Corona brief news : COVID 19 से भी ज्यादा घातक है टीकाकरण में गिरावट
COVID 19: कोविड-19 महामारी (COVID-19 pandemic) के चलते देश और दुनिया की स्वास्थ्य सेवाओं पर बहुत बुरा असर पड़ा है, खासकर बच्चों पर। इस महामारी के दौरान बच्चों के टीकाकरण (Vaccination) में भारी गिरावट दर्ज की गई है, जो सबसे बड़ी चिंता का विषय है।
1.टीकाकरण में भारी गिरावट, कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक
नेशनल हेल्थ मिशन के आंकड़ों के मुताबिक जनवरी से अप्रैल तक में टीकाकरण (Vaccination) की संख्या में 64 प्रतिशत की कमी आई है।
नेशनल हेल्थ मिशन का आंकड़ा कहता है कि जनवरी 2020 के मुकाबले अप्रैल में टीबी से बचाने वाला बीसीजी टीकाकरण 50% तक कम किया गया। जनवरी 2020 के मुकाबले अप्रैल में ओरल पोलियो 39% घट गई है। जनवरी 2020 के मुकाबले अप्रैल में पेंटावैलेंट टीकाकरण जो 5 घातक बीमारियों (मेनिन्जाइटिस, निमोनिया, काली खांसी, टिटनेस, हेपेटाइटिस बी और डिप्थीरिया) 68% तक गिरा है। जनवरी 2020 के मुकाबले अप्रैल 2020 में 69% बच्चों ने रोटावायरस टीका नहीं लगवाया।
कई न्यूज रिपोर्ट्स में डॉक्टरों ने चिंता जाहिर करते हुए बताया कि कई गर्भवती महिलाओं को भी जरूरी टीके लगते हैं, लेकिन कोरोना के खौफ में ये भी प्रभावित हुए, स्वास्थ्य केंद्रों में आने की लोगों से अपील के साथ साथ इनके लिए कुछ खास स्वास्थ्य इंतजाम इनके भय को कम करने में मददगार साबित हो सकते हैं।
2.कोरोना वैक्सीन एस्ट्राजेनेका फेज-3 के ट्रायल में पहुंची
Covid-19 vaccine: कोरोना वायरस की वैक्सीन एस्ट्राजेनेका पर अमोरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि- एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन फेज-3 के ट्रायल में पहुंच गई है जिसका 30 हजार लोगों पर ट्रायल किया जाएगा।
मालूम हो, दुनिया में कोरोना संक्रमितों की संख्या तकरीबन 2.56 करोड़ के करीब पहुँच गई है। इनमें 1 करोड़ 79 लाख 22 हजार 92 मरीज ठीक हो चुके हैं, जबकि 8 लाख 54 हजार 229 लोगों की मौत हो चुकी है। अभी 68 लाख 45 हजार 604 मरीज ऐसे हैं, जिनका इलाज चल रहा है। ये आंकड़े www.worldometers.info/coronavirus के मुताबिक हैं।
दरअसल, एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन को ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने विकसित किया है। कंपनी ने कहा कि फेज-3 के ट्रायल में अमेरिका में 80 जगहों पर लगभग 30 हजार वॉलंटियरों को शामिल किया जाएगा। अमेरिका में दो कंपनियों मॉडर्ना और फाइजर की वैक्सीन भी फेज-3 के ट्रायल पर हैं। दोनों कंपनियां 30 हजार वॉलंटियरों पर ट्रायल कर रही हैं।
3.कोरोना के चलते दुनिया के 90% देशों को हेल्थ सिस्टम हुआ खराब
COVID-19 Update: कोरोना वायरस के चलते दुनिया के करीब 90 प्रतिशत देशों का हेल्थ सिस्टम (Health System) चरमराने लग गया है। इस पर WHO ने चिंता जाहिर करते हुए चेतावनी दी है कि वैक्सीन को मंजूरी देने की कुछ देशों की जल्दबाजी एक आपदा को बुलावा दे रही है।
WHO ने चेताया है कि जो देश बिना तैयारी के लॉकडाउन हटा रहे हैं, वे तबाही को बुलावा दे रहे हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि कोरोना वायरस की वैक्सीन को मंज़ूरी देने की प्रक्रिया को ‘गंभीरता’ से लिए जाने की ज़रूरत है। संयुक्त राष्ट्र के स्वास्थ्य संगठन की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने पत्रकारों से कहा कि सभी देश ट्रायल पूरा किए बिना दवाओं को मंज़ूरी देने का अधिकार रखते हैं मगर यह कोई ‘हल्के में लिया जाने वाला काम नहीं है।’
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