fbpx

Latest Health Updates: नया कोविड टेस्ट, फूंक मारकर 1 मिनट में लगाया जा सकता है कोरोना का पता

Latest Health Updates: नया कोविड टेस्ट, फूंक मारकर 1 मिनट में लगाया जा सकता है कोरोना का पता

COVID-19 Test: कोरोना महामारी (Coronavirus) से निपटने के लिए कई तरह की वैक्सीन पर काम चल रहा है। हाल ही में सिंगापुर की नेशनल यूनिवर्सिटी ने नया कोविड टेस्ट (Covid test) का दावा किया है। इस कोविड टेस्ट के माध्यम से सिर्फ 1 मिनट में फूंक मारकर कोरोना का पता लगाया जा सकता है।

1. फूंक मारकर लगेगा कोरोना का पता

नए कोविड-19 टेस्ट पर रिसर्च कर रही सिंगापुर की नेशनल यूनिवर्सिटी ने कहा कि इस नए कोविड टेस्ट से 180 मरीज़ों की जांच हुई। उन्होंने बताया वायरस की जांच सांस में मौजूद ऑर्गेनिक कम्पाउंड से होती है। 

कोविड-19 की जांच के लिए बस मरीज को ब्रीथ सैम्पलर में फूंक मारनी होती है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, जब मरीज मुंह से हवा ब्रीथ सैम्पलर में डालता है तो यह हवा मास स्पेक्ट्रोमीटर में इकट्‌ठा हो जाती है। इसमें हवा में मौजूद कणों की एनालिसिस की जाती है, वो भी एक मिनट में।

2.  भारतीय वैक्सीन ‘कोवैक्सिन’ को मिली फेज 3 ट्रायल की अनुमति

02 6
Indian vaccine covaxin got permission for phase 3 trial

स्वदेशी कोरोना वैक्सीन  ‘कोवैक्सिन’ के थर्ड फेज के ट्रायल के लिए अनुमति मिल गई है।  आईसीएमआर और भारत बायोटेक की इस वैक्सीन के ट्रायल अगले महीने शुरू हो सकते हैं। उम्मीद की जा रही है कि इसके नतीजे फरवरी तक मिल जाएंगे।

डीजीसीआई (drug controller general of india) की एक्सपर्ट कमेटी की मंगलवार को हुई बैठक में भारत में बन रही कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) कोवैक्सिन को आखिरी दौर के ट्रायल की अनुमति मिल गई है।

इसके अलावा भारत में सीरम इंस्टीट्यूट और ऑक्सफोर्ड-एस्ट्रेजेनेका की पार्टनरशिप में एक वैक्सीन बन रही है। इसके साथ ही जायडस कैडिला ने भी ZyCov-D नाम की एक वैक्सीन तैयार की है।

3. कोरोना से रिकवरी के बाद मरीज़ों के फेफड़े, हार्ट, किडनी पर हो रहा बुरा असर

03 3

कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज़ों की रिवकवरी के बाद भी कई गंभीर लक्षण सामने आ रहे हैं। ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स का दावा है कि डिस्चार्ज होने के बाद कोरोना मरीज़ों में सांस की दिक्कत, डिप्रेशन और बेचैनी जैसे लक्षण सामने आ रहे हैं। 

मरीज़ों में लॉन्ग कोविड के मामले सामने आ रहे हैं, शरीर के अलग-अलग हिस्सों में कोरोना का असर लम्बे समय तक दिख रहा है। रिसर्च के दौरान पाया गया कि 64% मरीज सांस लेने की तकलीफ़ से जूझ रहे थे। वहीं, 55% थकान से परेशान थे।

रिसर्च के मुताबिक, मरीज़ों की MRI करने पर पता चला कि कोरोना के 60% मरीज़ों के फेफड़े एब्नॉर्मल मिले। 29% मरीज़ों की किडनी में दिक्कतें मिलीं। वहीं, 26% में हार्ट प्रॉब्लम्स और 10% को लिवर से जुड़ी समस्याएं हुईं।

लेटेस्ट कोरोना वायरस अपडेट्स और किसी भी बीमारी से संबंधित विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श के लिए डाउनलोड करें ”आयु ऐप’।

CATEGORIES
Share This

COMMENTS

Wordpress (0)
Disqus ( )