
- सिरदर्द
- जी मिचलाना
- दस्त होना
फूड पॉइजनिंग का इलाज | Food poisoning Treatment
इस रोग का इलाज करने का सबसे आम तरीका है कि आप बहुत सारे तरल पदार्थ का सेवन करें. बीमारी आमतौर पर कुछ दिनों में कम हो जाती है. हालांकि, कुछ बुनियादी कदमों के साथ स्वच्छता बनाए रखना भी जरूरी है. सबसे महत्वपूर्ण है हाथ धोना. फलों और सब्जियों को साफ पानी से धोकर ही खाना चाहिए. इसके आलावा आप अपने पेट को व्यवस्थित होने दें. कुछ घंटों के लिए खाना-पीना बंद कर दें.बर्फ के चिप्स चूसने या पानी के छोटे घूंट लेने की कोशिश करें. जब आप सामान्य रूप से मूत्र त्याग कर रहे होते हैं और आपका मूत्र स्पष्ट और डार्क नहीं होता है, तो इसका मतलब है कि शरीर पर्याप्त हाइड्रेटेड है.
इन चीजों का करें सेवन
नींबू
- इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण मौजूद होते हैं.
- इसलिए इसे पीने से फूड पॉइजनिंग वाले बैक्टीरिया मर जाते हैं.
- आप खाली पेट नींबू-पानी बनाकर पी सकते हैं या चाहें तो गर्म पानी में नींबू निचोड़ें और पी जाएं.
तुलसी
- तुलसी में मौजूद रोगाणुरोधी गुण सूक्ष्म जीवों से लड़ते हैं.
- तुलसी का सेवन आप कई तरीकों से कर सकते हैं.
- एक कटोरी दही में तुलसी की पत्तियां, कालीमिर्च और थोड़ा सा नमक डालकर खा सकते हैं.
- पानी व चाय में भी तुलसी की पत्तियां डालकर पी सकते हैं.
दही
- यह एक प्रकार का एंटीबायोटिक होता है.
- इसमें थोड़ा सा काला नमक डालकर इसे खा सकते हैं.
- ऐसा करने से आपका पेट ठंडा रहता है.
लहसन
- लहसन में एंटी फंगल गुण होते हैं.
- आप सुबह खाली पेट लहसन की कच्ची कलियां पानी के साथ खा सकते हैं.
- इसका नियमित सेवन कर आप कई बीमारियों से खुद की शरीर का रक्षा कर सकते हैं.
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