Corona Brief news: कोरोना वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल, अब तक वैक्सीन के नतीजे असरदार

Coronavirus Vaccine Update: कोरोना वैक्सीन का दुनिया भर में क्लिनिकल ट्रायल किया जा रहा है, लेकिन अभी कहीं से भी फाइनल नतीजे नहीं आए हैं। कई देशों ने तो कोवैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल (Human Trial) भी शुरू कर दिया है। वहीं भारत में जानवरों पर सफल परीक्षण के बाद इंसानों पर कोवैक्सीन का परीक्षण शुरू हो गया है।
इंसानों पर कोवैक्सीन के परीक्षण के लिए हरियाणा के रोहतक से एक शख्स सामने आया है। उसका कहना है कि जिस तरह से सैनिक देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों तक की चिंता नहीं करते, उसी तरह मैंने भी देश के लिए अपना योगदान दिया।
पूरी दुनिया कोरोना से जूझ रही है, सभी इस उम्मीद में है कि जल्द से जल्द इस कोराना महामारी की दवा बने। कोवैक्सीन के क्लिनिकल परीक्षण के लिए मैंने स्वीकृति देश सेवा समझ कर ही दी है।

17 जुलाई को मुझे कोवैक्सिन की पहली डोज दी गई थी और अब मुझे इंतजार 31 जुलाई का है, जब दूसरे चरण की डोज दी जाएगी।’ युवक ने बताया कि क्लिनिकल ट्रायल से पहले उनके स्वास्थ्य की जांच की गई थी। सभी तरह के परीक्षण किए गए थे कि किसी तरह की मुझे कोई बीमारी तो नहीं।
2. कोवैक्सीन के ट्रायल का अपडेट
- पटना एम्स में भारत के पहले स्वदेशी कोरोना वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल के अगले चरण की तैयारी शुरु हो गई है। 29 जुलाई से वैक्सीन का पहला और दूसरा डोज दोनों साथ-साथ चलेगा, सेकंड डोज भी में हाफ एमएल इंजेक्शन दी जाएगी।
- यह देश का पहला ऐसा संस्थान है जहां सबसे पहले ह्यूमन ट्रायल का दूसरा चरण शुरू होगा। ह्यूमन ट्रायल पहला चरण 15 जुलाई से शुरू हुआ था, अब दूसरा चरण 29 या 30 जुलाई से शुरू होगा।

- पहली डोज ले चुके हरेक व्यक्ति से एम्स की टीम दिन में दो बार फोन करके हालचाल लेती है, अब 750 लोगों पर अगले चरण का ट्रायल करने का लक्ष्य ।
- पीजीआई रोहतक में वैक्सीन के दूसरे चरण का ह्यूमन ट्रायल 31 जुलाई से शुरू होगा। पहले चरण का वैक्सीन ट्रायल 17 जुलाई से शुरू हुआ था। यह दो हिस्सों में था। इसका पहला ट्रायल 25 जुलाई को पूरा हो गया। यह अब तक सफल रहा है। किसी भी वॉलंटियर्स में कोई साइडइफेक्ट नहीं मिला। इसका दूसरा चरण 25 जुलाई से शुरू हो गया है।
3. कोरोना वैक्सीन का तीसरा ह्यूमन ट्रायल,5 जगहों पर होगा परीक्षण
कोरोना वैक्सीन की तीसरे स्टेज का ह्यूमन ट्रायल देश में पांच जगहों पर होगा। भारत में ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी, जाइडस कैडिला कंपनी और भारत बायोटेक के वैक्सीन का ट्रायल होगा। ट्रायल सफल रहने पर भारत में कोरोना वैक्सीन ज्यादा जल्द लाया जा सकेगा।

तीसरा स्टेज काफी अहम है। इससे लोगों पर इस टीके के असर का डेटा मिल सकेगा। ऐसे में उत्पादन शुरू होते ही भारत को जरूरत के मुताबिक वैक्सीन मिल सकेंगे।
वैक्सीन तैयार करने की कोशिशों में डीबीटी शामिल
भारत में वैक्सीन तैयार करने की कोशिशों में डीबीटी शामिल है। यह देश में वैक्सीन बनाने वाली सभी कंपनियों और संस्थानों के साथ मिलकर काम कर रहा है। डीबीटी इसके लिए आर्थिक मदद देने और मंजूरी दिलाने के साथ ही डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क तक इसे पहुंचाने में मदद करेगा। सरकार ने 6 अन्य जगह भी तैयार रखी हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर इन जगहों पर भी ह्यूमन ट्रायल किए जा सकें।
4. दुनिया में 150 वैक्सीन पर काम जारी, रेस में आगे ये चार टीके
मॉडर्ना– अमेरिकी वैक्सीन फेज-3 का ट्रायल में है और इसका सबसे बड़ा ट्रायल शुरू हो गया है। इस दौरान 30 हजार लोगों पर टीके का परिक्षण होगा। वैक्सीन को लेकर अमेरिका का कहना है कि यह इस साल के अंत तैयार हो सकती है।
ऑक्सफ़ोर्ड- ब्रिटेन की ऑक्सफ़ोर्ड यूनिर्विसटी, एस्ट्राजेनेका के साथ मिलकर वैक्सीन बना रही है। वैक्सीन का पहला और दूसरा ट्रायल पूरा हो गया है। ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका में तीसरे फेज का ट्रायल शुरू हो गया है। भारत की सीरम कंपनी ने वैक्सीन के प्रोडक्शन के लिए करार किया है। कंपनी के अनुसार वह अगस्त के अंत में भारत में इसके तीसरे चरण का ट्रायल करने जा रही है। इसमें करीब 4 से 5 हजार लोगों पर वैक्सीन का परीक्षण किया जाएगा।

फाइजर- मॉडर्ना की तरह फाइजर भी अमेरिकी वैक्सीन है। वैक्सीन पहले और दूसरे स्टेज में सफल रही है और फाइनल स्टेज की तरफ बढ़ गई है। अमेरिका ने कंपनी के साथ दिसंबर में इसकी 10 करोड़ खुराक सप्लाई करने के लिए करीब दो अरब डॉलर (15 हजार करोड़ रुपये) का सौदा किया है। कंपनी का दावा है कि इसे साल के आखिर तक तैयार कर लिया जाएगा।
भारत बायोटेक- देश की पहली स्वदेशी कोरोना वैक्सीन (Covaxin) का फिलहाल अलग-अलग राज्यों में ह्यूमन ट्रायल चल रहा है। इसे भारत बायोटेक ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR)से साथ मिलकर यह वैक्सीन बनाई है। यह अगले साल के शुरुआत तक लॉन्च हो सकती है।
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