Corona brief news updates: डिवाइस से क्लीन होगा मास्क, नहीं रहेगा इंफेक्शन का डर, कोवैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल शुरु
कोवैक्सीन: आईआईटी दिल्ली के छात्रों ने एक ऐसी तकनीक का निर्माण किया है जो मास्क को क्लीन करके दोबारा इस्तेमाल करने लायक बनाती है। यहीं नहीं यह एन 95 जैसे मास्क को भी मात्र 90 मिनट में नष्ट (डिस्पोज) कर सकता है। मतलब अब मास्क को डिस्पोज करने की चिंता भी इस मशीन के जरिए ठीक की जा सकती है।
छात्रों ने मास्क को दोबारा इस्तेमाल करने के लिए एक ओजोन-आधारित परिशोधन उपकरण तैयार किया है। इसका नाम “चक्र डिकोव” रखा है।
इस डिवाइस को कोरोनोवायरस के खिलाफ लड़ाई में इन मास्क पर स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की उच्च विश्वसनीयता को ध्यान में रखते हुए विकसित किया गया है। शुक्रवार को केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे द्वारा “चक्र डिकोव” का शुभारंभ किया गया।
2. कोवैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल शुरू
दिल्ली स्थित एम्स में सोमवार से कोरोना के इलाज के लिए तैयार कोवैक्सीन का मानव ट्रायल शुरू हो जाएगा। एम्स की एथिक्स कमेटी ने इसकी इजाज़त दे दी। कोवैक्सीन के मानव पर पहले और दूसरे चरण के ट्रायल के लिए इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिचर्स (ICMR) की तरफ से दिल्ली के एम्स समेत 12 इंस्टीट्यूटस् को चुना गया है। इस वैक्सीन का ट्रायल 375 लोगों पर किया जाएगा, जिनमें 100 से ज्यादा वॉलंटियर्स पर एम्स में ट्रायल होगा।
3. कोविड-19 मरीजों का डेथ रेट में कमी: स्वास्थ्य मंत्रालय
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को कहा कि भारत में कोविड-19 के मामलों में मृत्यु दर क्रमश: घट रही है और इसका श्रेय अस्पतालों में भर्ती मरीज़ों के बेहतर क्लिनिकल प्रबंधन को जाता है। मंत्रालय ने कहा कि भारत, दुनिया में कोविड-19 के मरीज़ों की सबसे कम मृत्यु दर वाले देशों में एक है। मंत्रालय ने कहा कि ऐसे 29 राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश हैं, जहां मामला मृत्यु दर (सीएफआर) देश के औसत से कम है। पांच राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में सीएफआर शून्य है और 14 में मृत्यु दर एक प्रतिशत से कम है।
4. कोरोना काल में कड़कनाथ मुर्गे की डिमांड
दूसरी प्रजातियों के चिकन के मुकाबले कड़कनाथ के काले रंग के मांस में चर्बी और कोलेस्ट्रॉल काफी कम होता है, जबकि इसमें प्रोटीन की मात्रा अपेक्षाकृत कहीं ज्यादा होती है। कड़कनाथ चिकन में अलग स्वाद के साथ औषधीय गुण भी होते हैं।
पीटीआई-भाषा” के मुताबिक, कोविड-19 के राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान परिवहन के अधिकांश साधन बंद होने के चलते कड़कनाथ के चूजों की आपूर्ति पर स्वाभाविक रूप से असर पड़ा था। लेकिन लॉकडाउन खत्म होने के बाद इनकी मांग बढ़ गयी है। देश भर के मुर्गा पालक अपने निजी वाहनों से कड़कनाथ के चूजे लेने झाबुआ का कृषि विज्ञान केंद्र की हैचरी पहुंच रहे हैं। पिछले महीने यहां से करीब 5,000 चूजे बिके थे और इस हैचरी की मासिक उत्पादन क्षमता इतनी ही है।” कड़कनाथ मुर्गे को स्थानीय जुबान में “कालामासी” कहा जाता है। इसकी त्वचा और पंखों से लेकर मांस तक का रंग काला होता है।
5. कोरोना कवच हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी
भारत में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच कोरोना कवच स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी Corona Kavach health insurance policy) लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हो गई है। कोविड-19 महामारी (COVID-19 Pandemic) के फैलाव को देखते हुए करीब सभी जनरल और स्वास्थ्य बीमा कंपनियों (Health Insurance Companies) ने कोरोना वायरस संक्रमण के लिए यह उत्पाद 10 जुलाई से पेश करना शुरू किया था। इसका उद्येश्य लोगों को इस महामारी के इलाज के लिए किफायती दर पर एक स्वास्थ्य बीमा कवर (Insurance Cover) मुहैया कराना है। इसमें साढ़े तीन महीने से साढ़े नौ महीने के लिए पॉलिसी बेची जा रही है। इसमें बीमित व्यक्ति के चिकित्सा खर्च की अधिकतम राशि 5 लाख रुपए रखी गई है।
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