Weekly Health Updates: कोरोना से मस्तिष्क की तंत्रिका को खतरा! ऐसे करें बचाव
कोरोना वायरस (Coronavirus) का खतरा अब मस्तिष्क की तंत्रिका तक भी पहुँचने लगा है। इस तरह का देश का पहला केस दिल्ली के एम्स में दर्ज हुआ है। बता दें, दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने कोरोना वायरस का पहला ऐसा मामला रिपोर्ट किया, जिसमें संक्रमण की वजह से मरीज की ‘ब्रेन नर्व डैमेज’ (मस्तिष्क की तंत्रिका का क्षति होना) हो गई। मस्तिष्क की तंत्रिका के क्षति होने से 11 वर्षीय बच्ची की दृष्टि धुंधली हो गई।
1. कोरोना से मस्तिष्क की तंत्रिका को खतरा!
न्यूज रिपोर्ट्स के मुताबिक, बाल न्यूरोलॉजी डिविजन के डॉक्टर बच्ची की स्वास्थ्य स्थिति पर एक रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं, जिसे जल्द ही प्रकाशित करने की योजना बनाई जा रही है।
डॉक्टर्स के मुताबिक, तंत्रिकाएं एक सुरक्षात्मक परत के साथ कवर होती हैं, जिसे मायलिन कहा जाता है जो मस्तिष्क से संदेशों को शरीर के अन्य हिस्सों में जल्दी और आसानी से स्थानांतरित करने में मदद करता है। एडीएस बीमारी में मायलिन और मस्तिष्क संकेतों को क्षति पहुंचती है। इसके अलावा तंत्रिका संबंधी कार्यों जैसे दृष्टि, मांसपेशियों की गति, इंद्रियों, मूत्राशय और आंतों की क्षमता भी प्रभावित होती है। और पढ़ें- कम्युनिटी ट्रांसमिशन क्या होता है? क्या पूरे देश में हो रहा है कम्युनिटी ट्रांसमिशन?
2. कोरोना वायरस का इलाज के तरीके जानें
कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण से बचने के लिए अभी तक कोई वैक्सीन नहीं बन पाई है। कोरोना के अधिक मामलों में अमेरिका (80 मिलियन से ज्यादा) पहले तो भारत (70 मिलियन से ज्यादा) दूसरे स्थान पर हैं। दोनों ही देशों में लोग कोरोना की वैक्सीन (Vaccine) के लिए आस लगाए बैठे हैं।
कोरोना के गंभीर रोगियों में हो सकता जोखिम कम स्टेरॉयड (Steroids) जैसे डेक्सामेथासोन (Dexamethasone) की मदद से कोरोना (Covid 19) के गंभीर मरीज़ों में मौत की संभावना को कम किया जा सकता है, लेकिन वह कोरोना के हल्के लक्षणों वाले मरीज़ों के विपरीत हो सकते हैं।
और पढ़ें- मरीज़ों के लिए सलाह
3. कोविड-19 टीके का मानव परीक्षण करने की मंजूरी
कोरोना वायरस की वैक्सीन के दूसरे और तीसरे चरण के भारत में ह्यूमन ट्रायल करने को लेकर डॉ रेड्डीज को मंजूरी मिल गई है। डॉ रेड्डीज लेबोरेटरीज़ लिमिटेड को कोविड-19 के रूस में बने टीके स्पूतनिक वी का भारत में दूसरे व तीसरे चरण का मानव परीक्षण करने की मंजूरी मिल गयी है।
कंपनी के बयान के मुताबिक, उसे और रसियन डाइरेक्ट इवेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) को भारतीय औषधि महा नियंत्रक (डीजीसीआई) से यह मंजूरी प्राप्त हुई है। कंपनी ने कहा कि यह एक नियंत्रित अध्ययन होगा, जिसे कई केंद्रों पर किया जायेगा।
साझेदारी के तहत आरडीआईएफ भारत में विनियामक अनुमोदन पर डॉ.रेड्डीज को वैक्सीन की 10 करोड़ खुराक की आपूर्ति करेगा। और पढ़ें- फरवरी में खत्म हो जाएगा कोरोना
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