कच्ची हल्दी के फायदे, सर्दियों में अलग-अलग तरह के लड्डू खाने के फायदे | Daily Health Tip | Aayu App
“खून की सफाई के लिए सर्दियों में कच्ची हल्दी के लड्डू का सेवन करना चाहिए। “
” Raw turmeric laddus should be consumed in winter for cleaning the blood. “
Health Tip for Aayu App
आयुर्वेद में हल्दी को औषधीय गुणों का खजाना और सेहतमंद माना जाता है। आमतौर पर घरों में मसाले के तौर पर इस्तेमाल किए जाने वाला हल्दी पाउडर आपने देखा होगा लेकिन हम आपको यहाँ पर कच्ची हल्दी के बारे में बताएंगे। कच्ची हल्दी अदरक की तरह होती है और स्वाद में कड़वी होती है। हल्दी पाउडर के मुकाबले कच्ची हल्दी का रंग भी गहरा होता है जिसकी वजह से इसका इस्तेमाल फूड कलर के तौर पर किया जाता है। कच्ची हल्दी में कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, जिंक और कई तरह के विटामिन पाए जाते है जो हमारी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते है। कच्ची हल्दी का इस्तेमाल खाने में या दूध में मसाले के तौर पर किया जाता है। इसका इस्तेमाल सर्दी-खांसी ठीक करने से लेकर कई तरह की गंभीर बीमारियों का इलाज करने में किया जाता है। यह शरीर की इम्युनिटी बढ़ाकर कई तरह के संक्रमण से सुरक्षा देता है।
खांसी-जुकाम में राहत दिलाएं: कच्ची हल्दी का सेवन सर्दी-खांसी का एक बेहतरीन घरेलू उपचार है। इसमें एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते है जो शरीर में बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकते है। रोजाना दूध में कच्ची हल्दी डालकर पीने से सर्दी-खांसी में राहत मिलती है।
गठिया में आराम दिलाएं: कच्ची-हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते है जिससे गठिया और जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है। इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स शरीर में मौजूद प्राकृतिक सेल्स को नष्ट करने वाले फ्री रेडिकल्स को खत्म करते है। कच्ची हल्दी के नियमित सेवन से आर्थराइटिस, जोड़ों के दर्द और सूजन में लाभ मिलता है।
इम्युनिटी बढ़ाएं: कच्ची हल्दी प्राकृतिक इम्युनिटी बूस्टर के तौर पर काम करती है। इसमें मौजूद लिपोपॉलीसेच्चाराइड नामक तत्व और एंटी-ऑक्सीडेंट्स शरीर की इम्युनिटी (प्रतिरोधक क्षमता) बढ़ाने में मदद करते है। कच्ची हल्दी के नियमित सेवन से शरीर की इम्युनिटी बढ़ने के साथ ही कई तरह के इंफेक्शन से सुरक्षा मिलती है।
डिप्रेशन में फायदेमंद: कच्ची हल्दी ना केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। कच्ची हल्दी के नियमित सेवन से डिप्रेशन और अल्जाइमर जैसी बीमारियाँ हो सकती है। यह बॉडी में सेरोटॉनिन और डोपामाइन जैसे न्यूरोट्रांसमिटर को बूस्ट करती है जिससे डिप्रेशन कम करने में मदद मिलती है।
सर्दी का मौसम शुरू होते हीं हमें सर्दी के लड्डू (sardi ke laddu) खाने का मन करता है। सर्दी में जो भी बाल्य या टॉनिक के रूप में लड्डू या पाक खाते है वह पूरी तरह शरीर के उपयोग में आता है। पारंपरिक तरीके से बनने वाले इन लडडुओं को खाने से शरीर में शक्ति मिलती है।
गोखरु के लड्डू: इन लड्डुओं से ना केवल शरीर मजबूत बनता है बल्कि हमारा पाचन भी ठीक रहता है। यूरिन संबंधी परेशानी के साथ पथरी, गर्भाश्य, संबंधी विकार और बुखार में लाभ मिलता है।
मेथी-दूध के लड्डू: गठिया, जोडो़ं की सूजन और दर्द में लाभ मिलता है। यह लड्डू खासतौर पर बुजुर्गों के लिए अच्छा रहता है। इन्हें खाने से पाचनतंत्र दुरुस्त रहता है।
मखाने के लड्डू: यह आयरन, कैल्शियम और पोटैशियम का अच्छा स्रोत है। इसे नियमित खाने से हाई ब्लड प्रेशर कम, और जोड़ों में दर्द से आराम मिलता है।
कच्ची हल्दी के लड्डू: कच्ची हल्दी के लड्डू हमारे रक्त को साफ करते है। इसमें एंटीसेप्टिक और एंटीबायोटिक गुण होते है। यह बीमारियों से लड़ने में मदद करती है और हमारे लीवर को ठीक रखती है।
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा आयु ऐप (AAYU App) पर डॉक्टर से संपर्क करें.
फ्री हैल्थ टिप्स अपने मोबाइल पर पाने के लिए अभी आयु ऐप डाऊनलोड करें । क्लिक करें