कोविड-19 निमोनिया क्या है, इलाज | Daily Health Tip | Aayu App
“कोविड-19 निमोनिया डायबिटीज़ के रोगियों के लिए ज्यादा खतरनाक होता है। इसलिए डायबिटीज़ से पीड़ित लोग अपना ज्यादा ध्यान रखें। अगर निमोनिया जैसे गंभीर लक्षण नज़र आ रहे हों तो तुरंत चिकित्सक से परामर्श करें। “
” COVID-19 pneumonia is more dangerous for diabetic patients. Therefore, people who have diabetes should take more care of themselves. If severe symptoms like pneumonia are seen, consult a doctor immediately. “
Health Tip for Aayu App
कोरोना का संक्रमण व्यक्ति के फेफड़ों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुँचाता है। नया कोरोना वायरस 2019 के आखिर में अनजान कारणों से निमोनिया जैसी बीमारी के रूप में सामने आया बाद में इस बीमारी का कारण सार्स कोरोना वायरस-2 के रूप में चला। इसमें शुरुआत में हल्की सर्दी-जुकाम होता है। कोविड-19 निमोनिया (Covid Pneumonia) घातक साबित होता है। जिन लोगों में कोविड-19 के साथ निमोनिया की समस्या है उनके घातक परिणाम सामने आए है।
कोविड-19 सीधा फेफड़ों पर अटैक करता है। इससे फेफड़े डेमेज होते है। निमोनिया कोरोना मरीजों के मौत का कारण भी बना है। कोरोना का संक्रमण निमोनिया से ग्रसित लोगों में ज्यादा देखने को मिल रहा है और ऐसे लोगों को जल्दी भी हो सकता है।
निमोनिया क्या है?: What is Pneumonia in Hindi:
निमोनिया फेफड़े की बीमारी है। इसमें फेफड़े में इंफेक्शन होने से ब्लड में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। बीमारी बढ़ने पर सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। जिन लोगों को निमोनिया होता है, उनके फेफड़े कमजोर हो जाते है।कोरोना वायरस का संक्रमण होने पर सांस से जुड़ी समस्याएं पैदा होती है इसलिए ऐसे लोगों को खास सावधानी बरतनी चाहिए।
कोविड-19 के मरीजों को निमोनिया कैसे होता है?
कोविड-19 संक्रमितों को कफ और बुखार होता है। विल्सन के मुताबिक, ऐसा रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट तक संक्रमण होने से होता है। इसमें रेस्पिरेटरी लाइनिंग में जख्म हो जाता है, जिससे रेस्पिरेटरी लाइनिंग में सूजन पैदा होती है। यह एयरवे की लाइनिंग में परेशानी पैदा करता है तथा धूल के एक कण से भी खांसी होने लगती है।
हालत तब और बिगड़ जाती है, जब यह एयरलाइनिंग को पार कर गैस एक्सचेंज यूनिट तक पहुँचता है। एयरलाइनिंग यदि संक्रमित हो जाए तो फेफड़े के निचले हिस्से से वायु कोषों में सूजन पैदा करने वाली सामग्री डालने लगता है। वायु कोषों (Air Sacs) में सूजन के बाद द्रव (Liquid) तथा इनफ्लेमेटरी सेल्स फेफड़े में आने लगते है, जिसका परिणाम निमोनिया होता है। इस स्थिति में फेफड़ें रक्त प्रवाह से पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं ले पाता और शरीर में ऑक्सीजन लेने तथा कार्बन डाइऑक्साइड के प्रभाव से बचने की क्षमता कम हो जाती है। यह निमोनिया की एक गंभीर स्थिति है।
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा आयु ऐप (AAYU App) पर डॉक्टर से संपर्क करें.
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