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डेंगू के लक्षण और इससे बचने के उपाय | Dengue symptoms & prevention

डेंगू के लक्षण और इससे बचने के उपाय | Dengue symptoms & prevention

मानसून के सीजन में डेंगू अपने पांव पसारता है। शुरुआत में सामान्य-सा लगनेवाला यह बुखार देरी या गलत इलाज से जानलेवा साबित हो सकता है। वक्त पर सही इलाज हो तो हालात कंट्रोल में रहते हैं।

कैसे और कब होता है डेंगू

डेंगू मादा एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से होता है। इन मच्छरों के शरीर पर चीते जैसी धारियां होती हैं। ये मच्छर दिन में, खासकर सुबह काटते हैं। डेंगू बरसात के मौसम और उसके फौरन बाद के महीनों यानी जुलाई से अक्टूबर में सबसे ज्यादा फैलता है क्योंकि इस मौसम में मच्छरों के पनपने के लिए अनुकूल परिस्थितियां होती हैं। एडीज इजिप्टी मच्छर बहुत ऊंचाई तक नहीं उड़ पाता।

कैसे फैलता है  डेंगू

डेंगू बुखार से पीड़ित मरीज के खून में डेंगू वायरस बहुत ज्यादा मात्रा में होता है। जब कोई एडीज मच्छर डेंगू के किसी मरीज को काटता है तो वह उस मरीज का खून चूसता है। खून के साथ डेंगू वायरस भी मच्छर के शरीर में चला जाता है। जब डेंगू वायरस वाला वह मच्छर किसी और इंसान को काटता है तो उससे वह वायरस उस इंसान के शरीर में पहुंच जाता है, जिससे वह डेंगू वायरस से पीड़ित हो जाता है। 

कब दिखती है डेंगू की बीमारी

काटे जाने के करीब 3-5 दिनों के बाद मरीज में डेंगू बुखार के लक्षण दिखने लगते हैं। शरीर में बीमारी पनपने की मियाद 3 से 10 दिनों की भी हो सकती है।

कितने तरह का होता है डेंगू 

यह तीन तरह का होता है :
1. क्लासिकल (साधारण) डेंगू बुखार
2. डेंगू हैमरेजिक बुखार (DHF)
3. डेंगू शॉक सिंड्रोम (DSS)

इन तीनों में से दूसरे और तीसरे तरह का डेंगू सबसे ज्यादा खतरनाक होता है। साधारण डेंगू बुखार अपने आप ठीक हो जाता है और इससे जान जाने का खतरा नहीं होता लेकिन अगर किसी को DHF या DSS है और उसका फौरन इलाज शुरू नहीं किया जाता तो जान जा सकती है। इसलिए यह पहचानना सबसे जरूरी है कि बुखार साधारण डेंगू है, DHF है या DSS है। 

डेंगू के लक्षण इस प्रकार हैं:

साधारण डेंगू बुखार

  • ठंड लगने के बाद अचानक तेज बुखार चढ़ना 
  • सिर, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना 
  • आंखों के पिछले हिस्से में दर्द होना, जो आंखों को दबाने या हिलाने से और बढ़ जाता है 
  • बहुत ज्यादा कमजोरी लगना, भूख न लगना और जी मितलाना और मुंह का स्वाद खराब होना 
  • गले में हल्का-सा दर्द होना 
  • शरीर खासकर चेहरे, गर्दन और छाती पर लाल-गुलाबी रंग के रैशेज होना 
  • क्लासिकल साधारण डेंगू बुखार करीब 5 से 7 दिन तक रहता है और मरीज ठीक हो जाता है। ज्यादातर मामलों में इसी किस्म का डेंगू बुखार होता है। 

डेंगू हैमरेजिक बुखार (DHF)

  • नाक और मसूढ़ों से खून आना 
  • शौच या उलटी में खून आना 
  • स्किन पर गहरे नीले-काले रंग के छोटे या बड़े चिकत्ते पड़ जाना 

डेंगू शॉक सिंड्रोम (DSS)

इस बुखार में DHF के लक्षणों के साथ-साथ ‘शॉक’ की अवस्था के भी कुछ लक्षण दिखाई देते हैं। जैसे : 

  • मरीज बहुत बेचैन हो जाता है और तेज बुखार के बावजूद उसकी स्किन ठंडी महसूस होती है। 
  • मरीज धीरे-धीरे होश खोने लगता है। 
  • मरीज की नाड़ी कभी तेज और कभी धीरे चलने लगती है। उसका ब्लड प्रेशर एकदम लो हो जाता है। 

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क्या है प्लेटलेट्स की भूमिका 

आमतौर पर तंदुरुस्त आदमी के शरीर में डेढ़ से दो लाख प्लेटलेट्स होते हैं। प्लेटलेट्स बॉडी की ब्लीडिंग रोकने का काम करती हैं। अगर प्लेटलेट्स एक लाख से कम हो जाएं तो उसकी वजह डेंगू हो सकता है। हालांकि यह जरूरी नहीं है कि जिसे डेंगू हो, उसकी प्लेटलेट्स नीचे ही जाएं। प्लेटलेट्स अगर एक लाख से कम हैं तो मरीज को फौरन हॉस्पिटल में भर्ती कराना चाहिए। अगर प्लेटलेट्स गिरकर 20 हजार तक या उससे नीचे पहुंच जाएं तो प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत पड़ती है। 40-50 हजार प्लेटलेट्स तक ब्लीडिंग नहीं होती। डेंगू का वायरस आमतौर पर प्लेटलेट्स कम कर देता है, जिससे बॉडी में ब्लीडिंग शुरू हो जाती है। अगर प्लेटलेट्स तेजी से गिर रहे हैं, मसलन सुबह एक लाख थे और दोपहर तक 50-60 हजार हो गए तो शाम तक गिरकर 20 हजार पर पहुंच सकते हैं। ऐसे में डॉक्टर प्लेटलेट्स का इंतजाम करने लगते हैं ताकि जरूरत पड़ते ही मरीज को प्लेटलेट्स चढ़ाए जा सकें। प्लेटलेट्स निकालने में तीन-चार घंटे लगते हैं।

