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Diwali 2020: बच्चों और बुजुर्गों को दिवाली पर वायु प्रदूषण से ऐसें बचाएं, हो सकती हैं ये बीमारियां

Diwali 2020: बच्चों और बुजुर्गों को दिवाली पर वायु प्रदूषण से ऐसें बचाएं, हो सकती हैं ये बीमारियां

Diwali 2020: दिवाली पर कई तरह की स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं हो सकती है। इस समय आतिशबाजी होती है जिसके कारण दिवाली के कुछ दिनों बाद तक प्रदूषण का स्तर ज्यादा रहता है। प्रदूषण से लोगों को सांस लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

इसलिए प्रदूषण से बचने के लिए क्या करना चाहिए यह आपके लिए जानना जरूरी है? इसके अलावा दिवाली पर वायु प्रदूषण बढ़ने की स्थिति में आपको घर में मौजूद बच्चों और बुजुर्गों का खास ख्याल रखना चाहिए।

वायु प्रदूषण बढ़ जाने पर किन बातों का ध्यान रखें:

  • बढ़ते प्रदूषण की वजह से खुले में एक्सरसाइज या व्यायाम करना खतरनाक हो सकता है।
  • अस्थमा की बीमारी से परेशान लोगों को इस दौरान डॉक्टर से संपर्क कर लेना चाहिए।
  • मुँह पर कपड़ा बांधकर या मास्क लगाकर घर से निकलें।
  • जंक फूड और बाहर के खाने से बचें।
  • फिल्टर युक्त पानी का ही सेवन करें।
  • स्मोकिंग से बचें।
  • बेडशीट्स को हर सप्ताह गर्म पानी में धोएं।

बुजुर्गों को दिवाली पर प्रदूषण से अस्थमा या सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। इसलिए बुजुर्गों को दिवाली पर पटाखों से दूर रखें।

Elders might face the problem of asthma or any breathing-related issues during Diwali. Therefore, try to keep away elders from crackers.

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बच्चों का ख्याल रखें:

  • एक अध्ययन के मुताबिक, प्रदूषण के चलते बच्चों में गठिया या उससे संबंधित समस्याएं विकसित होने की संभावना अधिक रहती है। इसमें दर्द, सूजन और ल्यूपस आदि भी शामिल है।
  • सिस्टेमिक ल्यूपस एरिथेमेटोसिस (systemic lupus erythematosus) शरीर के अलग-अलग हिस्सों जैसे किडनी, दिल और मस्तिष्क आदि को नुकसान पहुँचा सकता है।
  • प्रदूषण ल्यूपस की समस्या का कारण भी बन सकता है। वायु प्रदूषण के कारण ना सिर्फ फेफड़ों के रोग, हार्ट से जुड़ी समस्याएं, कैंसर के मामले बढ़ते हैं, बल्कि इससे बचपन में ही गठिया की आशंका बढ़ जाती है। 
  • वायु प्रदूषण से ना केवल स्वास्थ्य जोखिम होते है बल्कि, प्रदूषित हवा के संपर्क में आने से माँ की कोख में पल रहे शिशु पर भी बुरा असर पड़ सकता है।

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बुजुर्गों को दिवाली पर होने वाली दिक्कतें:

शरीर की ढलती अवस्था में कई तरह की बीमारियां होने की आशंका रहती हैं, इसलिए इस अवस्था में शरीर की विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है।

क्योंकि दिवाली सर्दियों में आती है तो कोहरे और पटाखें दोनों के चलते पर्यावरण में कई हानिकारक तत्व फैलते हैं जो सांस के साथ हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं। ये हानिकारक तत्व अस्थमा, फेफड़ों आदि रोगियों के लिए अधिक खतरा पैदा करते हैं।

प्रदूषण अथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) की प्रक्रिया को तेज करता है, जो दिल के दौरे का कारण बन सकती है। इस समस्या में धमनियों में ऐंठन आ सकती है और रक्त वाहिकाएं संकरी हो जाती हैं, जिससे दिल का दौरा पड़ने की आशंका बढ़ जाती है। बुजुर्गों में प्रदुषण के कारण अस्थमा या सांस लेने में दिक्कत भी हो सकती है।

समय से पहले प्रसव का डर:

वह प्रेग्नेंट महिलाएं जिन्हें अस्थमा की परेशानी है, उन्हें वायु प्रदूषण के कारण समय से पहले प्रसव का खतरा बढ़ सकता है।

दिवाली में होने वाले वायु और ध्वनि प्रदूषण का ख्याल रखें साथ ही लोगों को जगरूक करें। दिवाली पर होने वाले प्रदूषण का सबसे ज्यादा प्रभाव बच्चों और बुजुर्गों पर पड़ता है। इसलिए उनका खास ख्याल रखें।

अस्वीकरण- सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए अभी डाउनलोड करें ‘आयु ऐप’ और घर बैठे डॉक्टर से परामर्श लें।

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