fbpx

Covid-19 Vaccine: आज से लगेगा कोविड-19 वैक्सीन का दूसरा डोज, जानिए डोज नहीं लगाया तो क्या होगा?

Covid-19 Vaccine: आज से लगेगा कोविड-19 वैक्सीन का दूसरा डोज, जानिए डोज नहीं लगाया तो क्या होगा?

Covid-19 Vaccine: कोरोनावायरस के खिलाफ जिन लोगों ने वैक्सीनेशन करवाया है उनको कोविड-19 वैक्सीन का दूसरा डोज लगवाना अनिवार्य है। आज से देश में कोविड वैक्सीन का दूसरा डोज लगाया जाएगा। कोरोना वैक्सीनेशन के दूसरे डोज लगवाने को लेकर सरकार ने गाइड लाइन जारी की है। जिसमें बताया गया है कि दूसरा डोज किस वैक्सीन का लगेगा? अगर 28वें दिन दूसरा डोज नहीं ले सके तो क्या होगा? क्या देरी की वजह से वैक्सीन का असर कम हो जाएगा?

1. सरकार और कोविड वैक्सीन कंपनियों द्वारा जारी गाइड लाइन 

सरकार और कोविड वैक्सीन कंपनियों द्वारा जारी गाइड लाइन में कहा गया है कि दो डोज में 28 दिन का अंतर रहेगा। इसके अलावा जिस वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) का पहला डोज दिया है, उसका ही दूसरा डोज भी दिया जाएगा। यानी अगर पहला डोज कोवीशील्ड का लगा है तो दूसरा भी उसका ही होगा। दूसरे डोज के 14 दिन बाद ही वैक्सीन का असर शुरू होगा।

सरकार कोरोना वैक्सीनेशन के प्लान बी पर काम कर रही है। जिसके तहत 1 करोड़ हेल्थ केयर और 2 करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स के वैक्सीनेशन के बाद 27 करोड़ बुजुर्गों और रिस्क ज़ोन में आ रहे अन्य लोगों को वैक्सीनेट करना है। 

उम्मीद है कि मार्च में बड़ा और तीसरा फेज शुरू होगा। अब अगर कोई हेल्थ केयर और फ्रंटलाइन वर्कर दूसरा डोज लगाने के लिए आगे नहीं आता है तो वह खुद को खतरे में डालेगा।

केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा है कि 25 फरवरी से पहले सभी हेल्थ केयर वर्कर्स को कम से कम एक डोज मिल जाना चाहिए। इसी तरह सभी फ्रंटलाइन वर्कर्स को 1 मार्च से पहले कम से कम एक डोज देने का टारगेट है।

2. दुनिया में कोरोना वैक्सीनेशन की ये है स्ट्रेटजी

सवाल है क्या दुनियाभर में वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) के दो डोज में 28 दिन का अंतर रखा जा रहा है? दुनियाभर में अलग-अलग देशों में अलग-अलग स्ट्रैटजी अपनाई गई है। ब्रिटेन में दो डोज के बीच 12 हफ्ते तक का अंतर रखा जा रहा है। ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को कम से कम एक डोज मिल जाए। वहीं, अमेरिका में सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (CDC) ने अधिकतम 6 हफ्ते तक का अंतर रखने की बात कही है।

कोरोना वायरस से बचाव और कोविड वैक्सीनेशन (Covid-19 Vaccine) को लेकर विशेषज्ञ ब्रिटिश स्ट्रैटजी को अच्छा बता रहे हैं। जहां डोज में 12 हफ्ते तक का अंतर रखा जा रहा है। साथ ही प्रोटेक्शन का लेवल भी बढ़ रहा है। 

विशेषज्ञ डॉक्टरों का  कहना है कि नए डेटा के अनुसार कोवीशील्ड के सिंगल स्टैंडर्ड डोज की इफेक्टिवनेस 90वें दिन तक 76% रहती है। प्रोटेक्टिव एंटीबॉडी लेवल्स भी मेंटेन रहते हैं। दूसरा डोज छह हफ्ते के भीतर दिया गया तो इफेक्टिवनेस 54.9% थी, जो 12 हफ्ते के अंतर में बढ़कर 82% हो गई।

3. क्यों है कोविड वैक्सीन का दूसरा डोज लगाने की जरूरत ? (Why is the Covid vaccine the second dose needed?)

वैक्सीन एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोरोना के खिलाफ ज्यादातर वैक्सीन दो डोज को ध्यान रखते हुए ही डिज़ाइन की गई हैं। पहला डोज आपके शरीर को ट्रेन करता है कि वह वायरस के हमले को कैसे पहचाने? साथ ही इम्यून सिस्टम को तैयार करे? यह इम्यून सिस्टम ही बीमारियों के खिलाफ शरीर का डिफेंस सिस्टम होता है। दूसरे डोज को बूस्टर शॉट कहते हैं। यह इम्यून सिस्टम को बढ़ाता है। इस वजह से दोनों डोज लेना जरूरी है।

ये भी पढ़ें

डिस्क्लेमर:

आज इस लेख में हमने बताया है कि Covid-19 Vaccine का दूसरा डोज कब लगेगा और क्यों हैं वैक्सीन का दूसरा डोज लगवाना जरूरी। उम्मीद है ये जानकारी आपको पसंद आएगी। अगर आपका इस बारे में कोई सुझाव है तो हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बताएं। कोरोनावायरस या अन्य स्वास्थ्य जानकारी रोज़ाना अपने फोन पर पाने के लिए डाउनलोड करें आयु ऐप

CATEGORIES
Share This

COMMENTS

Wordpress (0)
Disqus ( )