Corona Brief news: ऑक्सफ़ोर्ड से कोरोना पर अच्छी खबर, COVID-19 के टीके का भारत में होगा ट्रायल
COVID-19 के टीके का भारत में होगा ट्रायल: ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी में तैयार कोरोना वायरस वैक्सीन (टीका) का ट्रायल भारत में शुरू होगा। लाइसेंस मिलने के बाद यह प्रक्रिया शुरू की जाएगी। यह जानकारी ब्रिटेन में शोधकर्ताओं के साथ भागीदारी करने वाली भारतीय कंपनी ने दी।
लैंसेट मेडिकल जनरल में प्रकाशित ट्रायल के परिणामों के मुताबिक, क्लिनिकल ट्रायल के पहले चरण में AZD1222 टीके के नतीजे सकारात्मक रहे हैं। इसके किसी तरह के गंभीर साइड इफेक्ट्स देखने को नहीं मिले हैं। शोधकर्ताओं का दावा है कि इसे टीके के कोई बड़े साइड इफेक्ट्स नहीं हैं। हालांकि, कुछ साइड इफेक्ट्स हैं, जिन्हें पैरासेटामॉल के जरिये दूर किया जा सकता है।
2. ऑक्सफ़ोर्ड से कोरोना पर अच्छी खबर
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ऑक्सफोर्ड ने एक वैक्सीन डेवलप की है जो इम्युन सिस्टम को बढ़ाने में मददगार है। इस वैक्सीन का 1077 लोगों पर ट्रायल किया गया, जिसमें पता चला कि ये ऐसी एंडीबॉडी और व्हाइट ब्लड सेल्स तैयार कर सकती है, जो कोरोना वायरस से लड़ सकते हैं।
वैक्सीन कैसे काम करती है?
- ChAdOx1 nCoV-19 नाम की ये वैक्सीन चिम्पेंजी में कॉमन कोल्ड करने वाले वायरस को जेनेटिकली इंजीनियर करके बनाई जा रही है।
- वैज्ञानिकों ने इसके लिए कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन का जेनेटिक इंस्ट्रक्शन वैक्सीन में ट्रांसफर किया है। स्पाइक प्रोटीन की मदद से ही कोरोना वायरस मानव कोशिकाओं को प्रभावित करता है।
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- इसका मतलब ये है कि वैक्सीन कोरोना वायरस जैसी दिखती है और इम्यून सिस्टम इस पर हमला करना सीख सकता है।
3.वैक्सीन की रेस: नतीजे वायरस को रोकने में कमज़ोर कर सकते हैं।
ऑक्सफ़ोर्ड, चिंपैंजियों में मिले एडिनोवायरस का उपयोग कर रहा है। हालांकि इंसानों में इस वायरस के खिलाफ पहले से एंटी-बॉडीज नहीं हैं। वैज्ञानिकों ने बताया कि कैनसीनो वैक्सीन इंसानों में सर्दी-जुकाम फैलाने वाले एडिनोवायरस की मदद ले रहा है। ऐसे में कई लोगों में पहले से तैयार एडिनोवायरस का डिफेंस वैक्सीन को नाकाम करता नजर आ रहा है।
वहीं, तीन लैबोरेटरीज़ ने इंसानों पर हुए शुरुआती ट्रायल्स के रिजल्ट को भरोसेमंद बताया है। बैलोर कॉलेज ऑफ मेडिसीन में वैक्सीन शोधकर्ता डॉक्टर पीटर जे होटेज ने कहा कि “इसका मतलब यह है कि यह वैक्सीन फेज थ्री के ट्रायल्स में ले जाने लायक हैं।”
फेज थ्री के ट्रायल्स से हमें पता लगेगा कि ड्रग कितना असरदार है। सभी डेवलपर्स ने कहा कि उनकी वैक्सीन कोविड 19 से उबर चुके मरीज की तरह ही एंटीबॉडी के स्तर को सामने लाती है।
वैज्ञानिकों ने इस बात को लेकर आगाह किया है कि लैब टेस्ट में मिला कोई भी रिस्पॉन्स यह गारंटी नहीं देता कि वैक्सीन बीमारी को रोक सकती है। उन्होंने बताया कि दूसरी वैक्सीन्स से जुड़े इम्यून रिस्पॉन्स की तुलना करना लगभग नामुमकिन है क्योंकि रिपोर्ट्स स्टैंडर्डाइज नहीं हैं।
4. चीनी हैकरों पर कोरोना वैक्सीन से जुड़ी जानकारियाँ चुराने का आरोप
अमेरिकी न्याय विभाग ने 21 जुलाई को दो चीनी हैकरों पर संयुक्त राज्य अमेरिका और दुनिया के कई दूसरे देशों की कोरोना वैक्सीन से जुड़ी गुप्त जानकारियाँ और बौद्धिक संपदा की चोरी का आरोप लगाया।
राष्ट्रीय सुरक्षा के सहायक अटॉर्नी जनरल जॉन डिमर्स ने कहा कि इसके अलावा चीनी हैकर्स ने संयुक्त राज्य अमेरिका और हांगकांग में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को भी अपना निशाना बनाया है। डिमर्स ने कहा कि हैकर्स चीन के राज्य के सुरक्षा मंत्रालय के साथ काम कर रहे थे।
5. कोरोना से बचने के लिए खीरा, पालक और पत्तागोभी खाएं-
- रिसर्च के मुताबिक, जिन सब्जियों में एंटी-ऑक्सीडेंट की मात्रा अधिक वो कई तरह से सुरक्षा देती हैं
- शोधकर्ताओं का दावा, हरी सब्जियों में सल्फोराफेन है जो Nrf2 को एक्टिवेट करता है, यही Nrf2 कोविड-19 की गंभीरता से सुरक्षा देता है।
कोरोना संक्रमण के बाद मौत की दर को घटाना है तो खाने में खीरे, पालक और पत्तागोभी की मात्रा को बढ़ाएं। एक ग्राम सब्जी की मात्रा भी मौत को दर को घटा सकती है।
यह दावा विश्व स्वास्थ्य संगठन के ग्लोबल एलायंस अंगेस्ट क्रॉनिक रेस्पिरेस्ट्री डिसीज के पूर्व चेयरमैन डॉ. जियन बूस्क्वैट ने अपनी रिसर्च में किया है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि ब्रेसीकेसी फैमिली की इन सब्जियों में सल्फोराफेन होता है जो शरीर में Nrf2 को एक्टिवेट करता है। यही Nrf2 कोविड-19 की गंभीरता से सुरक्षा देता है।
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