इन बातों का रखे ध्यान

  • ठंडा पानी न पीएं, मैदा और बासी खाना न खाएं। 
  • खाने में हल्दी, अजवाइन, अदरक, हींग का ज्यादा-से-ज्यादा इस्तेमाल करें। 
  • इस मौसम में पत्ते वाली सब्जियां, अरबी, फूलगोभी न खाएं। 
  • हल्का खाना खाएं, जो आसानी से पच सके। 
  • पूरी नींद लें, खूब पानी पीएं और पानी को उबालकर पीएं। 
  • मिर्च मसाले और तला हुआ खाना न खाएं, भूख से कम खाएं, पेट भर न खाएं। 
  • खूब पानी पीएं। छाछ, नारियल पानी, नीबू पानी आदि खूब पिएं। 
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बचाव होता है इलाज

  • बीमारी से बचने के लिए फिजिकली फिट, मेंटली स्ट्रॉन्ग और इमोशनली बैलेंस रहें। 
  • अच्छा खाएं, अच्छा पीएं और अच्छी नींद ले। 
  • नाक के अंदर की तरफ सरसों का तेल लगाकर रखें। इससे तेल की चिकनाहट बाहर से बैक्टीरिया को नाक के अंदर जाने से रोकती है। 
  • खाने में हल्दी का इस्तेमाल ज्यादा करें। सुबह आधा चम्मच हल्दी पानी के साथ या रात को आधा चम्मच हल्दी एक गिलास दूध या के साथ लें। लेकिन अगर आपको -नजला, जुकाम या कफ आदि है तो दूध न लें। तब आप हल्दी को पानी के साथ ले सकते हैं। 
  • आठ-दस तुलसी के पत्तों का रस शहद के साथ मिलाकर लें या तुलसी के 10 पत्तों को पौने गिलास पानी में उबालें, जब वह आधा रह जाए तब उस पानी को पीएं। 
  • विटामिन-सी से भरपूर चीजों का ज्यादा सेवन करें जैसे : एक दिन में दो आंवले, संतरे या मौसमी ले सकते हैं। यह हमारे इम्यून सिस्टम को सही रखता है। 

मरीज में DSS या DHF का एक भी लक्षण दिखाई दे तो उसे जल्दी-से-जल्दी डॉक्टर के पास ले जाएं। DSS और DHF बुखार में प्लेटलेट्स कम हो जाती हैं, जिससे शरीर के जरूरी हिस्से प्रभावित हो सकते हैं। डेंगू बुखार के हर मरीज को प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत नहीं होती, सिर्फ डेंगू हैमरेजिक और डेंगू शॉक सिंड्रोम बुखार में ही जरूरत पड़ने पर प्लेटलेट्स चढ़ाई जाती हैं। अगर सही समय पर इलाज शुरू कर दिया जाए तो DSS और DHF का पूरा इलाज मुमकिन है। 

मच्छरों को पैदा होने से रोकने के उपाय

  • घर या ऑफिस के आसपास पानी जमा न होने दें, गड्ढों को मिट्टी से भर दें, रुकी हुई नालियों को साफ करें। 
  • अगर पानी जमा होेने से रोकना मुमकिन नहीं है तो उसमें पेट्रोल या केरोसिन ऑयल डालें। 
  • रूम कूलरों, फूलदानों का सारा पानी हफ्ते में एक बार और पक्षियों को दाना-पानी देने के बर्तन को रोज पूरी तरह से खाली करें, उन्हें सुखाएं और फिर भरें। घर में टूटे-फूटे डिब्बे, टायर, बर्तन, बोतलें आदि न रखें। अगर रखें तो उलटा करके रखें। 
  • डेंगू के मच्छर साफ पानी में पनपते हैं, इसलिए पानी की टंकी को अच्छी तरह बंद करके रखें। 
  • अगर मुमकिन हो तो खिड़कियों और दरवाजों पर महीन जाली लगवाकर मच्छरों को घर में आने से रोकें। 
  • मच्छरों को भगाने और मारने के लिए मच्छरनाशक क्रीम, स्प्रे, मैट्स, कॉइल्स आदि इस्तेमाल करें। गुग्गुल के धुएं से मच्छर भगाना अच्छा देसी उपाय है। 
  • घर के अंदर सभी जगहों में हफ्ते में एक बार मच्छरनाशक दवा का छिड़काव जरूर करें। यह दवाई फोटो-फ्रेम्स, पर्दों, कैलेंडरों आदि के पीछे और घर के स्टोर-रूम और सभी कोनों में जरूर छिड़कें। दवाई छिड़कते वक्त अपने मुंह और नाक पर कोई कपड़ा जरूर बांधें। साथ ही, खाने-पीने की सभी चीजों को ढककर रखें। 

इस प्रकार आप इन तरीकों से अपने आप को और अपने बच्चों को डेंगू (Dengue) जैसी गंभीर समस्या से बचा सकते हैं।

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आप हमारे टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 781-681-1111 पर भी कॉल कर सकते हैं और एक्सपर्ट डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं. याद रहे की लक्षण गंभीर होने पर घरेलु इलाजों पर निर्भर न रहें और जल्द से जल्द डॉक्टर से सलाह लें.

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