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dementia prevention: भूलने की आदत से हैं परेशान, अपनाएं ये 5 असरदार नेचुरल उपचार!

dementia prevention: भूलने की आदत से हैं परेशान, अपनाएं ये 5 असरदार नेचुरल उपचार!

हमारे दिमाग को जब कुछ जरूरी पोषक तत्व नहीं मिलते तो वह कमजोर हो जाता है जिसकी वजह से याददाश्त (dementia) कमजोर होती जाती है।

आजकल की व्यस्त जीवनशैली में बात-बात पर भूलने की बीमारी (dementia) आम हो गई है। पहले यह समस्या अधिक उम्र के लोगों में देखी जाती थी लेकिन अब यह समस्या कम उम्र के बच्चों में भी देखने को मिलती है।

 

छोटी-छोटी चीजों को भूलने पर आप उसे इग्नोर कर देते है लेकिन यह एक बीमारी का संकेत हो सकता है जिसे अल्जाइमर कहा जाता है।

इसके शुरूआती लक्षणों में लोगों को बात-बात पर भूलने, बात करते समय सही शब्द ना आना, लोगों और साधारण चीजों को न पहचाने जैसे लक्षण दिखाई देते है। अपनी जीव शैली में कुछ छोटे-छोटे बदलाव करके आप समय रहते इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आइये जानते है जीवनशैली में आप कौन-कौन से छोटे-छोटे बदलाव कर सकते है जिनसे आपकी स्मरण शक्ति तेज रहेगी।

भूलने की बीमारी का रामबाण घरेलू इलाज (Dementia prevention)

भरपूर नींद लें:

अच्छी और भरपूर नींद से आप भूलने के साथ-साथ कई बीमारियों से दूर रहते है। हर उम्र के लोगों के लिए कम से कम 10 घंटे की नींद जरूरी होती है। इसमें से 8 घंटे की नींद आपको इस परेशानी से दूर रखती है।

एक्सरसाइज करें :

वैसे हर किसी के लिए एक्सरसाइज या व्यायाम करना फायदेमंद होता है l लेकिन रोजाना एक्सरसाइज करने से याददाश्त (dementia) बढ़ने के साथ-साथ शरीर को और भी कई तरह के फायदे होते हैं l इसलिए रोजाना समय निकालकर 10 से 20 मिनट तक एरोबिक करेंl

पौष्टिक भोजन करें:

भूलने की समस्या (dementia) से बचने के लिए अपनी डाइट में पौष्टिक भोजन जैसे अंडा, सूखें मेवे, हरी सब्जियाँ, मछली, चुकंदर, सेब, कॉफी, भीगे हुए बादाम, घी और दालों को शामिल करें।

मानसिक रूप से रहें सक्रिय:

इस समस्या को दूर रखने के लिए शारीरिक के साथ-साथ मानसिक काम करना भी जरूरी है। मानसिक रूप से सक्रिय रहने के लिए क्रॉसवर्ड पजल, सुडोकू, संगीत यंत्रों को बजाना और दिमागी खेल खेलें। ऐसा करने से दिमाग तेज होता है और हम चीजें जल्दी नहीं भूलते।

पिस्ता खाएं:

याददाश्त (dementia) को तेज बनाने के लिए पिस्ता बहुत फायदेमंद होता है इसलिए अपनी डाइट में पिस्ता जरूर शामिल करें। पिस्ता में 0.54 मि.ग्राम थाइमीन पाया जाता है जो दिमाग को तेज करता है।

वजन को कंट्रोल रखें:

आपके वजन का प्रभाव आपकी याददाश्त पर पड़ता है। आपकी मानसिक और शारीरिक हेल्थ को बेहतर बनाए रखने के लिए वजन को कंट्रोल में रखना अच्छा तरीका है एक रिसर्च के अनुसार मोटे होने की वजह से आपके मस्तिष्क में याददाशत से जुड़े जीन में कई तरह के बदलाव हो सकते हैं, जो हमारी याददाशत (dementia) को प्रभावित करने का काम करते हैं इसलिए आपको अपने वजन को कंट्रोल में रखना जरूरी है।

रिफाइंड कार्ब्स का सेवन कम करें:

अगर आप बहुत अधिक मात्रा में कार्बोहाइड्रेट जैसे केक, कुकीज़, सफेद ब्रेड और सफेद चावल आदि का सेवन करते हैं तो यह आपकी याददाश्त (dementia) पर बुरा प्रभाव डालता हैं। इन खाद्य पदार्थों में अधिक मात्रा में ग्लाइसेमिक पाया जाता है, जिसको आपका शरीर इन कार्बोहाइड्रेट को जल्दी और आसानी से पचा लेता है, जिससे ब्लड शुगर के लेवल में तेजी से वृद्धि हो जाती है।

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डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग किसी भी प्रकार से दवाई या डॉक्टर से लिया गया इलाज का विकल्प नहीं है। किसी भी समस्या के लिए डॉक्टर से  www.aayu.app पर परामर्श लें ।

 

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल:

(A) दिमाग की बीमारी कैसे होती है?

मनोभ्रंश रोग (डिमेंशिया) दिमाग की क्षमता का निरंतर कम होना है। यह दिमाग की बनावट में शारीरिक बदलावों के परिणामस्वरूप होता है। ये बदलाव स्मृति, सोच, आचरण तथा मनोभाव को प्रभावित करते हैं। अल्जाइमर रोग मनोभ्रंश रोग (डिमेंशिया) की सामान्य किस्म है।

(B) दिमाग काम नहीं करने का कारण क्या है?

जरूरत से ज्यादा या कम नींद के कारण मस्तिष्क की कोशिकाएं सिकुड़ने लगती हैं, जिससे आपकी याददाश्त कमजोर होती है इसलिए आपको रोजाना 7-8 घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए। मीठा खाने की लत भी आपके दिमाग के लिए खतरनाक हो सकते है।

(C) अल्जाइमर रोग किसकी कमी से होता है?

अल्जाइमर रोग केवल स्मृति की हानि नहीं है वास्तव में धीरे-धीरे स्मृति को कम करना रोग का एक लक्षण है। यह मस्तिष्क के अंदर टंगल्स या प्लाक नामक प्रोटीन के निर्माण के कारण होता है।

(D) अल्जाइमर कौन सी बीमारी है?

अल्जाइमर रोग ‘भूलने का रोग’ है। इस बीमारी के लक्षणों में याददाश्त की कमी होना, निर्णय ना ले पाना, बोलने में दिक्कत आना तथा इसकी वजह से सामाजिक और पारिवारिक समस्याओं की गंभीर स्थिति होना आदि शामिल हैं।

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