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Corona Weekly News : अब कोविड टेस्ट में कम होगा वायरस का खतरा, 1 नवंबर से मिलेगी कोरोना वैक्सीन !

Corona Weekly News : अब कोविड टेस्ट में कम होगा वायरस का खतरा, 1 नवंबर से मिलेगी कोरोना वैक्सीन !

कोविड टेस्ट के (Covid test) लिए अमेरिका के मैसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के रिसर्चर्स ने 4 पैरों वाले रोबोट का निर्माण किया है, जो कोरोना पीड़ित (Corona patient) का 6 फीट की दूरी से कोविड-19 टेस्ट (Covid-19 Test) करेगा। 

रिपोर्ट के मुताबिक, कोविड टेस्ट के लिए तैयार इस रोबोट के चेहरे पर टैबलेट लगा है इसके जरिए डॉक्टर मरीज़ों से बात करते हैं। रोबोट का एक व्यक्ति दूर बैठकर ऑपरेट करता है। यह मरीज का पल्स रेट, तापमान (Temperature) को 6 फीट दूरी से ही नाप सकता है। मरीज की जांच करने के लिए इसमें चार अलग-अलग हिस्सों पर कैमरा लगाया गया है। 

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Covid Test with robot

बतादें, रोबोट में लगाया गया इंफ्रा कैमरा मरीज का तापमान, ब्रीथिंग रेट चेक करता है। मरीज के मास्क लगाने के बावजूद यह जांच करने में समर्थ है। इसके अलावा तीन अन्य कैमरे पल्स रेट, ब्लड में ऑक्सीजन का लेवल जांचते हैं। 

1 नवंबर से मिलेगी COVID-19 वैक्सीन

1. एक बार संक्रमित हुए तो 4 माह तक रहता है एंटीबॉडी का असर

कोरोनावायरस (Coronavirus) पर एक रिसर्च सामने आई है, जिसमें बताया गया है कि कोरोना (Corona) का सबसे ज्यादा खतरा बुजुर्गों को लेकिन सबसे ज्यादा इम्युनिटी रेस्पॉन्स इनमें ही देखा गया है। अगर अधिक उम्र वाले एक बार संक्रमित हुए तो 4 माह तक इनके शरीर में एंटीबॉडी का असर रहता है।

न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन प्रकाशित रिसर्च के मुताबिक, संक्रमण के बाद हर मरीज में एंटीबॉडी नहीं बनती हैं क्योंकि कुछ लोगों में वायरस से लड़ने की इम्युनिटी काफी कमजोर होती है। रिसर्च की सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि बुजुर्ग कोरोना के रिस्क जोन में हैं लेकिन एंटीबॉडी का सबसे बेहतर इम्यून रेस्पॉन्स इन्हीं में ही देखा गया।

जानें क्या हैं एंटीबॉडीज?

Coronavirus Antibody's
Coronavirus Antibody’s

जब इंसान किसी वायरस के संपर्क में आता है तो शरीर का इम्यून सिस्टम उससे लड़ने के लिए एंटीबॉडीज बनाता है। ये वायरस को शरीर में फैलने से रोकती हैं। शरीर में इसका लेवल पता करने के लिए एंटीबॉडी टेस्ट कराया जाता है।

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2. मात्र 15 मिनट में चलेगा कोरोना संक्रमण का पता 

कोरोना टेस्ट के लिए अब आपको 48 घंटों का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। अब मात्र 15 मिनट में संक्रमण का पता लगाया जा  सकता है। 

Corona test result within 15 minutes
Corona test result within 15 minutes
  • न्यूज रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्विट्जरलैंड की दवा कंपनी रॉश ने घोषणा की है कि वह वह सितंबर महीने के अंत तक कोरोना वायरस (Coronavirus) का पता लगाने के लिए एक टेस्ट पेश करेगी।
  • इसके जरिए सिर्फ 15 मिनट में COVID-19 का पता लगाया जा सकेगा। कंपनी ने कहा कि ये टेस्ट SARS-CoV-2 वायरस की पहचान करता है, जिसके वजह से दुनिया भर में महामारी फैली है। 
  • ग़ौरतलब है कि कोरोना वायरस महामारी से अब तक दुनिया भर में 8.51 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, संक्रमण का कुल आंकड़ा 2.54 करोड़ से ऊपर पहुंच गया है। 

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3.मिल गया कोरोना वायरस का इलाज

कोरोनावायरस (Coronavirus) के इलाज को लेकर जापान की ओसाका यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने दावा किया है कि रुमेटॉयड आर्थराइटिस की दवा एक्टेमरा से कोरोना के 7 मरीज़ों का इलाज किया गया है। रिसर्चर्स के मुताबिक, यह दवा संक्रमण के बाद शरीर में होने वाले साइटोकाइन स्टॉर्म को भी रोकती है।

रिसर्चर्स का कहना है कोरोना के इन 7 मरीज़ों की हालत बेहद खराब थी। इन्हें वेंटिलेटर और ऑक्सीजन थेरेपी दी जानी थी। मरीज को यह दवा इंजेक्शन के रूप में दी गई। इससे संक्रमण के बाद शुरू हुए साइटोकाइन स्टॉर्म पर भी काबू पाया गया। और बेकाबू इम्यून सिस्टम को भी कंट्रोल किया गया। 

Coronavirus vaccine has been found
Coronavirus vaccine has been found

क्या होता है साइटोकाइन स्टॉर्म?

साइटोकाइन स्टॉर्म की स्थिति में शरीर को बचाने वाला इम्यून सिस्टम (रोग प्रतिरोधी तंत्र) नुकसान पहुंचाने लगता है। यह या तो बहुत तेज काम करने लगता है या बहुत धीमा हो जाता है। नतीजा फेफड़ों में सूजन और पानी भर जाता है। सांस लेना मुश्किल होने लगता है। अगर समय पर कंट्रोल नहीं हुआ तो मरीज की मौत हो सकती है।

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