क्या है फीमेल इनफर्टिलिटी, कारण, लक्षण और उपचार
संसार का सबसे बड़ा सुख घर में संतान का होना होता है। हर कोई चाहता है कि हर किसी के घर में बच्चे की किलकारियाँ गूंजें लेकिन कई बार दंपत्ति इस चीज से वंचित रह जाते है।
इनफर्टिलिटी का मतलब बच्चे पैदा ना करने की समस्या है। यह समस्या पुरूष और महिला दोनों में पाई जाती है, जिसे मेल इनफर्टिलिटी और फीमेल इनफर्टिलिटी के नाम से जाना जाता है।
आमतौर पर बच्चे ना होने का कारण महिला बांझपन (फीमेल इनफर्टिलिटी) को समझा जाता है, लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है।
फीमेल इनफर्टिलिटी क्या है (What is Female Infertility)?
फीमेल इनफर्टिलिटी की समस्या उस समय उत्पन्न होती है, जब कोई महिला गर्भधारण नहीं कर पाती।
फीमेल इनफर्टिलिटी को गर्भधारण करने में असमर्थता के रूप में जाना जाता है, यह समस्या तब उत्पन्न होती है, जब कोई महिला 12 महीने या 6 महीने (35 साल की उम्र से ज्यादा) असुरक्षित संभोग के बाद गर्भधारण करने में असमर्थ रह जाती है।
फीमेल इनफर्टिलिटी के लक्षण (Symptoms of female Infertility):
फीमेल इनफर्टिलिटी के कुछ मुख्य लक्षण हैं, जो इस प्रकार हैं:
- अनियमित रूप से मासिक धर्म का आना
- मासिक धर्म का ना आना
- चेहरे पर बालों का होना
- यौनिक क्रिया करने की इच्छा में कमी होना
- वजन बढ़ना
- यौनिक क्रिया के दौरान दर्द होना
फीमेल इनफर्टिलिटी के कारण (Reason of female Infertility):
फीमेल इनफर्टिलिटी की समस्या कई कारणों से हो सकती है, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:
- गर्भाशय में परेशानियाँ होना: यदि किसी महिला के गर्भाशय में कुछ समस्याएं जैसे पोलिप, रसौली, निशान, आसंजन, आस्थानिक गर्भावस्था इत्यादि हैं, तो यह गर्भावस्था में बाधा उत्पन्न कर सकती हैं। इन समस्याओं के कारण इंप्लांंटेशन करने में दिक्कत आ सकती है या गर्भपात का खतरा बढ़ सकता है। कुछ मामलों में गर्भाशय ग्रीवा बलगम का उत्पादन करता है, जो गर्भाशय में गर्भाशय ग्रीवा के माध्यम से शुक्राणु (स्पर्म) को यात्रा करने में बाधा उत्पन्न कर सकता है।
- ओव्यूलेशन विकार: ओव्यूलेशन विकार के कारण अंडाशय में दिक्कत या प्रजनन हॉर्मोन के उत्पादन में परेशानी हो सकती है। इसके कारण महिला में असामान्य ओव्यूलेशन या ओव्यूलेशन की कमी हो सकती है।
- पी. सी. ओ. एस (पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम): पी.सी.ओ.एस से तात्पर्य उस स्थिति से होता है, जिसमें अंडाशय कई सारे फॉलिकल बनाती हैं जिनमें से प्रत्येक में अपरिपक्व अंडाणु होते हैं। इस स्थिति में अंडाणु फर्टिलाइजेशन के द्वारा भी परिपक्व नहीं हो पाते।
- एस.टी.डी (सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डिजीज): कई बार यौनिक क्रियाओं के द्वारा बहुत सारी बीमारियाँ फैल जाती हैं, इन्हीं बिमारियों को सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डिजीज कहा जाता है। गोनोरिया (सूजाक) भी एक ऐसी ही बीमारी है, जिसके कारण फैलोपियन ट्यूब में सूजन और निशान पड़ सकते हैं। यह निशान स्पर्म के अंडे तक पहुँचने के रास्ते को ब्लॉक कर देते हैं, जिसके परिणामस्वरूप अंडे अच्छी तरह से फर्टिलाइज नहीं हो पाते।
- अनिमित रूप से भोजन करना: हम सब यह जानते हैं कि अनियमित रूप से भोजन करने से वजन अनियमित हो जाता है, जिसके कारण ओव्यूलेशन विकार हो सकता है।
- शराब या ड्रग का सेवन करना: अधिक मात्रा में शराब या ड्रग का सेवन करने से फर्टिलिटी कम हो सकती है। इसके साथ ही यह भ्रूण बनने की स्थिति को प्रभावित करते हैं।
फीमेल इनफर्टिलिटी का इलाज (Treatment of Female Infertility):
फीमेल इनफर्टिलिटी का इलाज मुख्य रूप से इनफर्टिलिटी के कारण पर निर्भर करता है। कुछ मामलों में केवल फर्टिलिटी की दवाईयों के माध्यम से इलाज संभव होता है वहीं कुछ में सर्जरी और अन्य तकनीकों का प्रयोग करने की आवश्यकता पड़ जाती है।
- फर्टिलिटी की दवाईयाँ: यह दवाईयाँ मुख्य रूप से उन महिलाओं के लिए कारगर साबित होती हैं, जिन्हें ओव्यूलेशन विकार के कारण इनफर्टिलिटी की समस्या होती है। इन दवाओं का उपयोग ओव्यूलेशन को विनियमित या उत्तेजित करने के लिए किया जाता है। कुछ दवाईयों का उपयोग बेहतर अंडाणु या अधिक अंडाणु को उत्पन्न करने के लिए किया जाता है। आमतौर पर फर्टिलिटी की दवाईयाँ प्राकृतिक हार्मोन जैसे एफ.एस.एच ( फॉलिकल स्टिमुलेटिंग हार्मोन) और एल.एच (ल्यूटीनाइज़िन्ग हार्मोन) की तरह कार्य करती हैं।
- सर्जरी: जब किसी महिला को अन्य तरीकों जैसे दवाई इत्यादि से इनफर्लिटी की समस्या से निजात नहीं मिलता, तो डॉक्टर उसे सर्जरी करवाने की सलाह देते हैं। इस स्थिति में लेप्रोस्कोपी या हिस्ट्रोस्कोपी सर्जरी कारगर होती है।
अस्वीकरण: सलाह सहित इस लेख में सामान्य जानकारी दी गई है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है।अधिक जानकारी के लिए आज ही अपने फोन में आयु ऐप डाउनलोड कर घर बैठे विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श करें। स्वास्थ संबंधी जानकारी के लिए आप हमारे हेल्पलाइन नंबर 781-681-11-11 पर कॉल करके भी अपनी समस्या दर्ज करा सकते हैं। आयु ऐप हमेशा आपके बेहतर स्वास्थ के लिए कार्यरत है।