World Thrombosis Day: डीप वेन थ्रोंबोसिस क्या है? लक्षण और रोकथाम
“थ्रोम्बोसिस पर जागरूकता बढ़ाने के लिए डब्ल्यूटीडी की स्थापना की गई है। इसलिए हर साल 13 अक्टूबर को वर्ल्ड थ्रोम्बोसिस डे (World Thrombosis Day) मनाया जाता है। “
1. थ्रोंबोसिस क्या है? what is Thrombosis ?
थ्रोंबोसिस रक्त धमनी या नस में थक्के का बनना होता है। जब पैर की गहरी नस (Deep Vein) में थक्का बनता है, इसे गहरी नस थ्रोंबोसिस (डीवीटी) के नाम से जाना जाता है। थक्का सामान्य रक्त के प्रवाह को कम या रोक सकता है तथा अलग-अलग अंग में जा सकता है।
जब थक्का रक्त संचारण (Blood Circulation) में चला जाता है तथा फेफड़ों में रोक लेता है, तब इसे फुफ्फुसीय एम्बोलिज़म (दिल का आवेश) (पीई) के नाम से जाना जाता है। डीवीटी और पीई मिलकर शिरापरक थ्रंबोइनबोलिज्म (वीटीई) बनाते हैं।
आइये जानते है इनके बारे में और जानें।
2.फुफ्फुसीय एम्बोलिज्म क्या है? What is Pulmonary embolism?
फुफ्फुसीय अन्त: शल्यता (PE) फेफड़ें की मुख्य धमनी या इसके किसी भाग में किसी पदार्थ के द्वारा होने वाला एक रूकावट है जो शरीर के किसी अन्य भाग से रक्त प्रवाह के माध्यम से आता है।
यह आमतौर पर पैर के गहरे नसों से थ्रंबस (रक्त थक्का) के एम्बोलिज्म का कारण होता है, इस प्रक्रिया को शिरापरक थ्रंबोइनबोलिज्म कहते हैं। इसका एक छोटा अनुपात हवा या फैट इंबोलाइजेशन के कारण होता है। फेफड़ें में रक्त प्रवाह की रूकावट और परिणामस्वरूप हृदय के दाहिने हिस्से में दबाव पीई के लक्षण और संकेत है।
3. डीप वेन थ्रोंबोसिस क्या है?- What is Deep Vein Thrombosis (DVT)?
जब शरीर की धमनियों में रक्त थक्के के रूप में जम जाता है, उसे डीवीटी यानि डीप वेन थ्रोंबोसिस (deep vein thrombosis), कहा जाता है।
4. डीवीटी के लक्षण: Deep Vein Thrombosis (DVT) Symptoms in Hindi
पैरों या पैर की धमनी में सूजन आना, पैरों में दर्द होना खासकर खड़े होते समय या चलते समय, सूजन वाले भाग में जलन या गर्मी का एहसास होना, त्वचा का रंग बदलना आदि।
5.डीवीटी में बरतने वाली सावधानियाँ: precaution of DVT
ऐसे मरीज जिन्हें यह पता चल गया है कि उन्हें डीवीटी हो गया है, उन्हें कुछ सावधानियाँ बरतनी चाहिएं, ताकि परेशानी पैदा करने वाली जटिलताऐं ना हो पाएँ।
एस्प्रिन नामक दवा का सेवन करने से रक्त को पतला होने से रोका जा सकता है। धूम्रपान करने वाले लोगों को धूम्रपान छोड़ देना चाहिए। उदाहरण के लिए अगर लंबी रेल या हवाई यात्रा पर जाना हो तो यात्रा आरंभ करने से पहले एस्प्रीन की हल्की मात्रा ले लें।
इसी तरह हवाई जहाज या ट्रेन में अपने केबिन या सीट के आस-पास तक चहलकदमी कर लेने से डीवीटी के खतरे को कम किया जा सकता है।
रक्त अगर जम नहीं पाएगा या जमा हुआ रक्त का थक्का फेफड़ों तक नहीं पहुँच पाएगा तो डीवीटी का खतरा नहीं रहता।
जिन लोगों के डीवीटी का शिकार हो जाने का खतरा ज्यादा रहता है उन्हें कंप्रेशन स्टॉकिंस पहनने की सलाह दी जाती है।
6. डीवीटी किन लोगों में पाया जाता है?
