फिशर क्या है, इसके लक्षण और उपचार | Daily Health Tip | Aayu App
“गुदा (Anal) या गुदा नलिका (Anal Canal) में अगर किसी प्रकार का कट हो जाता है तो उसे फिशर कहते है। इससे बचने के लिए आप संतुलित आहार लें। “
” Any type of cut near anal or anal canal could be fissure. To prevent this, take balance diet. “
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फिशर क्या है?
गुदा (Anal) या गुदा नलिका (Anal Canal) में जब किसी प्रकार का कट या दरार बन जाती है, तो उसे फिशर या एनल फिशर (Anal fissures) कहा जाता है। फिशर तब होता है, जब आप मल त्याग के दौरान कठोर और बड़े आकार का मल निकालते हैं। फिशर के कारण आमतौर पर मल त्याग करने के दौरान दर्द होना और मल के साथ में खून भी आ सकता है।
फिशर के दौरान आपको अपनी गुदा के अंत में मांसपेशियों में ऐंठन हो सकती है। फिशर छोटे बच्चों में काफी सामान्य है, लेकिन यह किसी भी उम्र में हो सकता है। फिशर की ज्यादातर समस्याएँ सामान्य उपचारों से ठीक हो जाती हैं, जैसे खाद्य पदार्थों में फाइबर की मात्रा ज्यादा लेना और सिट्ज बाथ (Sitz bath) लेना। फिशर से ग्रस्त कुछ लोगों को मेडिकल मदद की आवश्यकता पड़ सकती है और कभी-कभी सर्जरी की आवश्यकता पड़ सकती है।
एनल फिशर के लक्षण:
गुदा में फिशर के लक्षण व संकेतों में निम्न शामिल हो सकते हैं:
- मल त्याग के दौरान दर्द, कभी-कभी गंभीर दर्द होना।
- मल त्याग करने के बाद दर्द होना जो कई घंटों तक रहता है।
- मल त्याग के बाद मल पर गहरा लाल रंग दिखाई देना।
- गुदा के आसपास खुजली या जलन होना।
- गुदा के चारों ओर की त्वचा में एक दरार दिखाई देना।
- गुदा फिशर के पास त्वचा पर गांठ या स्किन टैग दिखाई देना।
एनल फिशर के कारण:
गुदा व गुदा नलिका की त्वचा में क्षति होना फिशर का सामान्य कारण होता है। ज्यादातर मामलों में यह उन लोगों को होता है, जिनको कब्ज की समस्या होती है। जब कठोर व बड़े आकार का मल गुदा के अंदर गुजरता है, तो वह गुदा व गुदा नलिका की परतों को नुकसान पहुँचाना है।
- लगातार डायरिया रहना।
- इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज (IBD), जैसे क्रोहन रोग
- लंबे समय तक कब्ज रहना
- कभी-कभी यौन संचारित संक्रमण (STI), जो गुदा व गुदा नलिका को संक्रमित और नुकसान पहुँचा सकते हैं।
एनल फिशर से बचाव:
आप कब्ज की रोकथाम करके एनल फिशर विकसित होने के जोखिमों को कम कर सकते हैं। अगर पहले कभी आपको फिशर की समस्या हुई है, तो कब्ज की रोकथाम करना जरूरी है।
- एक संतुलित आहार खाएं, जिसमें अच्छी मात्रा में फाइबर, सब्जियाँ शामिल होती हैं।
- पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ पिएँ।
- नियमित रूप से व्यायाम करें
- शराब व कैफीनयुक्त पदार्थों का सेवन करें।
पाचन तथा आंतों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए आपको कब्ज की रोकथाम पर ध्यान देना चाहिए।
जब शौचालय जाने की इच्छा महसूस हो तो उसे अनदेखा ना करें क्योंकि आंतों को खाली ना करना बाद में कब्ज का कारण बन सकता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि आंतों में जमा होने वाला मल कठोर बन जाता है, जो गुदा के अंदर से गुजरने के दौरान दर्द व गुदा में दरार (खरोंच) पैदा कर सकता है।
टॉयलेट में अधिक देर तक ना बैठें और अधिक जोर ना लगाएं। ऐसा करने से गुदा नलिका में दबाव बढ़ता है। अगर आपको कोई अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्या है, जो फिशर होने के जोखिम को बढ़ाती है, तो इस बारे में डॉक्टर को बताएं।
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा आयु ऐप (AAYU App) पर डॉक्टर से संपर्क करें.
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