fbpx

महिलाओं में क्यों होती है एंडोमेट्रियोसिस की समस्या? जानें एंडोमेट्रियोसिस के लक्षण और इलाज

महिलाओं में क्यों होती है एंडोमेट्रियोसिस की समस्या? जानें एंडोमेट्रियोसिस के लक्षण और इलाज

Endometriosis causes and treatment: भारत की लगभग 1 करोड़ से अधिक महिलाएं हर साल एंडोमेट्रियोसिस की समस्या से जूझती हैं। दुनिया भर में 18 से 35 साल की उम्र की महिलाएं एंडोमेट्रियोसिस की समस्या (Endometriosis causes) से परेशान हैं। इस समस्या का  मुख्य कारण पेट दर्द और गर्भधारण न कर पाना है। इस लेख आज हम बात कर रहे हैं एंडोमेट्रियोसिस क्या है, इसके लक्षण,कारण और बचाव के बारे में। (What is Endometriosis know causes and treatment)

1.क्या है एंडोमेट्रियोसिस की समस्या? (What is Endometriosis )

एंडोमेट्रियोसिस महिलाओं के गर्भाशय में होने वाली गंभीर समस्या है। जिसमें एंडोमेट्रियम टिश्यू से गर्भाशय के अंदर की परत बनती है। जिससे एंडोमेट्रियम टिश्यू अचानक बढ़ने लगते है। यह गर्भाशय के बाहर फैलने लगता है। कभी कभी ये परत गर्भाशय की बाहरी परत के अलावा अंडाशय, आंतों और अन्य प्रजनन अंगों तक फैल जाती है।

अचानक बढ़ी हुई एंडोमेट्रियम परत की वजह से प्रजनन अंगों में जैसे फैलोपियन ट्यूब और अंडाशय पर भी असर पड़ता है। जिसके चलते महिलाओं को पीरियड्स के दौरान अधिक ब्लीडिंग और दर्द होता है। इसके अलावा इसके चलते महिलाओं को कई बार फर्टिलिटी की समस्या भी हो जाती है।

(ii) एंडोमेट्रियोसिस शरीर में कहीं भी हो सकता है पर मुख्तया: यह :-

  • ❖ अंडाशयों में
  • ❖ फैलोपियन नलिका में
  • ❖ Peritoneum में
  • ❖ Lymph Nodes में होता है l

2. एंडोमेट्रियोसिस के लक्षण Symptoms of Endometriosis 

Endometriosis symptoms in Hindi

Endometriosis symptoms in Hindi

 

  1. पीरियड्स के समय तेज पेल्विक पेन होना।
  2. पीरियड्स के दौरान अधिक ब्लीडिंग होना। या  फिर 2 पीरियड्स के बीच अधिक ब्लीडिंग होना। 
  3. हमेशा थकान, चक्कर आना, उल्टी होने जैसी स्थिति, कब्ज आदि होना।
  4. सेक्स के दौरान या बाद में अधिक दर्द होना।
  5. बांझपन
  6. बिना पीरियड्स के श्रोणि के हिस्से में दर्द होना।
  7. शौच के दौरान या पेशाब करते समय दर्द होना या खून आना l

3. एंडोमेट्रियोसिस की समस्या का कारण Causes of Endometriosis 

(i) इम्यून सिस्टम में समस्या होना। 

(ii) हिस्टेरोक्टॉमी, सी-सेक्शन जैसी सर्जरी के बाद घाव में एंडोमेट्रियल नसों का जुड़ना।

(iii) एंडोमेट्रियल टिश्यू की परत टूटने से ब्लीडिंग होना। फिर ब्लड का शरीर के बाहर जाने की बजाय डिम्ब नली से पेल्विक केविटा में जमा होना।

