Happy Ganesh Chaturthi 2020: Eco-friendly गणपति बप्पा, पर्यावरण का ध्यान रख मनाएं गणेश चतुर्थी

Happy Ganesh Chaturthi 2020: इस गणेश चतुर्थी पर Eco-friendly गणपति बप्पा की स्थापना कर पर्यावरण को स्वस्थ और हेल्दी बनाने में मदद करें। और भारत के जिम्मेदार नागरिक बन देश को हेल्दी राष्ट्र बनने में योगदान करें। इस बार गणेश चतुर्थी और उत्तरी भारत में भारी बारिश की चेतावनी होने से खुद को स्वस्थ रखना बहुत जरूरी है।
कोरोना महामारी और बारिश में खुद को बचाए रखना बहुत आवश्यक है क्योंकि न सिर्फ देश बल्कि पूरी दुनिया को कोरोना महामारी ने झकझोर कर रख दिया है ऐसे में थोड़ी सी लापरवाही बड़ी बीमारी का कारण बन सकती है। सबसे खास बात, खुद को स्वस्थ रखने के लिए बहुत जरूरी है हमारे आस-पास का वातावरण औऱ रोज़मर्रा में काम आने वाली चीजें स्वच्छ और साफ सुथरी हों, और इसके लिए आप सभी देशवासियों को प्रयास करने होंगे।
इसलिए भारत का हेल्थ केयर नेटवर्क आपसे इस बार Eco-friendly गणेश चतुर्थी मनाने की अपील करता है साथ ही आपको घर बैठे विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श औऱ दवाइयाँ मंगवाने की सुविधा भी प्रदान करता है। अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें।
पर्यावरण का रखे ध्यान, खरीदें eco-friendly गणपती बप्पा
- चावल के एकदंतधारी
- फूलों के बप्पा
- मिट्टी के गणपति
- ड्राई फ्रूट के गणपति
इको फ्रेंडली (Eco-friendly Ganpati Bappa) गणेश जी हैं घर पर।
आप सभी इस बात से वाक़िफ़ है कि गणेश चतुर्थी वाले दिन गणपति बप्पा की मूर्ती का विसर्जन नदियों और समुंद्र में किया जाता है, जिससे पानी दूषित हो जाता है। लेकिन इस बार लोग इको फ्रेंडली गणेश मूर्ती का विसर्जन समुद्रों में करेंगे तो वह दूषित नहीं होगा। साथ ही पर्यावरण को भी कोई नुकसान नहीं होगा।
जानें कैसी होती है इको फ्रेंडली मूर्ति ?
1.चावल के एकदंतधारी- आप जितनी बड़ी गणपति की मूर्ती स्थापित करना चाहते हैं उसके अनुसार चावल खरीदें, चावलों को चौकी पर अपने हाथों से रखें औऱ उन्हें गणपति का आकार दें और फिर इसी की पूजा करें। जब आप इनका विसर्जन करेंगे, तो यह वातावरण को कोई नुकसान नहीं पहुँचाएगा।

2. मिट्टी के गणपति- इस बार गणेश चतुर्थी पर मिट्टी के गणेश विराजमान करें। शास्त्रों और पुराणों में मिट्टी को सबसे पवित्र माना गया है। मिट्टी के गणपति बप्पा का विसर्जन आसानी से हो जाएगा और पर्यावरण भी सुरक्षित और स्वस्थ रहेगा। एक चीज़ और मिट्टी का सीधा संबंध हमारे शरीर से भी है। कहते हैं इंसान का शरीर पंचत्तत्वों से बना है-हवा,पानी,आकाश,मिट्टी और अग्नि। और मिट्टी इसमें सबसे खास है। मिट्टी से किसी भी आकृति को बनाते समय उसमें सौंधी-सौंधी खुशबू आती है।

3. फूलों के बप्पा– गणेश चतुर्थी पर अगर आप चावलों के गणपति नहीं बनाना चाहते तो बप्पा के स्वरूप को फूलों से भी बना सकते हैं। यह उन लोगों के लिए अच्छा उपाय है, जो गणेश चतुर्थी पर एक ही दिन के लिए बप्पा को स्थापित करते हैं। फूलों से तैयार गणपति का विसर्जन करने से भी वातावरण को कोई नुकसान नहीं होगा। पानी में विसर्जन के अलावा आप इन्हें गमलों में भी रख सकते हैं।

4. ड्राइफ्रूट के गणपति भी स्थापित कर सकते हैं। अगर आपके पास समय की कमी है और आप सिर्फ एक ही दिन के लिए गणपति स्थापित करना चाहते हैं तो ड्राइफ्रट भी अच्छा विकल्प है। ड्राई फ्रूट के गणपति बप्पा का जब आप विसर्जन करेंगे तो वह पानी में जमा होने के बावजूद मछलियों के खाने में परिवर्तित हो जाएगा और इससे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होगा। (और पढ़ें- व्रत में क्या खाएं क्या ना खाएं जिससे ना हो कमजोरी )

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