कोविड-19 वैक्सीन (Covid-19 vaccine) कोवीशील्ड (Covishield) के फाइल स्टेज का ट्रायल चल रहा है, इसी बीच एक वॉलंटियर ने सीरम इंस्टीट्यूट की कोवीशिल्ड वैक्सीन (Covishield vaccine) के साइडइफेक्ट होने का आरोप लगाया है। वॉलंटियर ने कहा- कि वैक्सीन (Vaccine) के बाद याददाश्त कमजोर हो रही है।
वॉलंटियर ने ICMR,DCGI और ब्रिटेन की एस्ट्राजेनेका को नोटिस भेजा है। जबकि कोवीशील्ड वैक्सीन के ट्रायल में कोवीशील्ड के 70 परसेंट असरदार होने का दावा किया गया।
सीरम इंस्टीट्यूट ने किया 100 करोड़ का क्लेम
वॉलंटियर ने इसके लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) से 5 करोड़ रुपए का हर्जाना मांगा है। हालांकि, SII ने वॉलंटियर के सभी आरोपों को खारिज कर दिया। कहा कि उनकी समस्याओं के लिए कहीं से भी वैक्सीन जिम्मेदार नहीं है। प्रेस नोट जारी कर 100 करोड़ रुपए के नुकसान की भरपाई के लिए क्लेम करने को कहा है।
1. वॉलंटियर ने ट्रायल रोकने की मांग की
वॉलंटियर ने अपने लीगल नोटिस में वैक्सीन का ट्रायल तुरंत रोकने की मांग भी की है। उधर, डिस्चार्ज रिपोर्ट के मुताबिक, वॉलंटियर ने खुद डिस्चार्ज करने की रिक्वेस्ट की थी। वह उस वक्त एक्यूट एन्सेफैलोपैथी से रिकवर कर रहा था। उसमें विटामिन B12 और विटामिन D की भी कमी थी। इसके अलावा शायद वह कनेक्टिव टिश्यू डिसऑर्डर से भी जूझ रहा था।
(ii). वॉलंटियर ने लगाए ये आरोप
वैक्सीन बिल्कुल सुरक्षित नहीं है। तुरंत इसके सारे अप्रूवल्स कैंसिल कर देने चाहिए। उत्पादन और वितरण पर भी रोक लगना चाहिए।
- वैक्सीन लेने के बाद वह ट्रामा में चला गया था।
- वैक्सीन के एडवर्स इफेक्टिव को इससे जुड़े लोग छिपा रहे हैं।
- ECG टेस्ट से पता चला है कि वैक्सीन लेने के बाद दिमाग धीरे-धीरे प्रभावित होता है। ये काम करना बंद कर देता है।
- साइकैट्रिस्ट ने रिपोर्ट का इवैल्युएशन करने के बाद बताया कि इससे बोलने और देखने की क्षमता पर भी असर पड़ा है। इसने पूरे कागनेटिव फंक्शन को प्रभावित किया है।
- वैक्सीन ने न्यूरोलॉजिकल और साइकोलॉजिकल दोनों ही तरह से प्रभावित किया है। इसने मुझे पूरी तरह से तोड़कर रख दिया है।
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