Covid-19 Vaccination: वैक्सीनेशन का प्लान तैयार, जानें, कब, किसे और कैसे मिलेगी कोरोनावायरस वैक्सीन?
Covid-19 Vaccination: भारत में कोविड-19 वैक्सीनेशन को लेकर सरकार ने प्लान तैयार कर लिया है। आज यानि 9 दिसंबर 2020 को कई देशों से 64 राजदूत और उच्चायुक्त कोरोनावायरस की वैक्सीन बनाने वाली हैदराबाद की 2 कंपनियों में विजिट करने पहुँचे हैं। वहीं केंद्र सरकार ने कोरोना वैक्सिनेशन (Covid-19 Vaccination) के प्लान की घोषणा कर दी है।
वैक्सीनेशन को लेकर सरकार का जवाब
वैक्सीन कब, किसे और कहां मिलेगी, इस सब की जानकारी एक ऐप के माध्यम में दी जाएगी। सरकार का कहना है कि हर उस भारतीय को वैक्सीन लगाई जाएगी, जिसे लगानी जरूरी है, लेकिन सबको लगेगी या नहीं, इस पर सरकार के पास फिलहाल कोई जवाब नहीं है।
जानकारी के मुताबिक, केंद्र सरकार ने अगस्त में कोविड-19 (Covid-19 Vaccination) के लिए वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन पर नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप (NEGVAC) बनाया था। इसने ही तय किया है कि कोविड-19 का वैक्सिनेशन किस तरह आगे बढ़ेगा, वैक्सीन की खरीद प्रक्रिया क्या होगी, वैक्सीन का चुनाव कैसे होगा, वैक्सीन की डिलीवरी कैसे होगी और ट्रैकिंग मैकेनिज्म क्या होगा? NEGVAC की सिफारिशों के आधार पर शुरुआती फेज में इन तीन ग्रुप्स को सबसे पहले वैक्सिनेट किया जाएगा…
सबसे पहले इन लोगों को मिलेगी कोरोना वैक्सीन-
- एक करोड़ हेल्थकेयर वर्कर्स:
- दो करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स: इसमें केंद्र और राज्यों की पुलिस, आर्म्ड फोर्सेस, होमगार्ड्स, सिविल डिफेंस और डिजास्टर मैनेजमेंट वॉलंटियर्स, म्युनिसिपल वर्कर्स शामिल रहेंगे।
- 27 करोड़ 50 साल से अधिक उम्र वाले
वैक्सिनेशन ऐसे होगा
राज्य स्तर परः हर राज्य में स्टेट स्टीयरिंग कमेटी (SSC) बनेगी, जिसकी अध्यक्षता मुख्य सचिव करेंगे।
जिला स्तर परः डिस्ट्रिक्ट टास्क फोर्स (DTF) जिलों में वहां के कलेक्टरों की अध्यक्षता में काम करेंगे।
ब्लॉक लेवल परः सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट या तहसीलदार या ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर- BDO की अध्यक्षता में ब्लॉक टास्क फोर्स (BTF) भी होंगे, जो ब्लॉक लेवल पर वैक्सीनेशन पर काम करेंगे।
फाइजर, एस्ट्राजेनेका, कोवैक्सीन पर चल रहा है काम
भारत में इस समय 3 वैक्सीन कंपनियों ने अपनी वैक्सीन के लिए ड्रग रेगुलेटर (DCGI) से इमरजेंसी अप्रूवल मांगा है। इनमें अमेरिकी कंपनी फाइजर, पुणे की कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) और भारत बायोटेक शामिल है।
द न्यू ड्रग्स एंड क्लिनिकल ट्रायल्स रूल्स 2019 में कहा गया कि विशेष परिस्थितियों में किसी दवा या वैक्सीन को ट्रायल्स से जुड़ा डेटा न होने पर भी इमरजेंसी अप्रूवल दिया जा सकता है। इसका इस्तेमाल कर ड्रग रेगुलेटर वैक्सीन को मंजूरी दे सकता है।
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