Covaxin update: अगले साल की पहली तिमाही में मिलेगी भारत बायोटेक की वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’
Covaxin update: स्वदेशी कोरोनावायरस वैक्सीन कोवैक्सीन (Coronavirus vaccine Covaxin) भारत को अगले साल की पहली तिमाही यानि मार्च तक मिलने की उम्मीद है। बता दें, भारत बायोटेक (Bharat Biotech) कोरोना वैक्सीन ‘कोवैक्सीन (Covaxin)’ का निर्माण कर रहा है। जिसका पहले चरण का परीक्षण अगले महीने शुरू हो सकता है।
1. भारत में कब आएगी कोरोना वैक्सीन?
भारत बायोटेक की ज्वॉइंट मैनेजिंग डायरेक्टर सुचित्रा इला ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सुरक्षा और क्षमता के डेटा के साथ को वैक्सीन अगले साल की पहली तिमाही में उपलब्ध हो जाएगी।
कोरोना वैक्सीन बनाने वाली कंपनी फ़ाइज़र और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के बाद भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल को लेकर ड्रग कंट्रोल ऑफ इंड़िया में आवेदन कर दिया है।
बहरहाल, भारत में कोरोना वैक्सीन के इमरजेंसी अप्रूवल के लिए और इंतजार करना पड़ सकता है। इस सिलसिले में बुधवार को ड्रग रेगुलेटर सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) की मीटिंग हुई।
2. वैक्सीन के इमरजेंसी आवेदन पर क्या हैं SEC की सिफारिशें?
सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन कोवीशील्ड के लिए इमरजेंसी अप्रूवल मांगा था। इस पर सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने तीन बातें कही हैं।
- भारत में चल रहे फेज-2/3 क्लिनिकल ट्रायल्स का सेफ्टी डेटा अपडेट किया जाए।
- UK और भारत में हुए क्लिनिकल ट्रायल्स का इम्युनोजेनेसिटी डेटा पेश किया जाए।
- ब्रिटेन में ड्रग रेगुलेटर के इमरजेंसी यूज आवेदन पर क्या फैसला हुआ है? जब सीरम इंस्टिट्यूट यह जानकारी उपलब्ध कराएगी, तब भारत में इमरजेंसी अप्रूवल पर विचार किया जाएगा।
भारत बायोटेक ने अपनी वैक्सीन- कोवैक्सिन के लिए इमरजेंसी अप्रूवल मांगा है और साथ में फेज-1/2 डेटा पेश किया है। कमेटी ने उसे फेज-3 ट्रायल्स का सेफ्टी और एफिकेसी डेटा पेश करने को कहा है। दरअसल, कंपनी की वैक्सीन के फेज-3 ट्रायल्स 11 नवंबर को शुरू हुए हैं। इसका सेफ्टी और एफिकेसी डेटा 42 दिन बाद ही उपलब्ध हो सकेगा।
3. वैक्सीन के इमरजेंसी अप्रूवल को लेकर भारत में नियम
- अमेरिका के ड्रग रेगुलेटर- फूड एंड ड्रग रेगुलेटर (FDA) के मुताबिक, इमरजेंसी अप्रूवल तभी दिया जा सकता है, जब वैक्सीन या दवा के संभावित खतरों के मुकाबले उससे होने वाला फायदा ज्यादा हो।
- प्रैक्टिकली देखें, तो इसका मतलब है कि फेज-3 ट्रायल्स का एफिकेसी डेटा आने के बाद ही इमरजेंसी अप्रूवल पर विचार हो सकता है। फेज-1 और फेज-2 के डेटा के आधार पर इमरजेंसी अप्रूवल नहीं दिया जा सकता।
- FDA ने कोविड-19 के लिए तय किया है कि अगर फेज-3 एफिकेसी डेटा में वैक्सीन 50% से ज्यादा इफेक्टिव रहती है, तो ही उसे इमरजेंसी अप्रूवल दिया जाएगा। यह डेटा 3,000 से ज्यादा वॉलेंटियर्स का होना चाहिए। वैक्सीन के सभी डोज देने के एक महीने बाद तक कम से कम एक महीने तक कोई गंभीर साइड इफेक्ट नहीं होना चाहिए।
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