Coronavirus Vaccine: किस तरह के लोगों पर कोरोना वैक्सीन की सिर्फ एक खुराक भी है कारगर?
Coronavirus Vaccine latest update : कोरोना वायरस के संक्रमण को काबू में पाने के लिए दुनिया में जितनी भी कोरोना वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) का इस्तेमाल हो रहा है, वह सब दो खुराक वाली हैं।,यानी दोनों खुराक लेने के बाद ही कोई व्यक्ति कोरोना वायरस से सुरक्षित रह सकता है।
1. कोरोना वैक्सीन की सिर्फ एक खुराक भी है असरदार (Coronavirus vaccine effective)
हाल ही में हुए एक अध्ययन में दावा किया गया है कि संक्रमण से ठीक हुए लोग अगर मॉडर्ना या फ़ाइज़र द्वारा विकसित कोविड-19 का टीका (Coronavirus Vaccine) लगवा रहे हैं, तो टीके की दो खुराक के बजाय सिर्फ एक खुराक से भी काम चल सकता है। दरअसल, अध्ययन में टीके की आपूर्ति सीमित संख्या में होने की स्थिति में खुराक कम करने के तरीके के बारे में सुझाव दिए गए हैं।
बहरहाल, शोधकर्ताओं ने अभी तक इस अध्ययन को कहीं प्रकाशित नहीं किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस अध्ययन में 109 कोरोना मरीज़ों में रोग प्रतिरोधी क्षमता (Immunity) का आकलन किया गया है। इसके शोधकर्ताओं में अमेरिका के इकान स्कूल ऑफ मेडिसिन के प्रोफेसर फ्लोरियन क्रैमर भी शामिल हैं।
कोरोना के संक्रमण से उबर चुके लोगों पर असरदार है कोरोना वैक्सीन
किस तरह के लोगों पर कोरोना वैक्सीन (Coronavirus vaccine) की सिर्फ एक खुराक भी कारगर हो सकती है विषय पर अध्ययन कर रहे विशेषज्ञों के मुताबिक, एमआरएनए तकनीक (MRna technique) पर आधारित वैक्सीन की सिर्फ एक खुराक वैसे लोगों में ज्यादा असरदार होती है जो कोरोना के संक्रमण से उबर चुके हैं और उनमें वायरस के खिलाफ रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो गई है। उनका कहना है कि ऐसे लोगों में टीके की पहली खुराक ‘बूस्टर खुराक’ या इम्यूनिटी बूस्टर का काम करती है।
शोध में सामने आई ये बात
अध्ययनकर्ताओं के अनुसार, कोरोना से ठीक हो चुके लोगों में टीका (Coronavirus vaccine) लगाए जाने के बाद रोग प्रतिरोधक क्षमता के स्तर की तुलना उन लोगों से की गई, जिन्हें संक्रमण नहीं हुआ था और उन्हें टीके की दो खुराक दी गई थी। इसके अलावा एक अन्य शोध में स्वास्थ्यकर्मियों को दी गई फ़ाइज़र-बायोएनटेक या मॉडर्ना वैक्सीन की एक खुराक पर रोग प्रतिरोधक क्षमता का अध्ययन किया गया।
एमआरएनए तकनीक पर आधारित वैक्सीन का विश्लेषण
दरअसल, अध्ययन में वैज्ञानिकों ने एमआरएनए तकनीक (MRna technique) पर आधारित वैक्सीन का विश्लेषण किया और इस नतीजे पर पहुंचे कि टीके की एक खुराक भी कारगर हो सकती है। एमआरएनए तकनीक (MRna technique) में कोरोना वायरस के जेनेटिक कोड को शरीर में इंजेक्शन के जरिए इंजेक्ट किया जाता है जिससे शरीर वायरल प्रोटीन बनाने लगता है। हालांकि यह पूरा वायरस नहीं बनाता। इस प्रकार शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र (Immune system) वायरस पर हमला करने में सक्षम हो जाता है।
कोरोना वैक्सीन पाकर अफग़ानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने पीएम मोदी से कहा-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अफग़ानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए समिट-लेवल की बातचीत की। इस दौरान गनी ने कोरोना वैक्सीन (Coronavirus vaccine) मुहैया कराने के लिए भारत का आभार जताया। साथ ही पीएम मोदी ने अफग़ानिस्तान में बढ़ रही हिंसा पर चिंता व्यक्त की।
बातचीत करते हुए अफग़ानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा, ”इस महत्वपूर्ण समय में वैक्सीन की 5,00,000 खुराकें हमें देने का आपने फैसला किया। इससे बड़ा तोहफ़ा कोई और नहीं हो सकता है।”
पीएम मोदी ने कहा कि भारत और अफग़ानिस्तान, दोनों इस क्षेत्र को आतंकवाद से मुक्त देखना चाहते हैं। हम अफग़ानिस्तान में बढ़ती हिंसा से चिंतित हैं और युद्ध विराम का समर्थन करते हैं।
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डिस्क्लेमर-
इस लेख में हमने कोरोना वैक्सीन की खुराक पर किए अध्ययन का जिक्र किया है। आयु ऐप पर कोरोना गाइड सेक्शन में आपको कोरोना वायरस और वैक्सीन (Coronavirus vaccine) से संबंधित तमाम जानकारी मिलेगी, जिसे आप अपने फोन में आयु ऐप डाउनलोड करके पढ़ सकते हैं।
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