डीवीटी उन लोगों में ज्यादा पाया जाता है जो हवाई जहाज और कार में अधिक यात्रा करते है। वह लोग जो किसी बीमारी जैसे हार्ट फेल्योर, फ्रैक्चर, साँस संबंधी तकलीफ, ट्रॉमा, दुर्घटना आदि के बाद लंबे समय तक बेड पर रहते हैं।
मधुमेह से पीड़ित मोटे लोग, धूम्रपान करने वाले लोग एवं वह महिलाऐं जो गर्भधारण से बचने के लिए दवाओं का इस्तेमाल करती हैं उन्हें भी डीवीटी की परेशानी हो सकती है।
7. डीवीटी की रोकथाम: Prevention of Deep Vein Thrombosis (DVT) in Hindi
अपने डॉक्टर से नियमित जाँच करवाएँ। दवाओं को समय पर लें।
किसी भी बीमारी या सर्जरी के बाद जल्द से जल्द बिस्तर से उठें।
अपने पैरों को आगे की तरफ फैलाएं और खींचे ताकि रक्त प्रवाह ठीक से हो।
8. डीवीटी का उपचार: Deep Vein Thrombosis (DVT) Treatment in Hindi
अगर मरीज को डीवीटी है, तो उसे तत्काल इंजेक्शन के सहारे हेपैरिन दवा दी जाती है। मरीजों को इसी तरह की दवा खाने की सलाह दी जाती है। यह दवा कई महीनों तक चल सकती है।
जब मरीज इन दवाओं का सेवन करते है तो बार-बार रक्त की जाँच करवानी चाहिए, ताकि यह अंदाजा हो सके कि मरीज को रक्त को पतला करने वाली दवाओं की सही मात्रा दी जा रही है या नही। हैमरेज के खतरे को दूर रखा जा सकता है। ऐसा होने पर डीवीटी का खतरा कम रहेगा।
ऑपरेशन के विकल्प को बहुत कम अवसरों पर आजमाया जाता है। किसी भी ऑपरेशन या सर्जरी के बाद अधिक दिनों तक बेड पर ना रहने की हिदायत दी जाती है।
एंटीकोगुलेंट दवाईयाँ (anticoagulant medicines) डीवीटी का उच्चस्तरीय उपचार हैं जैसे हेपारिन व वेराफेरिन (heparin and warfarin mechanism of action) । ये रक्त में नए-नए क्लाट या गांठ बनने से रोकने में मदद करते हैं साथ ही पुरानी गांठों को बड़ा नहीं होने देती। ये इन गांठों को घटा नहीं सकते क्योंकि शरीर धीरे-धीरे खुद ही इन गांठों को समाप्त कर देता है।
पैरों के लिए विशेष तकिए बनाए गए हैं ताकि यात्रा करते हुए लोग उसकी सहायता से पैरों का व्यायाम कर सकें।
आमतौर पर ऑपरेशन के कुछ समय बाद तक मरीज को अस्पताल में रहना पड़ता है ताकि उसे चिकित्सकों की निगाहों में रखा जाए और किसी भी तरह की जटिलता उत्पन्न होने पर जल्दी से जल्दी कार्यवाई की जा सकें।
बड़े डीवीटी के केसों में लिम्ब इस्कीमिया (Limb ischemia) हो सकता है। इससे धमनियों पर दबाव पड़ता है जिससे गैंगरीन, त्वचा में इंफेक्शन होने का खतरा रहता हैं।
अस्वीकरण: सलाह सहित इस लेख में सामान्य जानकारी दी गई है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है।अधिक जानकारी के लिए आज ही अपने फोन में आयु ऐप डाउनलोड कर घर बैठे विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श करें। स्वास्थ संबंधी जानकारी के लिए आप हमारे हेल्पलाइन नंबर 781-681-11-11 पर कॉल करके भी अपनी समस्या दर्ज करा सकते हैं। आयु ऐप हमेशा आपके बेहतर स्वास्थ के लिए कार्यरत है।