(iv) ब्लड सेल्स, एंडोमेट्रियल नसों का शरीर के अंदर अन्य भागों में फैलना।

(v) माहवारी के समय अगर कोई दवाई चल रही है, तो वह इस समस्या की वजह बन सकती है।

4. क्या कहती है रिसर्च

अमेरिका में एंडोमेट्रियोसिस पर एक रिसर्च हुई है। इसमें सामने आया है कि जो महिलाएं मोटे और सॉफ्ट बिस्तर और सनबाथ लेती हैं। उनमें एंडोमेट्रियोसिस का खतरा बढ़ जाता है।

ह्यूमन रिप्रोडक्शन में प्रकाशित एक शोध में पता चला है। इसमें जिन महिलाओं ने सॉफ्ट और मोटे बिस्तर का इस्तेमाल नहीं किया, और जिन महिलाओं ने इनका इस्तेमाल 3 या उससे ज्यादा बार किया, उनकी तुलना की गई। 35 साल तक की महिलाओं में 30% एंडोमेट्रियोसिस का खतरे का पता चला है।

5. एंडोमेट्रियोसिस से बचाव Prevention of Endometriosis 

❖ मोटे-सॉफ्ट बिस्तर का उपयोग करने व सनबाथ लेने से बचें 

❖ एस्ट्रोजन हार्मोन का लेवल बढ़ाने के लिए रोजाना एक्सरसाइज करें 

❖ हार्मोनल कॉन्ट्रासेप्टिव से जुड़ी चीजों के लिए डॉक्टर से बात करें।

❖ शराब, कैफीन लेने से बचें

❖ प्रोटीन युक्त भोजन का सेवन करें

❖ इसके अलावा कुछ जरूरी चेकअप और टेस्ट करा सकते हैं जैसे पेल्विक और इमेजिंग टेस्ट।

6. एंडोमेट्रियोसिस और निसंतानता

❖ एंडोमेट्रियोसिस निसंतानता का एक मुख्य लक्ष्ण है l

❖ NCBI के अनुसार लगभग 25 से 50 प्रतिशत महिलाओं में यह समस्या होती है l

❖ एंडोमेट्रियोसिस में जो रक्त जमा होता है गर्भाशय और अंडाशय के आसपास उसकी वजह से अंगों के चिपकने के कारण अंडाशयों से अंडे नहीं मिल पाते ।

7.एंडोमेट्रियोसिस का निदान Endometriosis Diagnose
  1. Pelvic Examination द्वारा
  2. Imaging Test- USG और MRI द्वारा
  3. Laparoscopy द्वारा
8. एंडोमेट्रियोसिस का इलाज:- Endometriosis Treatment
  1. महिला के लक्षणों की गंभीरता, मरीज की उम्र, बीमारी की स्थिति और चरण की स्थिति देखकर इलाज किया जाता है।
  2. दर्द कम करने के लिए दर्द निवारक दवाएं दी जाती है।
  3. इलाज में गोलियों या इंजेक्शन के रूप में गर्भ निरोधक गोलियां
  4.  progestin therapy
  5. GHRH against और Antioxidant आदि देते है। 

डिस्क्लेमर

दोस्तों अब आप जान गए होगें एंडोमेट्रियोसिस क्या है और महिलाओं में इसके क्या प्रभाव हैं। अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी तो इसे अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को भी शेयर करें। और हां आप किस विषय पर ब्लॉग पढ़ना चाहते हैं हमें कमेंट करके जरूर बताएं। किसी भी छोटी से छोटी बीमारी के लिए घर बैठे विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श करने और दवाईयां मंगवाने के लिए आयु ऐप डाउनलोड करें। 

ये भी पढ़ें

सर्वाइकल कैंसर के लक्षण, सर्वाइकल कैंसर क्या है और कैसे करें बचाव

5 पीसीओडी का घरेलू उपचार के टिप्स

सेक्स के दौरान महिलाओं को क्यों होता है दर्द? जानें कारण

प्रेगनेंसी में सफेद पानी रोकने के उपाय

फ़ीमेल कंडोम के इस्तेमाल का सही तरीका क्या है? Reasons to use condoms

CATEGORIES
TAGS
Share This

COMMENTS

Wordpress (0)
Disqus ( )