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Corona Brief News: कोविड-19 की नई दवा लांच, काला पीलिया की दवाई से होगा कोरोना का इलाज !

Corona Brief News: कोविड-19 की नई दवा लांच, काला पीलिया की दवाई से होगा कोरोना का इलाज !

Covid19 New Drug FluGuard : कोविड-19 की नई दवा फ्लूगार्ड टेबलेट बाज़ार में आ गई है। दवा कंपनी सन फार्मा ने कोविड-19 की नई दवा को लांच किया है कंपनी ने इसकी कीमत मात्र 35 रुपए रखी है। वहीं कोविड़ मरीज़ों के इलाज के लिए रोहतक पीजीआई में काला पीलिया की दवाई का ट्रॉयल करने की मंजूरी मिल गई है और इसके लिए 86 लाख रुपए की राशि भी मंज़ूर कर दी गई है।

1.कोविड-19 की दवा फ्लूगार्ड टेबलेट, जानें इसके बारे में-

FluGuard New Covid19 Drug : देश में कोरोना के हल्के लक्षणों वाले मरीज़ों का इलाज फ्लूगार्ड टेबलेट से  किया जाएगा। इस टेबलेट में फेविपिराविर की 200 एमजी की डोज है। सन फार्मास्युटिकल्स इंडस्ट्रीज़ ने मंगलवार को कोविड-19 के मरीज़ों के लिए फ्लूगार्ड टेबलेट लॉन्च की। एक टेबलेट की कीमत 35 रुपए है।

flugaurd tablet
Covid-19-new-drug-fluguard-launch-For Covid Treatment

कम्पनी का दावा है कि फेविपिराविर एक मात्र एंटी-वायरल ड्रग है जिसे भारत में कोविड-19 के इलाज के लिए अनुमति दी गई है। फेविपिराविर ड्रग को बड़े स्तर पर जापानी कम्पनी फुजीफिल्म होल्डिंग कॉर्प तैयार करती है। कम्पनी इसे एविगन के नाम से बाजार में बेचती है, जिसका इस्तेमाल इन्फ्लुएंजा के इलाज में किया जाता है।

2. अब काला पीलिया की दवाई से होगा कोरोना मरीज़ों का इलाज!

काला पीलिया की दवाई से कोविड़ -19 के मरीज़ों का इलाज किया जाएगा। इसके लिए रोहतक पीजीआई में काला पीलिया की दवाई का ट्रॉयल करने की मंजूरी भी मिल गई है और इसके लिए 86 लाख रुपए की राशि मंजूर की गई है।

corona patients
Corona patients will be treated with black jaundice medicine
  • हेल्थ यूनिवर्सिटी के वीसी डॉ ओपी कालरा के मुताबिक,  विश्व के पांच देशों में काला पीलिया (Black Jaundice) की दवाई से कोरोना मरीजों (Corona Patients) को ठीक करने के लिए ट्रॉयल किया गया था, जिसके नतीजे सकारात्मक रहे हैं। 
  • इसके बाद रोहतक पीजीआई (Rohtak PGI) की ओर से भी ये ट्रॉयल करने के लिए डिपार्टमेंट ऑफ बायो टेक्नोलॉजी से अनुमति मांगी गई थी। और अब काला पीलिया की दवाई के ट्रायल को मंजूरी मिल गई है।

3.डर के आगे बिजनेस, हर तीसरा ग्राहक खरीद रहा इम्यूनिटी प्रोडक्ट 

कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को आर्थिक, शारीरिक और भावनात्मक रुप से तबाह करके रख दिया है, लोगों में डर का माहौल पैदा हो गया है।

  • इससे बचने के लिए लोग तरह-तरह के देशी और विदेशी हथकंड़े अपना रहे हैं। और इसका फायदा उठा रही हैं देशी प्रॉडक्ट बनाने वाली कंपनियां- चाय और कॉफी कंपनियां भी ‘इम्यूनिटी मंत्र’ दे रही हैं।
immunity product
Consumers Are Cashing In On The Fear Of The COVID 19 Pandemic, Immunity Mantra For Earning
  • दरअसल, कोविड-19 के डर से लोग अधिक मात्रा में इम्यूनिटी प्रोडक्ट खरीद रहे हैं। इसके बाद हर कंपनी इसमें अपना बिज़नेस तलाश रही है और तरह-तरह के इम्यूनिटी प्रॉडक्ट बाज़ार में लेकर आ रही हैं। 

500 फीसदी बढ़ी इम्यूनिटी शब्द की सर्चिंग 

कोरोनावायरस के संक्रमण से लड़ने के लिए मजबूत इम्यूनिटी पावर का होना बहुत जरूरी बताया गया है। डब्ल्यूएचओ से लेकर हेल्थ एक्सपर्ट ने माना है कि अगर आपकी इम्यूनिटी बेहतर है तो कोरोना से लड़ने में मदद मिलेगी। 

नीलसन की रिपोर्ट के अनुसार, कंज्यूमर्स की खरीदारी पैटर्न में बडा बदलाव देखा गया है। ऑनलाइन वेबसाइट पर हर तीसरा ग्राहक इम्यूनिटी बढ़ाने वाले उत्पाद खरीद रहा है। वहीं, गूगल पर इम्यूनिटी शब्द की सर्चिंग 500 फीसदी बढ़ी है। लोगों के इसी डर को दिग्गज कंपनियां भुनाने में लगी हैं और इसे मार्केटिंग स्ट्रेटेजी का हिस्सा बना रही है।

4.रूस की Covid-19 वैक्सीन को लेकर WHO की चेतावनी

  •  रूस की Covid-19 वैक्सीन को लेकर  विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization-WHO) ने कई तरह के शक जाहिर किये है। WHO ने कहा है कि रूस ने वैक्सीन बनाने के लिए तय गाइडलाइंस का पालन नहीं किया है, ऐसे में इस वैक्सीन की सफलता पर भरोसा करना मुश्किल है।
who vaccine
Who warns russia on covid 19 vaccine

जबकि रूस (Russia) ने कोविड-19 वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) पर सभी क्लिनिकल ट्रायल ख़त्म होने का ऐलान कर दिया है और कहा है कि अक्टूबर के पहले हफ्ते से ही मास वैक्सीनेशन का कार्यक्रम शुरू करने वाला है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी वेबसाइट पर क्लिनिकल ट्रायल से गुजर रहीं 25 वैक्सीन को सूचीबद्ध किया है जबकि 139 वैक्सीन अभी प्री-क्लिनिकल स्टेज में हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रवक्ता क्रिस्टियन लिंडमियर (Christian Lindmeier) से यूएन प्रेस ब्रीफिंग के दौरान ये कहकर सबको चौंका दिया कि अगर किसी वैक्सीन का तीसरे चरण का ट्रायल किए बगैर ही उसके उत्पादन के लिए लाइसेंस जारी कर दिया जाता है, तो इसे खतरनाक मानना ही पड़ेगा। WHO ने कहा कि वैक्सीन उत्पादन के लिए कई गाइडलाइन्स बनाई गई हैं, जो टीमें भी ये काम कर रहीं हैं उन्हें इसका पालन करना ही होगा। 

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