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Diwali 2020: आयुर्वेद में छिपा है सेहत का राज, जानें स्वास्थ्य के लिए कैसे प्रभावी है ये?

Diwali 2020: आयुर्वेद में छिपा है सेहत का राज, जानें स्वास्थ्य के लिए कैसे प्रभावी है ये?

Diwali 2020: आयुर्वेद (Ayurveda) में स्वास्थ्य संबंधी हर समस्या का इलाज मौजूद है, जो समस्या से राहत ही नहीं देता बल्कि समस्या को जड़ से समाप्त करता है। बतादें भगवान धन्वंतरि आयुर्वेद (dhanteras 2020) जगत के प्रणेता तथा वैद्यक शास्त्र के देवता माने जाते हैं। दिवाली (Diwali 2020) के पर्व की शुरुआत इनकी पूजा करने के बाद ही होती है। 

भगवान धन्वंतरि (Ayurveda Lord Dhanvantari) आरोग्य, सेहत, आयु और तेज के आराध्य देवता हैं। भगवान धन्वंतरि से आज के दिन प्रार्थना की जाती है कि वे समस्त जगत को निरोग कर मानव समाज को दीर्घायुष्य प्रदान करें। 

अब जानते हैं 10 ऐसी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां, जो आपको बिना किसी साइड इफेक्ट के स्वास्थ्य लाभ देंगी और सेहत समस्याओं से निजात दिलाएंगी – 

  • हल्दी (turmeric)
  • दालचीनी (Cinnamon)
  • पुदीना (Peppermint)
  • लेमन ग्रास (Lemon grass)
  • सफेद कमल (white Lotus)
  • कपूर (camphor)
  • इसबगोल (Isabgol)
  • सब्जा (Sabja)
  • गुलाब (Rose)
  • मेंहदी की पत्तियां (Rosemary leaves)

यहां विस्तार से समझें इनके फायदे- 

हल्दी में जोड़ों के दर्द, आर्थराइटिस, पाचन विकार, दिल और लिवर की बीमारियों से लड़ने की क्षमता है। यहां तक कि यह कैंसर सेलों को खत्म करती है और स्किन के लिए भी अच्छी होती है।

पुदीना ऐंटी-बैक्टीरियल भी होता है जो शरीर में बैक्टीरिया पैदा होने से रोकता है। इसकी पत्तियां खून साफ करतने, सिरदर्द ठीक करने, खराब गले को राहत पहुंचाने, उल्टियां रोकने और दांतों की दिक्कत से निजात पाने में मददगार हैं।

सफेद कमल के बीजों का इस्तेमाल कामोत्तेजक के रूप में किया जाता है। इसकी पत्तियां, फूल, बीज और जड़ों से हैजा, पेट की बीमारियों, कब्ज और आंखों के इन्फेक्शन का इलाज किया जाता है।

लेमन ग्रास को चाय में डालकर पीने का चलन है। जो खास तौर पर उत्तर भारत में पाया जाता है। लेमन ग्रास शरीर, जोड़ों, सिर और मांसपेशियों के दर्द से निजात दिलाती है और स्ट्रेस से भी बचाती है।

कपूर के पौधे की छाल से बैक्टीरिया और फंगस को दूर करने में मदद मिलती है। कपूर के तेल से खांसी, दमा, हिचकी, लिवर की दिक्कतों और दांत के दर्द का इलाज किया जाता है। इसे मांसपेशियों या नसों का दर्द ठीक करने और डिप्रेशन का इलाज करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।

दालचीनी किडनी को डि‍टॉक्स करता है और सांस संबंधी दिक्कतें दूर कर ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाता है। यह उपयोग भारतीय मसालों में खास है। 

इसबगोल कब्ज का रामबाण इलाज है। यह एक तरह की घुट्टी है जो आंतों को रिलैक्स करती है। इसे पीसकर जोड़ों पर लगाने से जोड़ों के दर्द से भी आराम मिलता है।

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अस्वीकरण- सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए अभी डाउनलोड करें ‘आयु ऐप’ और घर बैठे डॉक्टर से परामर्श लें।

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