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Cytomegalovirus: कोविड-19 मरीजों को फंगल इन्फेक्शन के बाद अब साइटोमेगलो वायरस का खतरा

Cytomegalovirus: कोविड-19 मरीजों को फंगल इन्फेक्शन के बाद अब साइटोमेगलो वायरस का खतरा

Cytomegalovirus: कोविड -19 मरीजों में फंगल इंफेक्शन के बाद एक नए तरह के इंफेक्शन साइटोमेगलो वायरस ने दस्तक दे दी है, डॉक्टर्स साइटोमेगलो वायरस (Cytomegalovirus) के रीएक्टिव होने को जनता के लिए नया खतरा बता रहे हैं। कोरविड-19 से रिकवरी के  20-30 दिन बाद यह समस्या देखी जा रही है। अभी तक साइटोमेगलो वायरस (Cytomegalovirus) के 5 केस सामने आए हैं ये मामले दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में मिले हैं। साइटोमेगलो वायरस के शुरुआती लक्षण (Cytomegalovirus symptoms) पेट दर्द, रेक्टल ब्लीडिंग बताए जा रहे हैं यह वायरस कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों पर ज्यादा अटैक कर रहा है। 

1. साइटोमेगलो वायरस पर क्या कहना है रिसर्चर्स का

 मुंबई के जसलोक हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में इंफेक्शियस डिजीज विभाग में कंसल्टेंट डॉ. माला कानेरिया, अहमदाबाद के नारायणा मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के क्रिटिकल केयर स्पेशलिस्ट डॉ. विवेक दवे और जयपुर में फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल में क्रिटिकल केयर एंड आईसीयू डिपार्टमेंट में सीनियर कंसल्टेंट डॉ. पंकज आनंद  द्वारा हिंदी समाचार पत्र भास्कर को दी जानकारी और जर्नल ऑफ हैपेटोलॉजी पत्रिका में प्रकाशित रिपोर्ट के आधार पर जानें साइटोमेगलो वायरस के बारे में। 

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2. डॉक्टर्स के अनुसार, क्या है साइटोमेगलो वायरस?  What is Cytomegalovirus 

** साइटोमेगलो वायरस (Cytomegalovirus) ह्यूमन हर्पीज वायरस फैमिली का सदस्य है। यह वायरस 80% से 90% भारतीय आबादी में पहले से मौजूद है।

** डॉक्टर्स का कहना है कि साइटोमेगलो वायरस (Cytomegalovirus) ज्यादातर कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों पर अटैक करता है। यह चिकनपॉक्स और इंफेक्शियस मोनोन्यूक्लियोसिस के लिए भी जिम्मेदार है जो किसी भी उम्र में हो सकता है।

** साइटोमेगलो वायरस (Cytomegalovirus) एक बार आपके शरीर में आ गया तो यह जीवन भर के लिए बना रहता है। यह असिम्प्टोमेटिक या फ्लू जैसी बीमारी हो सकता है।

** साइटोमेगलो वायरस दिल, दिमाग, फेफड़ों, आंत और किडनी समेत सभी अगों को नुकसान पहुंचा सकता है। यह वायरस संक्रमित मरीज के ब्लड, यूरिन और सलाइवा से फैलता है। 

** कोविड-19 मरीजों में साइटोमेगलो का खतरा (Cytomegalovirus) स्टोरॉयड्स और अन्य दवाओं के इस्तेमाल से कमजोर इम्यूनिटी के चलते बढ़ता है।

3. कोविड के बाद पुरुषों में सामने आ रही हैं ये समस्याएं 

Cytomegalovirus in coronavirus patients

Cytomegalovirus in coronavirus patients

4. जानें साइटोमेगलो वायरस इन्फेक्शन के लक्षण  (Cytomegalovirus symptoms)

बुखार, गले में खराश, मांसपेशियों में दर्द या थकान, स्किन रैश हैं। अगर इम्यूनिटी अच्छी है तो 2-3 हफ्ते में ये लक्षण खुद-ब-खुद बिना इलाज के भी दूर हो जाते हैं।

इस वायरस के हावी होने पर मरीज का वजन कम होने लगता है। कुछ मरीजों में डायरिया या रेक्टल ब्लीडिंग (मल के साथ खून आना) के लक्षण भी देखे गए हैं। यह जानलेवा भी हो सकता है।

5. साइटोमेगलो वायरस का इलाज (Cytomegalovirus treatment)

साइटोमेगलो वायरस का इलाज (Cytomegalovirus treatment) ऑक्सीजन देकर, एंटीवायरल गैन्सिक्लोविर (इंट्रावेनस) और अन्य तरीकों से किया जा सकता है। विशेषज्ञों की सलाह है कि इन मरीजों में सेकेंडरी बैक्टेरियल सेप्सिस की जांच होनी चाहिए।

6. कोविड से रिकवरी के बाद सामने आ रहे हैं पेट से जुड़े रोग 

गालब्लैडर में सूजन के मामले कई अन्य देशों में भी आए हैं। जेनेवा के यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल्स के डॉक्टरों ने जर्नल ऑफ हैपेटोलॉजी में इसका उल्लेख भी किया है। मुंबई के आकाश हेल्थकेयर हॉस्पिटल ने भी दावा किया कि कोविड से रिकवरी के बाद पेट से जुड़े रोगों को लेकर 50 मरीज एडमिट हो चुके हैं। दरअसल, अच्छी बात यह रही कि मरीजों ने सही समय पर अस्पताल से संपर्क किया। वरना, ये लक्षण जानलेवा भी साबित हो सकते थे।

डिस्क्लेमर

यह लेख जर्नल ऑफ हैपेटोलॉजी पत्रिका में प्रकाशित रिपोर्ट के आधार पर साइटोमेगलो वायरस को लेकर आपकी जानकारी के लिए दिया गया है। यह किसी भी प्रकार से विशेषज्ञ डॉक्टर की सलाह का विकल्प नहीं हो सकता। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए घर बैठे विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श लेने और घर बैठे दवाईयां मंगवाने के लिए आयु ऐप डाउनलोड करें। 

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