fbpx

Delta Variant: कोरोना का डेल्टा वैरिएंट दिखा रहा अपना असर, जानें डेल्टा वैरिएंट की पूरी जानकारी

Delta Variant: कोरोना का डेल्टा वैरिएंट दिखा रहा अपना असर, जानें डेल्टा वैरिएंट की पूरी जानकारी

Delta Variant–  कोरोना वायरस के नए नए रुप सामने आ रहे हैं। वायरस के इन रुप को वैरिएंट (Delta Variant) कहा जाता है। इसमें से एक डेल्टा वैरिएंट को लेकर एक नई रिसर्च समाने आई है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना वैक्सीन लेने के बाद भी डेल्टा वैरिएंट(B1.617.2) (Delta Variant) काफी असरदार दिख रहा है। 

1. जानिए डेल्टा वैरिएंट के बारे में क्या कहती है रिसर्च (New Research on Delta Variant)

दिल्ली एम्स द्वारा जारी शोध में कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट को बहुत खतरनाक बताया गया है। स्टडी बताती है कि कोरोना वायरस का डेल्टा वैरिएंट (Delta Variant) वैक्सीन के असर को कम कर दे रहा है। वैक्सीन लेने के बाद संक्रमित हुए ज्यादातर लोगों में डेल्टा वैरिएंट ही पाया जा रहा है।

शोध में ये बताया गया है कि कोरोना वैक्सीन की एक या दोनों डोज लेने के बाद भी डेल्टा वैरिएंट (Delta Variant) लोगों पर अपना असर दिखा रहा है। इसका खतरा कम नहीं हो रहा है। हालांकि, इस शोध रिपोर्ट की अभी समीक्षा किया जाना बाकी है।

2. क्या है कोरोना डेल्टा वैरिएंट? (What is Delta Variant)

देश में कोरोना की दूसरी लहर के लिए कोरोना के डेल्टा वैरिएंट को जिम्मेदार माना जाता है। यह पहली बार भारत में ही पाया गया। अब इसी वैरिएंट का बदला रूप डेल्टा प्लस है।

भारत में पहली बार कोरोना के जिस प्रकार का पता चला था वो बी.1.167.2 था। ये भारत में सबसे पहले पाए गए तीन में से एक उप-प्रकार है। ये भारत में अक्‍टूबर 2020 में पाया गया था। भारत में पहली बार मिले बी.1.167.2 वैरिएंट को ही ‘डेल्‍टा वैरिएंट’ (Delta Variant) नाम दिया गया है। ये स्‍ट्रेन अब तक दुनिया के करीब 53 देशों में मिल चुका है। इसको विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने बेहद घातक बताया है।

3. कैसे बना डेल्टा प्लस वैरिएंट?

डेल्टा प्लस वैरिएंट (Delta plus Variant), डेल्टा वैरिएंट (Delta Variant) यानी कि बी.1.617.2 स्ट्रेन के म्यूटेशन से बना है। म्यूटेशन का नाम K417N है और कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन में यानी पुराने वाले वेरिएंट में थोड़े बदलाव हो गए हैं। इस कारण नया वेरिएंट  (Delta plus Variant) सामने आ गया। स्पाइक प्रोटीन (Spike protein) , वायरस का वह हिस्सा होता है जिसकी मदद से वायरस हमारे शरीर में प्रवेश करता है और हमें संक्रमित करता है।

डिस्क्लेमर

इस लेख में कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट और डेल्टा प्लस वैरिएंट के बारे में सामान्य जानकारी दी गई है। अपने फोन पर रोजाना स्वास्थ्य जानकारी प्राप्त करने, घर बैठे डॉक्टर से परामर्श करने और दवाईयां मंगवाने के लिए आयु ऐप डाउनलोड करें

संबंधित ब्लॉग

COVID-19 in Kids: बच्चों में कोविड-19 को लेकर सरकार की नई गाइडलाइन

Novavax Corona Vaccine: वायरस के खिलाफ प्रभावी है नोवावैक्स, 90.4फीसद असरदार

Corona mutation Alpha: कोरोना का नया वेरिएंट ‘अल्फा’ के अदृश्य रुप ने बढ़ाई चिंता

बच्चों में कैसे करें कोरोना के लक्षणों की पहचान? सरकार ने जारी की गाइडलाइन

ब्लैक, वाइट और येलो फंगस के लक्षण, फंगस इंफेक्शन के कारण और इलाज

CATEGORIES
Share This

COMMENTS

Wordpress (0)
Disqus ( )